आदि काल से हमारे देश में ज्योतिषियों का वर्चस्व रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन में ग्रह, नक्षत्र आदि का बहुत महत्त्व है। ये हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव डालते हैं। ज्योतिषी मान्यताओं के अनुसार ब्रह्माण्ड में विचरित नवग्रह सभी राशियों पर अपना प्रभाव डालते हैं। ग्रहों की चाल एवं स्थिति का सीधा असर मनुष्य के जीवन पर पड़ता है। इनकी स्थिति अनुकूल होने पर हमें अच्छे परिणाम मिलते हैं और जबकी प्रतिकूल होने पर वही ग्रह हमे दुष्परिणाम देते हैं। कुंडली में किसी ग्रह के कमज़ोर होने पर किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा उसके उपाय क्या है, आइए जानते हैं।
सूर्य ग्रह
सूर्य को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। कुंडली में सूर्य ग्रह के कमजोर होने पर जातक को असंख्य विपदाओं का सामना करना पड़ता है। वह आलस्य एवं प्रमाद से भरा रहता है। कई प्रकार के शारीरिक रोग एवं दोषों को झेलना पड़ता है। सूर्य के अशुभ प्रभाव से जातक पर गलत इल्जाम लगने लगते हैं और उसकी प्रतिष्ठा में गिरावट आने लगती है। इसके अलावा जातक को दिल से जुड़ी परेशानियां, नेत्र रोग, आदि होने की सम्भावना होती है और उसकी धन की हानि भी होती है।
उपाय
चंद्र ग्रह
चन्द्रमा हमारे मन का संचालक होता है। कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर होने पर जातक अवसाद से ग्रसित होता है। उसे मानसिक तनाव एवं चिन्ता सताती रहती है सतह ही फेफड़े से सम्बंधित रोग होने की सम्भावना होती है। इसके अतिरिक्त धन हानि जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। चंद्र ग्रह के कमज़ोर होने पर व्यक्ति की माँ को कष्ट होता है।
उपाय
मंगल ग्रह
मंगल ग्रह को सेनापति ग्रह माना गया है। जातक की कुंडली में मंगल ग्रह के अशुभ होने पर उसे ह्रदय रोग होने की संभावना होती है। मंगल रक्त का कारक होता है, अतः एक्सीडेंट, चोट आदि लगने का भय। जातक कर्ज के बोझ से चिंतित रहता है, साथ ही परिवार में संपत्ति से सम्बंधित तनाव पैदा होने लगते हैं।
उपाय
बुध ग्रह
यह राजकुमार ग्रह कहलाता है। इसके अनुकूल होने से जीवन में ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है। कुंडली में बुध के दोष होने पर त्वचा से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं। परिवार में कलेश उत्पन्न होने लगते हैं तथा भौतिक सुखों में कमी आती है।
उपाय
गुरु ग्रह
गुरु ग्रह को ग्रहों का गुरु माना जाता है। जन्म कुंडली में गुरु बृहस्पति के अशुभ होने पर धन, मान, सम्मान आदि सभी प्रकार की विपत्तियों का सामना करना पड़ता है। शिक्षा में कठिनाइयां उत्पन्न होती है। विवाह में बाधा आने लगती है।
उपाय
शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह सौंदर्य का कारक होता है। इसके अशुभ होने पर वैवाहिक सुख में कमी आने लगती है। दरिद्रता का प्रारम्भ होने लगता है। और भौतिक सुखों का अभाव हो जाता है।
उपाय
शनि ग्रह
शनि ग्रह को कर्मदाता कहा जाता है। कुंडली में इसकी अशुभता के चलते आगजनी, दुर्घटना आदि का भय रहता है। जातक आंखों के रोग से ग्रसित हो सकता है। पिता से मुठभेड़ पैदा हो सकती है।
उपाय