शनि ग्रह गोचर दशा 2021: इन राशियों पर रहेगा शनि साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव

Shani Grah Dasha 2021: These zodiac signs will be affected by Shani Sadesati and Dhaiya

नवग्रहों में से अत्यंत ही प्रभावकारी व घातक होता है शनि ग्रह, आइए देखते हैं वर्ष 2021 में शनि के प्रभाव साथ ही किन-किन राशियों के जातकों पर पड़ने जा रहा है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का असर, कैसी रहेगी शनि की दिशा-दशा व गोचर काल अवधि आदि

ज्योतिष शास्त्र कुल नौ ग्रह और 12 राशियों पर मूल रूप से आधारित है। इन्हीं नौ ग्रहों के गोचर व गतिविधियों का प्रभाव 12 राशियों पर प्रदर्शित होता है जो संपूर्ण रूप से ज्योतिष शास्त्र का निर्माण करते हैं, साथ ही सकारात्मक व नकारात्मक परिस्थितियों के निर्माता होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों में से सबसे अधिक प्रभावी ग्रह शनि को माना जाता है। शनि के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता है। शनि जब किसी से कुपित हो जाते हैं, तो उसके जीवन में आए दिन किसी न किसी प्रकार की समस्या लगी रहती है। उनका जीवन से बदतर हो जाता है। शनि की ढैया, साढ़ेसाती व शनि की कुदृष्टि आदि का प्रभाव जातकों के जीवन को तहस-नहस कर देता है ।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की चाल अन्य सभी ग्रहों में सबसे धीमी मानी जाती है। शनि किसी भी एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में ढाई वर्ष का समय लगाता है, अर्थात शनि जिस राशि में गोचर कर रहा है उस राशि में पुनः उसे आने में लगभग 30 वर्ष का समय लग जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि जिस भी राशि में गोचर कर रहे होते हैं, उस राशि में शनि की ढैया की चाल चल रही होती हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब चंद्र राशि से शनि 12वे, पहले और दूसरे भाव में रहते हैं, तो शनि के समय को साढ़ेसाती कहा जाता है। जबकि शनि के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश के दौरान की गोचर के कालावधी को शनि की ढैया कहकर संबोधित किया जाता है।

आज हम यहां वर्ष 2021 में सभी राशियों पर शनि के प्रभावों का आकलन करेंगे, अर्थात हम वर्ष 2021 में शनि के मूल रूप से परिस्थितियों व प्रभावों का आकलन  करेंगे।

नव वर्ष 2021 और शनि

नव वर्ष 2021 में शनि अपने वर्ष 2020 में परिवर्तित राशि में ही रहेंगे, अर्थात शनि वर्ष 2021 में मकर राशि में ही गोचर करेंगे जिसमें यह 18 जनवरी 2023 तक विद्यमान रहेंगे। मकर राशि शनि की स्वराशि है जिसमें शनि का प्रवेश 24 जनवरी 2020 को हुआ था। 24 जनवरी 2020 को शनि धनु से राशि परिवर्तित कर मकर में प्रवेश हुए थे, तत्पश्चात शनि 11 मई 2020 को शनि ने अपनी चाल में परिवर्तन करते हुए वक्री चाल चली। पुनः कुछ दिनों के पश्चात शनि 29 सितम्बर 2020 को अपनी चाल में परिवर्तन करते हुए मकर राशि में भ्रमण करते हुए मार्गी हुए थे

वहीं अब हम अगर बाद वर्ष 2021 में शनि के चाल की करें, तो ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि एक बार पुनः अपनी चाल में परिवर्तन करते हुए 23 मई 2021 को वक्री होंगे। तत्पश्चात 11 अक्टूबर 2021 को पुनः शनि मार्गी हो जाएंगे जिसके बाद वर्ष 2022 में शनि के मकर राशि की यात्रा का समापन होगा जिसके बाद शनि अपनी राशि परिवर्तित कर दूसरी राशि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे जहां यह 5 जून 2022 तक अपनी गति में गोचर करेंगे। फिर 5 जून 2022 को शनि इसी राशि में वक्री होंगे और पुनः 23 अक्टूबर 2022 को शनि इसी राशि में मार्गी हो जाएंगे। तत्पश्चात 17 जनवरी 2023 को शनि मकर राशि में अपनी काल अवधि पूर्ण कर लेंगे।

कुल मिलाकर वर्ष 2021 में शनि मकर राशि में गोचर करने वाले हैं जो 18 जनवरी तक 2023 तक स्वगृही ही बने रहेंगे। इस बीच शनि केवल 30 अप्रैल 2022 से 9 जुलाई 2022 तक मध्य में कुंभ राशि में गोचर करने वाले हैं।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या  का निर्धारण

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि के गोचर की कालावधी अन्य सभी ग्रहों के मुकाबले में सबसे धीमी होती है, अर्थात शनि सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। यह पूरे ढाई साल में अपने एक गोचर की काल अवधि को पूर्ण करते हैं। अर्थात शनि ग्रह को किसी एक राशि में गोचर करने में पूरे ढाई वर्ष लगते हैं और इसी काल अवधि को ज्योतिष शास्त्र में शनि की ढैया कह कर संबोधित किया जाता है। तत्पश्चात ढाई वर्षो के बाद शनि अपनी दूसरी राशि में परिवर्तित कर जाते हैं। वहीं यदि शनि की साढ़ेसाती के संबंध में बात करें तो ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब चंद्र राशि से शनि बारहवें भाव पहले भाव व दूसरे भाव में निकलते हैं तो उस दौरान की काल अवधि को शनि की साढ़ेसाती कहकर संबोधित किया जाता है, तथा जब शनि किसी राशि के चौथे और आठवें भाव में गोचर कर रहे होते हैं तो इस काल अवधि को ज्योतिष शास्त्र में शनि की ढैया कहकर संबोधित किया जाता है।

वर्ष 2021 में इन 3 राशियों पर पड़ेगा शनि के साढ़ेसाती का प्रभाव

शनि की ढैया के बाद अब यदि हम शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को वर्ष 2021 के मुताबिक प्रदर्शित करें तो चूँकि इस वर्ष शनि अपनी स्वराशि मकर में ही गोचर करने जा रहा है और मकर राशि में ही शनि पूरे वर्ष 2021 में गोचर करेगा। तथा अंत में कुंभ में गोचर करते हुए शनि अपने साढ़ेसाती की काल अवधि को पूर्ण करेगा। इस कारण से ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस वर्ष धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातकों के ऊपर साढ़ेसाती का प्रभाव विद्यमान रहेगा। धनु राशि पर साढ़ेसाती अपने तीसरे दौर में रहेगी जबकि मकर राशि पर दूसरे दौर में, और वही कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पहले चक्र में होगा।

नव वर्ष 2021 में इन 2 राशियों पर शनि की ढैय्या रहेगी सवार

शनि की साढ़ेसाती के अतिरिक्त शनि की ढैया का प्रभाव 2 राशियों पर इस वर्ष बना रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस वर्ष 2021 में मिथुन राशि और तुला राशि के ऊपर शनि की ढैया सवार रहेगी। शनि जब गोचर की काल अवधि के दौरान में अपनी जन्म राशि से चतुर्थ भाव और अष्टम भाव में विद्यमान रहेंगे तो शनि की ढैया का प्रभाव परिलक्षित होगा।