दिसंबर माह में ये ग्रह बदलेंगे अपनी चाल, जानिये इनके प्रभावों से बचने हेतु उपाय

These planets will transit in December 2020, Know Remedies for Their Effects

वर्ष 2020 के आखिरी माह दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है। इस भीनी-भीनी सर्द हवाओं के मौसम में हम ज्योतिषियों स्थितियों व दिसंबर माह यानी वर्ष के आखिरी माह को स्वयं के परिपेक्ष में देखने हेतु ग्रह गोचरों की स्थितियों का अवलोकन करते हैं।

दरअसल ज्योतिष शास्त्र मुख्य रूप से ग्रहों पर ही आधारित है। ग्रह गोचरों की स्थितियां ही ज्योतिष शास्त्र के परिवर्तन परिस्थितियों आदि को परिभाषित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुल नौ ग्रह होते हैं जो 12 राशियों के सभी जातको से संबंधित होते हैं। कुल 12 राशियों में से सभी राशि के जातकों का कोई ना कोई एक स्वामी ग्रह इन्हीं नों ग्रहों में से होता है जो आपके भूत, भविष्य और वर्तमान को ग्रह के परिपेक्ष में दर्शाता है।

आइए आज हम देखते हैं इस वर्ष के आखिरी माह दिसंबर में ग्रह गोचरों की क्या कुछ परिस्थितियां रहने वाली हैं, किन ग्रहों का राशि परिवर्तन होने जा रहा है तथा हालात को बेहतर बनाए रखने हेतु तथा स्वयं को आत्मिक तौर पर सकारात्मक व मानसिक तौर पर शांत व सुखद रखने हेतु उपाय भी जानते हैं।

सूर्य

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों के अधिपति के रूप में संबोधित किया जाता है। सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों के मध्य श्रेष्ठ बताया जाता है। सूर्य का विशेष महत्व ना केवल ज्योतिष शास्त्र में है, अपितु सूर्य के संबंध में उल्लेख करते हुए वेद पुराण आदि में भी ऋचायें लिखी गई है जो सूर्य के गुणों का बखान करते है। वहीं फलित ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य सृष्टि और आत्मा दोनों का कारक ग्रह होता है जो व्यक्ति के यश, मान-सम्मान, कारोबार, वैभव, नौकरी आदि का भी कारक माना जाता है।

सूर्य सिंह राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है जो की मेष राशि में उच्च स्थिति में, तो वहीं तुला राशि में नीच माना जाता है। वर्ष के आखिरी माह दिसंबर में 15 दिसंबर की तिथि को सूर्य अपनी राशि परिवर्तित कर धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। सूर्य की इस राशि परिवर्तन का सभी जातकों पर प्रभाव प्रदर्शित होगा। कई जातकों के लिए यह सकारात्मक भी साबित होगा। ज्योतिषियों के अनुमान के मुताबिक सूर्य का राशि परिवर्तन विशेष तौर पर जातकों के कारोबार पक्ष को प्रभावित करेगा। कई जातकों के इन दिनों नौकरी मिल जाने के आसार हैं तो कई के अटके में प्रमोशन हो सकते हैं।

उपाय - सूर्य को प्रसन्न करने हेतु उपाय में अथवा सूर्य के कृपा पात्र बनने हेतु इन दिनों भगवान सूर्य को नित्य प्रतिदिन प्रथम सूर्योदय काल में जल से अर्घ्य प्रदान करें।

चंद्रमा

चंद्रमा काफी चलायमान राशि ग्रह मानी जाती है। चंद्रमा शीतलता को प्रदर्शित करता है। चंद्रमा जल व सफेद वस्तुओं अपना तत्व मानता है। वहीं यदि चंद्रमा की राशि परिवर्तन की हम बात करें तो चंद्रमा प्रत्येक ढाई दिनों पर अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मूल रूप से मन का कारक माना जाता है, अतः आप अपने मन की शांति व मन की चंचलता पर विराम स्थापित कर एक सकारात्मक मार्ग प्रदान करने हेतु चंद्रमा को प्रबल बनाए रखें।

उपाय - चंद्रमा को प्रबल बनाने हेतु उपाय में भगवान शिव की पूजा आराधना करें, उन्हें जल अर्पित करें और सफेद वस्तुओं का गरीबों के मध्य अधिक से अधिक दान करें।

मंगल

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल ग्रह काफी उग्र ग्रह माना जाता है। मंगल का रंग लाल कहा जाता है। यह व्यक्ति के जोश, उत्साह आदि को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त यह क्रोध आदि को भी परिलक्षित करता है। वहीं यदि हम मंगल की इस माह में राशि परिवर्तन की बात करें तो इस माह की 25 दिसंबर की तिथि को मंगल राशि परिवर्तन कर मेष राशि में प्रवेश करने जा रहा है। मंगल 24 दिसंबर को प्रातः 10 बजकर 16 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश करेगा। तत्पश्चात यह 22 फरवरी 2021 की सुबह 4 बजकर 33 तक इसी राशि में गोचर करने वाला है जिसके पश्चात यह पुनः अपनी राशि परिवर्तित कर अगली राशि वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएगा।

उपाय - मंगल को मजबूत बनाने हेतु उपाय में नित्य प्रतिदिन भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करें, साथ ही शिवलिंग पर लाल गुलाब और शिव मंदिर में मसुर दाल चढ़ाएं।

बुध

नौ ग्रहों के मध्य बुध को आपके भौतिक सुख-सुविधाओं के साथ बौद्धिकता का कारक माना जाता है। यह आपके सुख, संपत्ति, ऐश्वर्या आदि को प्रदर्शित करते हैं, साथ ही आपके सुख व संसाधनों में वृद्धि भी करते हैं। बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह माने जाते हैं। बुध मीन राशि में नीच होता है जबकि कन्या राशि इसकी स्वयं की राशि होती है जिसमें यह उच्च होते हैं।

बुध जिन भी जातकों का मजबूत होता है, उन जातकों की बौद्धिकता में भी प्रखरता आती है। इनके अंदर कार्यों की विशेष कौशल विद्यमान रहती है। वहीं अगर हम दिसंबर माह में बुध के ग्रह गोचरों की बात करें तो इस माह की 17 दिसंबर की तिथि को बुध अपनी राशि परिवर्तित कर धनु राशि में प्रवेश करने जा रहा है।

उपाय - ज्योतिष शास्त्र व धर्म शास्त्र के मुताबिक बुध को प्रबल बनाने हेतु उपाय में जातकों को भगवान श्री गणेश की पूजा-आराधना करनी चाहिए।

गुरु

गुरु अर्थात बृहस्पति सभी ग्रहों के गुरु के साथ-साथ देवगुरु भी कहे जाते हैं। हालांकि इस माह दिसंबर में गुरु अपनी राशि में परिवर्तन नहीं कर रहे हैं। यह पूर्व से विद्यमान राशि में गोचर करते हुए नजर आएंगे।

उपाय - गुरु को प्रसन्न करने हेतु तथा अपने कुंडली में बृहस्पति को मजबूत बनाए रखने हेतु उपाय में गुरुवार के दिन केले के वृक्ष के समक्ष धूप, अगरबत्ती अक्षत, पुष्प आदि अर्पित करें, साथ ही आप केला भी चढ़ाएं। गुरुवार के दिन आप पीले रंग के वस्त्र धारण करें तथा केला चढ़ाएं।

शुक्र

शुक्र ग्रह पूर्णरूपेण भौतिकता को प्रदर्शित करते हैं। जिन भी जातकों का शुक्र ग्रह मजबूत होता है उन जातकों को कभी भी सुख संपत्ति व ऐश्वर्य की कमी नहीं होती। ऐसे जातकों के जीवन में आर्थिक समस्याएं नहीं आती। इनके आर्थिक हालात सुदृढ़ रहते हैं। हालांकि शुक्र ग्रह चंचलता को भी प्रदर्शित करते हैं। वहीं यदि हम दिसंबर माह में शुक्र ग्रह द्वारा होने वाली राशि परिवर्तन की बात करें तो इस माह की 11 दिसंबर की तिथि को शुक्र राशि परिवर्तित कर वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहा है जो सभी जातकों के ऊपर अपने प्रभाव प्रदर्शित करेगा।

उपाय - जिन भी जातकों की शुक्र मजबूत नहीं है, उन जातको को अपनी कुंडली में शुक्र के हालात को बेहतर बनाने हेतु भगवान शिव की पूजा आराधना करनी चाहिए तथा शिवलिंग पर गाय के दूध का अर्पण करना चाहिए।

शनि

शनि सभी राशियों के मध्य काफी महत्वकारी माने जाते हैं। शनि को देव की उपाधि दी गई है जिसमें शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। शनि के प्रकोप अत्यंत ही घातक माने जाते हैं। भगवान शनि जिनसे कुपित हो जाते हैं, उनके जीवन में संकटों का बादल नित्य प्रतिदिन घना होता जाता है। वहीं शनि जिन से प्रसन्न रहते हैं, उनके ऊपर कभी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती और वे सभी प्रकार की मुसीबतों और बाधाओं से हमेशा बचे रहते हैं। हालांकि इस माह में शनि का किसी भी प्रकार का राशि परिवर्तन नहीं है क्योंकि शनि के गोचर की काल अवधि काफी लंबी मानी जाती हैं। इन दिनों शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं।

राहु - केतु

यदि हम राहु केतु की बात करें तो राहु केतु ग्रह को भी जातकों हेतु बहुत बेहतर नहीं माना जाता है। वहीं राहु और केतु जिसके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि बरसाने लगते हैं, उनके ऊपर समस्याएं भी नहीं आती। राहु केतु के प्रभाव लगभग शनि के समान ही होते हैं। राहु केतु के गोचर की काल अवधि भी काफी लंबी होती है जिस कारण इन दिनों और राहु केतु दोनों में से किसी के द्वारा किसी भी प्रकार का राशि परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। यह दोनों ग्रह अपने पूर्व की राशियों में गोचर कर रहे है, उन्हीं में ये में ही स्थित रहेंगे।

उपाय - राहु केतु की स्थिति को बेहतर बनाने हेतु जातकों को प्रत्येक शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर राहु केतु के दुष्प्रभाव नहीं पड़ेंगे और आप मुसीबतों व समस्याओं से बचे रहेंगे। भगवान् काल भैरव को प्रसन्न कर भी आप राहु-केतु के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं

वर्ष का आखरी माह  कुछ राशि के जातकों के लिए अत्यंत ही शुभकारी साबित होने वाला है। इस माह में मेष राशि, कन्या राशि, तुला राशि एवं धनु राशि के जातकों को विशेष लाभ व परिणाम की प्राप्ति होगी