फलित ज्योतिष शास्त्र में राशि परिवर्तन को बहुत ही अधिक महत्वकारी व प्रभावशाली माना गया है। इसी दौरान सुख, संपति और ऐश्वर्या के आदि ग्रह शुक्र अपने गोचर की कालावधि को पूर्ण कर राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं जिसमें शुक्र 27 सितंबर की मध्य रात्रि 01 बजकर 02 मिनट (28 सितम्बर 01:02am) में अपने गोचर की काल अवधि को कर्क राशि में पूर्ण कर सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं जहाँ यह 23 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक विद्यमान रहेंगे। तत्पश्चात अपने गोचर के काल को आगे बढ़ाते हुए कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सिंह राशि जिसमें कि शुक्र का गोचर होने जा रहा है, वह सूर्य की राशि है जिसका शुक्र से परस्पर शत्रु का संबंध बताया गया है, अर्थात शुक्र का सिंह राशि में प्रवेश जातकों के लिए दुष्प्रभाव दर्शाने वाला साबित हो सकता है। चूँकि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन भी जातकों की जन्म कुंडली में शुक्र का गोचर सिंह राशि में पूरा होता है, उनको बेहतर परिणाम की प्राप्ति की बहुत कम ही उम्मीद रहती है। इसके शुभ परिणाम तभी संभव हो पाते है जब आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति काफी बेहतर है, तभी शुक्र के दुष्प्रभाव का असर अधिक नहीं पड़ेगा। शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी ग्रह माने जाते हैं जो कि कन्या राशि में नीच राशि का संज्ञा तथा मीन राशि में उच्च राशि का संज्ञा माने गए हैं।
तो आइए जानते हैं शुक्र के राशि परिवर्तन का सभी राशियों के ऊपर क्या कुछ प्रभाव परिलक्षित हो सकता है, इसके ज्योतिषीय विश्लेषण द्वारा।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के पंचम भाव में शुक्र का होने वाला यह गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम दर्शाने योग्य रहेगा। विद्या, शिक्षा आदि से जुड़े जातकों के लिए यह समय प्रतियोगिता परीक्षा आदि में भागीदारी हेतु सफलता प्रदायक साबित होगा। वहीं प्रेम जीवन व्यतीत कर रहे जातकों का वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे दंपतियों के लिए समय अनुकूल नहीं रहेगा। संतान से जुड़ी समस्या भी आ सकती हैं। आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है, सेहत में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभाव आपके लाभ भाव पर परिलक्षित होगा जिससे आपकी आमदनी की स्थिति बढ़िया होगी। आपके द्वारा उधार में दिए पैसे या फिर पुराने अटके हुए धन आपको वापस प्राप्त हो सकते हैं। घर-परिवार के वरिष्ठ जनों की ओर से सहयोग प्राप्त होने के आसार नजर आ रहे हैं। राजनीति से जुड़े लोगों के लिए समय बढ़िया रहने वाला है। आप अपने कार्यक्षेत्र में भी अपने उच्च अधिकारियों से संबंध बेहतर बनाने की चेष्टा करेंगे।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के चतुर्थ भाव में शुक्र का होने वाला यह गोचर आपके लिए माता-पिता से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है। आपके माता-पिता की सेहत में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। इस दौरान आपके अटके हुए कार्य के बन जाने के आसार नजर आ रहे हैं। यदि आप अचल संपत्ति, मकान, वाहन आदि की खरीदारी हेतु प्रयासरत हैं, तो संभवत आपको सफलता प्राप्ति हो जाए। हालांकि इस दौरान किसी तथ्य को लेकर आपके मन में उथल-पुथल की स्थिति बनी रहेगी जिस वजह से आप स्वयं को अशांत महसूस करेंगे। आपको मित्रों, स्वजनों अथवा सगे-संबंधियों की ओर से सहयोग की प्राप्ति होगी। यात्रा के दौरान सावधानी एवं सतर्कता बरते, आपकी किसी प्रिय वस्तु अथवा अन्य सामानों के खो जाने या चोरी हो जाने के आसार नजर आ रहे हैं। शुक्र की राशि परिवर्तन का प्रभाव आपके कर्म भाव पर शुभ दृष्टि से पड़ रहा है जिससे आपके सरकारी अटके हुए कार्यों के बन जाने के आसार हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के तृतीय भाव में शुक्र ग्रह का होने वाला यह गोचर आपके अंदर अदम्य साहस पराक्रम, तेज व आत्मविश्वास की वृद्धि करेगा जिसके द्वारा आप सभी संकटों से डटकर सामना करते हुए आगे बढ़ते चले जाएंगे। आपके अंदर विशिष्ट निर्णय क्षमता भी देखने को मिलेगी। लोग आपके द्वारा लिए गए फैसलों की सराहना करेंगे। वहीं भाइयों से आपसी नोकझोंक व वाद-विवाद बढ़ सकते हैं। ऐसे में आपको अपनी ओर से रिश्ते को बेहतर बनाने का प्रयत्न करना चाहिए। शुक्र के गोचर का प्रभाव आपके भाग्य भाव पर पड़ने जा रहा है जिस वजह से आपके अंदर धार्मिक व आध्यात्मिक क्रियाकलापों में रुचि विकसित होगी। आप ऐसे कार्यक्रम आदि में सम्मिलित होना पसंद करेंगे। वहीं यदि आप विदेशी नागरिकता या विदेश में नौकरी व अन्य विदेश से जुड़े कार्यों हेतु प्रयासरत है, तो इन कार्यों के बन जाने के आसार हैं। विवाह से संबंधित वार्तालाप के सफल होने के आसार हैं। नवविवाहित जातकों को संतान की प्राप्ति अथवा प्रादुर्भाव के योग बनते हैं।
आगे जानें अन्य राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में...