हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले पवित्र पर्वों में से एक नवरात्रि का पर्व भी है। चैत्र महीने की शुरूआत हो जाने के कारण चैत्र नवरात्रि का उत्साह भी लोगों में धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है क्योंकि अब कुछ दिनों में ही चैत्र नवरात्रि भी आने वाली है। इसलिए इसका जोश अभी से ही लोगों में दिखाई देने लगा है।
यह पर्व पूरे भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है जो माँ दुर्गा को समर्पित होता है। इन दिनों माँ दुर्गा के नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री की पूरी विधिवत पूजा की जाती है।
एक वर्ष में नवरात्रि चार बार आती हैं जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि तथा दो सार्वजनिक नवरात्रि कहलाती हैं। इस पर्व का हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्व है। कुछ भक्त इन नौ दिनों तक व्रत रखकर माँ दुर्गा के नौ अवतारों की विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं।
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत
यह पर्व हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलता है। साल 2021 यानी इस वर्ष यह तिथि 13 अप्रैल दिन मंगलवार को है। अतः इस वर्ष नवरात्रि के पर्व की शुरुआत 13 अप्रैल दिन मंगलवार से होगी, तथा 22 अप्रैल दिन गुरुवार को इसका समापन होगा।
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नवरात्रि के नौ दिन
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना की शुरुआत का शुभ मुहूर्त या शुभ समय 13 अप्रैल दिन मंगलवार को प्रातः 05 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक है (अवधि - 04 घंटे 15 मिनट)।
घटस्थापना की विधि
चैत्र नवरात्रि का महत्व
हिन्दू धर्म के हर व्यक्ति के लिए चैत्र नवरात्रि का यह पर्व बहुत मायने रखता है। हर हिन्दू इसको बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाता है क्योंकि यह पर्व माँ दुर्गा को समर्पित है और माँ दुर्गा अपने आप में ही एक ऐसा रूप हैं जिन्हें शत्रुओं का विनाश करने वाली और हर ओर खुशहाली फैलाने वाली देवी कहा जाता है। इन नौ दिनों तक भक्त अपनी मनोकामना के पूरे होने के लिए नौ दिन तक व्रत रखकर माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा बहुत ही आस्थापूर्वक करते हैं।
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नवरात्रि का पर्व धार्मिक तौर पर तो विशेष महत्व रखता ही है, परंतु इसके अतिरिक्त इसको नारीशक्ति का प्रतीक भी माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू हो जाती है तथा इसी दिन से हिन्दू नववर्ष की भी शुरूआत होती है। शास्त्रों के अनुसार इसी तिथि के दिन यह सृष्टि जन्मी थी। इसके अतिरिक्त नवरात्रि का नवां दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि कहा जाता है कि त्रेतायुग के समय इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने इस धरती पर जन्म लिया था और उन्होंने इस संसार को पिता के प्रति प्रेम, तथा भाई के प्रति आदर व सम्मान और पूरे विश्व को मर्यादा का अर्थ समझाया था ।