जानिए कैसे लायें जीवन में आनंद और सौभाग्य

Know how to bring happiness and good luck in life

तनाव, फिक्र, चिंता, डिप्रेशन, फ्रस्ट्रेशन, इनसिक्योरिटी तो मानो जैसे कि आजकल हम सबों के जीवन का हिस्सा बन गया है। कोई अपने बाॅस से परेशान है, तो  कोई अपनी पत्नी से, कोई अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, तो कोई अपना घर-मकान नहीं बना पा रहा है। कोई अपनी जमीन-जायदाद को लेकर दुःखी है, तो किसी को अपनी कैरियर, जॉब और भविष्य की चिंता सताएं जा रही है। किसी को इस बात की चिंता है कि उसका विवाह नहीं हो पा रहा है और उम्र निकलती जा रही है। व्यापार, धन और रोजगार में तरक्की से संबंधी चिंताएं तो सभी को है। इन सभी चिंताओं और तनाव के बीच मानो हमारे जीवन से आनंद और खुशियाँ कहीं विलुप्त हो चुकी है।

क्या आप भी तनाव में जी रहे हैं? आखिर डिप्रेशन चिंता तनाव का कारण क्या है?

आज की चाहे युवा पीढ़ी हो या वयस्क, सभी को अपने जीवन से अधिक उम्मीदें एवं आशाएँ हैं। किसी भी बात की उम्मीद और आशा रखना एवं उसे प्राप्त करने के लिए कोशिश करना अच्छी बात है, लेकिन जब हमारी यही आशाएँ पूरी नहीं होती है तो निराशा का रूप ग्रहण कर लेती है। जीवन से सारी आशाएँ खत्म होने लगती है, हम नाउम्मीद में जीने लगते हैं और अप्रसन्न होने लगते है। धीरे-धीरे हम तनावग्रस्त होने लगते है, स्वयं को दुर्भाग्यशाली समझने लगते हैं और छोटी-छोटी खुशियां पाने के लिए ललायित हो जाते हैं। तो आइए आज इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि हम अपने जीवन में आनंद और सौभाग्य कैसे लाएं।

जीवन में आनंद, खुशी और तरक्की

हमारे पास आनंद के अनंत अपर्याप्त शक्ति है, परंतु हम अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल सकारात्मक चीजों में ना करके, उसका प्रयोग नाकारात्मक चीजों में करते हैं, जैसे कि तनाव, चिंता, फिक्र आदि।

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एक महापुरुष से किसी ने एक बार पूछा कि आप अपने मानसिक आनंद को किस प्रकार से स्थिर रखते हैं? उस महापुरुष ने उत्तर दिया कि मैं कभी भी अपने मन को दुर्भाग्य, तनाव और चिंता की आशंका से ग्रसित नहीं होने देता हूँ। आवश्यकता है तो बस विचार बदलने की, क्योंकि हमारे विचार हमारे जीवन के मार्गदर्शक का कार्य करते हैं। हमारा सकारात्मक सोचना हमारा भाग्य बनाता है, हमारा भविष्य सुनिश्चित करता है। और वहीं दूसरी ओर नकारात्मक सोच हमारे भाग्य को दुर्भाग्यपूर्ण बनाती है, जो हमारे भविष्य को अंधकार की ओर ले जाती है। अतः हम सभी को चाहिए कि हम अपने जीवन में हमेशा सकारात्मक रहें।

अगर कोई आपसे पूँछे कि आपको आपका जीवन कैसा चाहिए, तो उत्तर होगा - सौभाग्यशाली, आनंदमय और तनाव रहित। तो अपनी अंत: शक्ति का प्रयोग कीजिए, जीवन में प्रेरणा और आनंद की अनुभूति कीजिए। ब्रह्मांड को अपनी ओर आकर्षित कीजिये जिससे कि आपको आपके जीवन में खुशी, तरक्की, आनंद सफलताएं और सौभाग्य अवश्य मिलेगी।

हर दिन प्रातः उठकर सबसे पहले सोचिए कि आज आप अपना दिन कैसा चाहेंगें?

उत्तर- आनंदमय, सफल। तो सोचिए कि आज मेरा इंटरव्यू अच्छा जाएगा, आज मेरी परीक्षा अच्छी जाएगी, आज मेरे उच्च अधिकारी मेरे द्वारा किए गए कार्यो से प्रसन्न होंगे। आज मैं जो भी काम करूँगा/करूँगी, उसमें सफलता जरूर मिलेगी। विश्वास कीजिए आप अपनी सकारात्मक सोच पर आपकी यही विश्वास और सकारात्मक सोच आपको आपकी उपलब्धियों के सबसे ऊँची शिखर तक पहुंचाएगी और आपके जीवन में सौभाग्य की किरण फूट पड़ेगी।

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जीवन में आनंद

  • सुख-दुख से ऊपर की अनुभूति है "आनंद"। सुख-दुख का संबंध मन और शरीर तक ही रहता है, जबकि आनंद का संबंध हमारी अंतरात्मा से होता है। व्यक्ति को अगर आनंद मिल जाए तो व्यक्ति उसे कभी नहीं छोड़ना चाहेगा। अतः आनंद प्राप्त करने के लिए हमें स्वयं से प्रेम करना और दूसरों में प्रेम बांटना होगा। हमें हमारी अंतरात्मा को पवित्र रखना होगा।
  • आनंद और सौभाग्य प्राप्ति हेतु ईश्वर द्वारा निर्मित जीवों के प्रति हमारे अंदर प्रेम की भावना जागृत करनी चाहिए जिससे कि हम आनंद प्राप्ति के दिशा/पक्ष में आगे बढ़ सके। यथाशक्ति हमें दूसरों के प्रति हमारे अंतरात्मा में सेवा भावना, दया, सहानुभूति, परोपकार और ईश्वर के प्रति समर्पण भाव रखना चाहिए जो कि हमारी सच्ची मानवता है। जब तक हम सही मायनों में सच्चे मानव नहीं बन जाते, तब तक आनंद प्राप्ति संभव नहीं है। इसलिए हमें सर्वप्रथम एक सच्चा और नेक मानव बनना होगा, जिसके लिए हमें प्रकृति में उपस्थित सभी प्राणियों के प्रति प्रेम और दया भावना रखनी होगी।
  • अगर हम स्वयं सही अर्थों में मानव बन जाए तो जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियां आएंगी ही नहीं। अगर हम कभी एकांत में शांतचित्त बैठकर गहन् चिंतन करें तो जीवन का लक्ष्य स्पष्ट रूप से सामने दिखाई देगा। हम इस संसार में क्यों आए हैं, कहां जाना है, आदि जैसे बहुत से प्रश्नों के उत्तर हमें स्वतः प्राप्त हो जायेंगे और आनंद प्राप्ति के मार्ग स्वतः प्रशस्त होता चला जाएगा।
  • हमारे जीवन का मुख्य उद्देश्य यह होना चाहिए कि हम शांतिपूर्ण, प्रेममय और आनंदित इंसान बने। यही हमारे मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ कार्य है। हमारी दुनिया प्रेम, प्रकाश और आनंद से भरी हो, अतः इसके लिए हमें दूसरों के प्रति ईर्ष्या, द्वेष आदि की भावना को अपनी अंतरात्मा से नष्ट करना चाहिए।

वर्तमान समय में हर व्यक्ति तनावयुक्त जिंदगी जी रहा है क्योंकि अनेकों चीजों का आदि होने की वजह से व्यक्ति बेहद व्यस्त हो चुका है। इस दौड़-धूप से भरे जीवन को सरल और आनंदमय बनाने हेतु कुछ उपायों का भी विशेष ध्यान रखा जा सकता है जिससे आप अपने जीवन को आनंदमय और सौभाग्यशाली बना सकते हैं।

  1. हमेशा उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
  2. घर के मुख्य द्वार के पर्दे में घुंघरू बांधना शुभ है।
  3. कबाड़, टूटी फूटी आदि अनावश्यक वस्तुओं को घर से दूर ही रखें।
  4. कमरे के दक्षिण-पूर्व दिशा में हरियाली चित्र लगाए।
  5. टूटा कांच घर में ना रखें।
  6. गोल डाइनिंग टेबल का इस्तेमाल नहीं करे।
  7. घर में पोछा करते समय एक बाल्टी पानी में  5 चम्मच नमक डाल दें।
  8. एक गिलास पानी में थोड़ी सी हल्दी डालकर, आम या पान के पत्ते से छिड़काव करें।
  9. अपने ड्राइंग रूम में आधा किलो फिटकरी रखे।
  10. माता-पिता और गुरूजनों का आदर करें।