ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का राशि परिवर्तन सभी जातकों पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काफी प्रभाव डालता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का सीधा संबंध राशियों से होता है। 12 राशियां किसी न किसी प्रकार से सभी ग्रहों से संबंधित होती हैं, अतः ग्रहों की गतिविधियां राशि पर अपना प्रभाव छोड़ती है जिससे जातक के जीवन में शुभ व अशुभ प्रतिकूल वा अनुकूल परिणाम परिलक्षित होने लगते हैं।
ग्रहों के राशि परिवर्तन के इस चक्र में 16 अगस्त की तिथि को सभी ग्रहों के अधिष्ठाता अधिपति भगवान सूर्य का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। सूर्य सभी ग्रहों के अधिष्ठाता माने जाते हैं। सूर्य को दिवाकर, भास्कर, दिनकर, आदित्य, सूरज आदि-आदि अनंत नामों से जाना जाता है।
सूर्य की मूल राशि सिंह होती है। यह मेष राशि में उच्च राशिगत एवं तुला राशि में नीच राशिगत प्रकृति का माना जाता है। सूर्य का 16 अगस्त की तिथि को संध्याकालीन बेला में 7 बजकर 27 मिनट पर राशि परिवर्तन होने जा रहा है। इस राशि परिवर्तन में सूर्य कर्क राशि में अपना गोचर पूर्ण कर स्वयं की राशि अर्थात सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहा है जो जनहितकारी रहेगा। सूर्य का सिंह राशि अर्थात स्वयं की राशि में प्रवेश सभी जातकों के ऊपर अपने लगभग शुभ परिणाम ही परिलक्षित करेगा। सूर्य के राशि परिवर्तन के अतिरिक्त मंगल भी 16 अगस्त की तिथि को ही मंगल भी अपना राशि परिवर्तन कर रहा है। 16 अगस्त की संध्या 6 बजकर 33 मिनट पर मंगल राशि परिवर्तन कर मीन राशि में प्रवेश करेगा। यहां इस लेख में हम सूर्य के राशि परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्रभावों के संबंध में जानेंगे।
तो आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुरूप सूर्य के द्वारा होने वाला यह राशि परिवर्तन सभी जातकों के ऊपर किस प्रकार के प्रभाव दर्शाता है।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के पंचम मूल त्रिकोण में सूर्य का यह गोचर अपने प्रभाव प्रदर्शित करेगा जिससे आप तरक्की करेंगे। आपके कार्यक्षेत्र से संबंधित अथवा अन्य कई कार्यकारी योजनाएं सफल होंगी। विद्यार्थियों के लिए यह गोचर अत्यंत ही शुभ परिणाम प्रदर्शित करने वाला रहेगा, आप अपनी शिक्षा अथवा शोध संबंधित कार्यों में सफलता की प्राप्ति करेंगे। वहीं प्रेम जीवन व्यतीत करने वाले जातकों के लिए यह राशि परिवर्तन कुछ ठीक नहीं है। मेष राशि के जातकों की आमदनी में वृद्धि होने के आसार हैं। वहीं विवाहितों के संतान प्राप्ति के प्रादुर्भाव के योग बन रहे हैं। ध्यान रहे, इस राशि परिवर्तन की काल अवधि के दौरान घर में किसी वरिष्ठ जनों से माता-पिता आदि से मतभेद ना करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के चतुर्थ भाव में यह सूर्य का गोचर प्रदर्शित होने वाला है। इससे आपके घर-परिवार पर नकारात्मक प्रभाव परिलक्षित होगा। घर परिवार में अशांति व कलह-क्लेश का वातावरण बना रहेगा। आपका मन अशांत व तनाव से भरा पूरा रहेगा। वहीं आर्थिक मामलों को लेकर यह गोचर आपके लिए ठीक ही रहेगा। अचल संपत्ति जैसे मकान, वाहन आदि की खरीदारी कर सकते हैं। माता-पिता की सेहत में गिरावट आने के आसार नजर आ रहे हैं। आपको उनके स्वास्थ्य का अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता है अन्यथा तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान आपको स्वजनों के सहयोग की आवश्यकता होगी किंतु मित्रों अथवा सगे संबंधियों से आपके द्वारा की गई अपेक्षा पूर्ण नहीं हो पाएगी। आपको सभी कार्य अपने बलबूते पर करना होगा एवं सभी संघर्ष परिस्थितियों से सफलता हासिल करनी होगी। इस दौरान आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप अपनी कोई भी योजनाएं अथवा विशेष तथ्यों को यूं ही किसी के साथ साझा ना करें अन्यथा आपके गोपनीय तथ्यों की लोगों को जानकारी हो जाने से आपके कार्यक्षेत्र में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान आपको यात्रा करने से बचना चाहिए, दुर्घटना आदि के घटित होने के आसार नजर आ रहे हैं।
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