सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का महीना होता है। भगवान भोलेनाथ देवों के देव महादेव कहलाते हैं। इनके सिर पर चंद्रमा और जटा में माँ गंगा विराजमान है। चंद्रमा शीतलता का प्रतीक है तो माँ गंगा ममत्व की परिचायक हैं। वहीं महादेव के एक हाथ का त्रिशूल शक्ति का प्रदर्शक है, तो दूसरे हाथ में मौजूद डमरू नाद की ध्वनि की सूचक है।
सावन के महीने में संपूर्ण सृष्टि पर महादेव का ही नियंत्रण होता है। इन दिनों भगवान श्री हरि विष्णु विश्राम हेतु क्षीर सागर में प्रस्थान कर जाते हैं एवं संपूर्ण लोक की जिम्मेदारी भगवान भोलेनाथ के हाथों में होती है। भोले शंकर इन खास दिनों में अपने भक्तों पर अपनी विशेष कृपा की वृष्टि करते हैं एवं उनके दुखों को हर ले जाते हैं।
सावन के महीने में अनेकों विशिष्ट मंदिरों के कपाट खुल जाते हैं, शिवलिंग का श्रृंगार होने लगता है, नित्य प्रतिदिन जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि पूजन कर्म द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु भिन्न-भिन्न क्रियाकलाप किए जाने लगते हैं। इन दिनों भोले भंडारी पृथ्वीलोक के जातकों के कष्टों के निवारण हेतु तत्पर रहते हैं।
सावन के विशिष्ट महीने में चारों ओर हरियाली छाई रहती है। विवाहित महिलाओं के हाथों में भी हरी-हरी मेहंदी लगाई जाती है। वे सोलह सिंगार कर विधिवत तौर-तरीके से गौरी शंकर की पूजा आराधना करती है।
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अतएव आपको भी सावन के महीने में भगवान शंकर को प्रसन्न करने हेतु विशिष्ट पूजा उपासना करनी चाहिए। तो आइए आज हम आपको आपकी राशि के अनुरूप पूजा-आराधना हेतु विशेष कर्म की जानकारी देंगे जिससे आप भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने में सफल होंगे एवं उनके कृपा पात्र हेतु स्वयं भी पात्रता बना पाएंगे।
तो आइए जानते हैं 12 राशियों में से किस राशि के जातकों को सावन के महीने में किस प्रकार से भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करनी चाहिए।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों को भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु गाय के कच्चे दूध से भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक करने के पूर्व गाय के कच्चे दूध में शहद मिला लें। अभिषेक के पश्चात चंदन, सफेद पुष्प आदि से भोलेनाथ का श्रृंगार करें। तत्पश्चात 11, 21, 51 अथवा 108 बार ओम नमः शिवाय मंत्र के जप का उच्चारण करें। ऐसा करने से मेष राशि के जातकों की भोलेनाथ से सभी अपेक्षाओं की पूर्ति होती है एवं आपके सभी कार्य सफलतापूर्वक सिद्ध हो जाते हैं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को गाय के दूध से बनी दही से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए। इससे आपके जीवन में आर्थिक समस्याएं नहीं रहेंगी। धन-संपत्ति, भवन, वाहन आदि के योग प्रबल होंगे एवं आर्थिक तौर पर सुख समृद्धि का वातावरण व खुशहाली बरकरार रहेगी। दही से अभिषेक के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, सफेद पुष्प आदि भी चढ़ाएं। इससे आपके जीवन में जीवनसाथी से जुड़ी सभी समस्याओं का भी उचित समाधान प्राप्त होगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सावन मास में अभिषेक हेतु गन्ने के रस को सर्वोत्तम माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि मिथुन राशि के जातक सावन माह के प्रत्येक दिन विशेष तौर पर सोमवार को अगर भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करते हैं, तो इससे उनकी सभी मनोकामनाएं अतिशीघ्र संपन्न होती हैं। आप भोलेनाथ को भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि अर्पित करें, साथ ही शिव चालीसा का पाठ कर शिव शंभू को प्रसन्न करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को भोलेनाथ के अभिषेक अर्पित किए जाने वाले दूध में शक्कर मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। इससे आपको आंतरिक व मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, साथ ही मन भी सकारात्मक होता है जो आपको शुभ कार्य करने हेतु प्रेरित करता रहता है। कर्क राशि के जातकों को श्रावण के मास में अभिषेक के साथ-साथ बेलपत्र, धतूरा आंक के श्वेत पुष्प आदि भगवान शिव शंभू को समर्पित करना चाहिए। पूजन की अभिषेक से जुड़ी क्रियाकलाप के पश्चात जातकों को रुद्राष्टक का पाठ करना चाहिए, यह शुभकारी होता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए भोलेनाथ को अभिषेक हेतु शहद अथवा गुड़ का प्रयोग करना चाहिए। इस प्रकार से भोलेनाथ का अभिषेक करने से आपके जीवन में आपके स्वास्थ्य से जुड़ी भिन्न-भिन्न प्रकार की समस्याएं समाप्त होती हैं। सिंह राशि के जातकों को भोलेनाथ को चावल की खीर, गुड़ में बना कर चढ़ानी चाहिए। यह इनके लिए शुभकारी होता है। आप शिव शंभू की पूजा आराधना सूर्योदय के काल में ही करें।, इससे आपकी सभी इच्छित मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होंगी। अभिषेक के साथ-साथ महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जप करें, इससे जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलेगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए भी अभिषेक हेतु गन्ने के रस को ही सर्वोपरि माना गया है। अतः कन्या राशि के जातकों को भोलेनाथ को गन्ने के रस से अभिषेक करवाने के साथ-साथ भांग, दुर्बा, बेलपत्र आदि अर्पित करना चाहिए। पूजन की क्रिया के समापन के पश्चाताप ओम नमः शिवाय मंत्र का भी मन ही मन जप करें। साथ ही शिव चालीसा का पाठ करें, इससे शीघ्रता से सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के ग्रह गोचरों की स्थिति के अनुसार भगवान शिव के अभिषेक हेतु गाय के दूध से बनी घी को शुभकारी माना जाता है। हालांकि आप इसके अतिरिक्त सुगंधित तेल अथवा मिश्री से मिश्रित दूध से भी अभिषेक कर सकते हैं, यह भी आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। अभिषेक के पश्चात भगवान शिव को सफेद पुष्प अर्पित करें, साथ में प्रसाद के रूप में दूध, दही, शहद अथवा श्रीखंड चढ़ाएं। सावन के महीने में भगवान शिव के सहस्त्रनाम का जप करना अत्यंत ही फायदेमंद माना जाता है, इससे जीवन में आ रही सभी समस्याएं समाप्त होती हैं एवं सुख-समृद्धि बनी रहती है। आर्थिक लाभ हेतु शिव के सहस्त्र नाम का जप अत्यंत प्रबल और फायदेमंद माना जाता है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को पंचामृत अथवा शहद से युक्त जल से भगवान शिव शंभू का अभिषेक करना चाहिए। इन जातकों को भोलेनाथ को लाल पुष्प विशेष तौर पर अर्पित करना चाहिए। लाल पुष्प के साथ-साथ शिवलिंग पर लाल रंग की चंदन से ओंकार बनाएं, तत्पश्चात बिल्वपत्र चढ़ाएं अथवा बेल के पौधे की जड़ को भी चढ़ाया जाता है। अंत में रुद्राष्टक का पाठ करें, यह श्रेयस्कर माना जाता है।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों को भगवान शिव शंभू को हल्दी से युक्त दूध का अर्पण करना चाहिए। आप हल्दी के स्थान पर अभिषेक वाले दूध में पीले रंग के चंदन भी मिश्रित कर सकते हैं। तत्पश्चात शिवलिंग का अभिषेक करें। उसके बाद भगवान भोलेनाथ का पीले रंग के फूल या फिर गेंदे के फूलों से श्रृंगार करें। इन जातकों के लिए भगवान शिव शंभू को खीर का भोग लगाना जीवन में मिठास लाने योग्य रहेगा। आप ओम नमः शिवाय मंत्र का नित्य प्रतिदिन जप भी करें, साथ में शिव चालीसा का पाठ भी करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को भोले भंडारी का नारियल के पानी से अभिषेक करना चाहिए। इसके अतिरिक्त गंगाजल भी अभिषेक हेतु इन राशि के जातकों के लिए उपयुक्त है। इस प्रकार से अभिषेक करने से मकर राशि के जातकों की जीवन में सफलता अति शीघ्र प्राप्त होती है। कार्यक्षेत्र में परिस्थितियां आपके अनुकूल बनी रहती हैं। आप त्रंबकेश्वर का ध्यान करते हुए भगवान शिव जी को उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे कि बेलपत्र, धतूरा, शमी के फूल, भांग, अष्टगंध आदि चढ़ाएं। मकर राशि के जातकों को भगवान शिव को उड़द की दाल से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए, इससे आपके ऊपर चल रहे शनि की दशा का प्रभाव समाप्त होता है एवं शनिदेव आपके लिए सकारात्मक बने रहते हैं। महादेव को नीलकमल का अर्पण आपके जीवन में खुशियों के रंग लाएगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए नारियल के पानी, सरसों के तेल और तिल के तेल से भोले शंकर को अभिषेक हेतु उपयुक्त माना जाता है। इन जातकों को पूरे सावन के मास प्रतिदिन भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए, साथ ही शिवाष्टक का पाठ भी करना चाहिए। इससे आपके सभी बिगड़े कार्य स्वतः बनने लग जाएंगे, साथ ही आर्थिक समस्याएं दूर होंगी एवं धन, समृद्धि, सुख, संपदा आदि में वृद्धि होगी। पूजन कर्म में आप शमी के पुष्प को भगवान शिव के चरणों में अर्पित करें, यह शनि की पीड़ा को हरने हेतु लाभकारी होता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को पूरे मास भगवान भोले भंडारी को केसर से मिश्रित जल से अभिषेक करना चाहिए। इसके अतिरिक्त आप प्रत्येक सोमवार को भोलेनाथ की विशिष्ट पूजा करें एवं पंचामृत - दूध, दही, घी, मिश्री, शहद आदि से भोले भंडारी का अभिषेक करें। इसके साथ ही आप नियमित भगवान शिव के मंत्र ओम नमः शिवाय का जप करें। इन जातकों को शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे आपके जीवन में तनाव से संबंधित समस्या समाप्त होती है एवं आप टेंशन फ्री होकर अपने सभी कार्य कुशलता पूर्वक करते हैं।