बुध ग्रह को ग्रहों का युवराज कहा जाता है, और आज 3 जून 2021 को बुध ग्रह मृगशिरा नक्षत्र के दूसरे चरण एवं राशि के अंदर वक्री अवस्था यानी कि तिरछी चाल से प्रवेश करने वाले हैं।
16 जून 2021 को वृषभ राशि में गोचर करते हुए बुध ग्रह का प्रवेश रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण में होने वाला है। बुध ग्रह 23 जून को यहां से यानी की वृषभ राशि के रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण से निकलकर 3 जुलाई को फिर से मिथुन राशि में अपना स्थान ग्रहण करेंगे।
बुध ग्रह को वाणी, व्यापार एवं बुद्धि का देव ग्रह या फिर कारक ग्रह कहा जाता है। शिक्षण कार्यों से भी बुध ग्रह की काफी अहम भूमिका रहती है। बुध के वक्री मार्ग से होकर गोचर करने का असर व्यापार, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है।
धार्मिक ज्योतिषी के अनुसार बुध को बुद्धि, कौशल, व्यापार, प्रबंधन, वार्ता, संचार इत्यादि का कारक माना जाता है, और यही कारण है कि बुध ग्रह को किनारे के छोर के समान महत्व दिया जाता है। इस तटस्थ ग्रह की महत्ता कुंडलियों में बहुत महत्वपूर्ण है।
इस ग्रह का फल शुभ-अशुभ इस बात पर निर्भर करता है कि बुध ग्रह शुभ ग्रह से आते हैं या अशुभ ग्रह से। शुभ ग्रह से किसी राशि में आने से इनका फल शुभ होता है, और वहीं किसी अशुभ ग्रह के संपर्क में आना अपशगुन का प्रतीक है।
कहा जाता है कि बुध ग्रह जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राशि के अनुसार उचित एवं अनुकूल अवस्था में विराजमान रहते हैं, उन जातकों को बौद्धिक स्तर में कभी कमी का आभास नहीं होता, और उनके लिए गए सभी फैसले एवं बड़े छोटे निर्णय प्रभावशाली एवं तार्किक होते हैं। जैसे ही बुध ग्रह का आगमन वृषभ राशि में होगा, उसी क्षण राहु के सभी दोष प्रभावशाली रूप से कम हो जाएंगे।
तो आइए जानते हैं कि बुध की वक्री चाल से सभी 12 राशियों पर आने वाले समय में क्या प्रभाव पड़ेगा, एवं कैसा रहेगा इन राशियों के जातकों का समय।
मेष राशि
आपकी राशि में बुध का प्रभाव द्वितीय भाव में होगा जिसके कारण राहु के दुष्प्रभाव में काफी हद तक कमी आ सकती है। इस बीच आपको यह ध्यान में रखना बेहद आवश्यक है कि अपने किसी भी कार्य में व्यर्थ की जिद एवं क्रोध का समावेश ना होने दें। जितना हो सके उतना अपने क्रोध एवं अहंकार को दूर रखकर कोई भी निर्णय लें।
यदि परिवार के बीच में कोई कलह भी होता है तो अलगाववादी माहौल ना बनने दें एवं कोशिश करते रहे कि परिवार में उठने वाले द्वंद को घर में ही सुलझाया जा सके। इन राशि के जातकों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि आपकी अचानक से धन प्राप्ति के संयोग बन रहे हैं। जो रुपए-पैसे कभी अतीत में डूब चुके थे, वे भी वापस आने के आसार हैं।
वृषभ राशि
इस राशि में बुध का वापस आना संभवतः चिंताजनक भय में कमी ला सकता है। सगे-संबंधियों एवं अड़ोस-पड़ोस के लोगों के बीच सम्मान की वृद्धि होगी, आलस्य आपके पास भी नहीं भटकेगा।
यदि आप किसी सरकारी दफ्तर में नौकरी करते हैं तो आपको पदोन्नति हो सकती है। यदि आप किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं तो यह समय आपके लिए बेहद शुभ एवं फलदायक साबित होगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के हानि भाव में एक साथ राहु और बुध ग्रह का समावेश होना चिंताजनक संदेश है। राहु और बुध के एक साथ होने से आपके जीवन में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हो सकता है इस दौरान आपका आर्थिक मामलों में खर्च बढ़ जाए और रुपयों पैसों की कमी महसूस हो।
आपके जानने वाले या किसी सगे-संबंधी से आपको कोई बुरा समाचार प्राप्त हो सकता है। यदि आपको स्वास्थ्य संबंधित कोई परेशानी है, तो आप अपने चिकित्सक को संपर्क अवश्य करें और अपनी सेहत का भरपूर ध्यान रखें। इस दौरान किसी भी प्रकार के कोर्ट -कचहरी या थाना, पुलिस आदि के मामले में विवाद को बाहर ही सुलझा लें तो बेहतर होगा अन्यथा आप किसी परेशानी में पड़ सकते हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि में बुध का प्रभाव थोड़ा बहुत मिलाजुला सा रहेगा क्योंकि अपनी वक्री चाल लेकर बुध ग्रह कर्क के लाभ भाव में बैठेंगे। यदि आप कोई शुभ कार्य या कोई बहुत बड़ा निर्णय लेने जा रहे हैं, तो उसमें हो सकता है थोड़ा विलम्ब हो जाए, परंतु संयम बनाकर रखें और अपना हौसला ना खोए, आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी।
इस दौरान आपके दुश्मनों में कमी आएगी एवं अदालत में चल रहा कोई पुराना मामला आपके पक्ष में न्याय एवं निर्णय प्रदान कर सकता है।। प्रेम परिणय एवं दांपत्य जीवन में रोमांस एवं प्रेम की थोड़ी कमी आ सकती हैं। बेहतर होगा कि अपने किसी महत्वपूर्ण कार्य में संलग्न रहे एवं अपना ज्यादा से ज्यादा ध्यान अपने कार्यक्षेत्र में लगाएं।
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