यह सर्वविदित है कि ज्योतिष शास्त्र हिंदू धर्म ग्रंथ का एक महान ग्रंथ है जिसके अनुसार किसी भी ग्रह का राशि परिवर्तन करना जातकों के जीवन पर गहरा असर प्रदर्शित करता है। ज्योतिष शास्त्र के एक भाग फलित ज्योतिष में ग्रहों के राशि परिवर्तन के संबंध में यह वर्णित है कि राशि परिवर्तन एक प्रकार का योग होता है, अर्थात कुंडली में जब कोई भी दो ग्रह एक-दूसरे की राशि में स्थित हो जाते हैं, तो उसे राशि परिवर्तन को कहते हैं।
कई ग्रहयोगों में राशि परिवर्तन योग एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ग्रह स्थिति के फल पर बहुत गहरा प्रभाव डालने वाला योग होता है। ऐसा माना जाता है कि कुंडली में ग्रहों की कुछ विशेष स्थिति प्रकट होने से राशि परिवर्तन योग बनता है। ऐसे में यह जानने योग्य है कि 1 सिंतबर 2020 को होने वाले इस राशि परिवर्तन जातकों को किस प्रकार प्रभावित करेगा।
पंचांग की तिथियों की गणना के अनुरूप 1 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 04 मिनट पर शुक्र ग्रह मिथुन राशि की यात्रा समाप्त करके कर्क राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक संपूर्ण जगत में जीवो की उत्पत्ति के कारक ग्रह शुक्र को बताया गया है जो राशिफल द्वारा मिथुन राशि की यात्रा पूर्ण करके कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।
कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा है जो शुक्र स्वभाव रखते हैं। ऐसे में दोनों के मध्य एक समान प्रकार के ही स्वभाव है, अर्थात ना किसी से दोस्ती और ना किसी से बैर है। शुक्र उन्हें अपना शत्रु मानते हैं, इसलिए शुक्र अपने आप को असहज महसूस करते हैं। ऐसे में कर्क राशि में शुक्र के प्रवेश का 12 राशियों पर अलग अलग प्रभाव परिलक्षित होगा जिसे जानना आपके लिए अत्यंत ही रोचक एवं महत्वपूर्ण होगा।
तो आइये जानते है इस राशि परिवर्तन का अन्य सभी राशियों पर प्रभाव एवं कुछ विशेष उपाय।
मेष राशि
मेष राशियों के जातकों के चतुर्थ भाव में शुक्र ग्रह का गोचर उनके जीवन अशांति लाने का कार्य करेगा। इसके प्रभाव से आप स्वयं को मानसिक रूप से अशांत व तनावपूर्ण महसूस करेंगे। मेष राशि के जातकों का चतुर्थ भाव उनके पारिवारिक जीवन, वाहन सुख शांति आदि की स्थिति को दर्शाता है, अतः इसका प्रभाव परिवार व पारिवारिक सुखों पर भी दिखेगा। इस राशि के जातक शुक्र के गोचर काल के समय अपने आप को शांतिपूर्ण वातावरण में रहना अत्यधिक पसंद करेंगे। समाज में बैठने से ज्यादा वह अपने परिवार के लोगों के साथ समय बिताना व्यतीत करेंगे। इस राशि के लोगों को अपनी सेहत पर ध्यान रखना होगा, खान-पान पर भी ध्यान रखना होगा। मेष राशि के लोग अपने मनोरंजन के लिए नई-नई तकनीकी की खोजों में लगे रहेंगे।
उपाय - शुक्रवार के दिन मेष राशि के लोगों को माता संतोषी देवी की पूजा करनी चाहिए।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के तृतीय भाव में शुक्र का होने वाला यह गोचर इनके दैनिक जीवन के सकारात्मकता के साथ-साथ इनके पराक्रम, साहस, शौर्य में भी वृद्धि करेगा। इस दौरान वृषभ राशि के व्यक्तियों के आत्मिक बल और आत्मविश्वास को बढ़ावा मिल सकता है। भाई-बहनों के प्यार में मधुरता आएगी। इस राशि के जो लोग लेखन का कार्य करते हैं, शुक्र के गोचर के दौरान उन लोगों को सराहना मिलने की संभावना है। व्यापार से संबंध रखने वाले इस राशि के लोग अपनी मेहनत के दम पर लाभ कमा सकते हैं। अगर विद्यार्थियों की बात करें तो शुक्र के गोचर काल का समय विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगा। विद्यार्थियों का अधिक से अधिक समय कठिन विषयों को समझने में व्यतीत होगा। शुक्र के भाग्य भाव पर दृष्टि के फल स्वरुप लोगों की धर्म के मामलों में अभिरुचि बढ़ सकती हैं। यात्रा-देशाटन का लाभ प्राप्त होने की संभावना है।
उपाय - आपको शुक्रवार के दिन लंबोदर अर्थात भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए, इससे आपके जीवन मे सब शुभ होगा।
आगे जानें अन्य राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में...