इस समय जब समस्त विश्व कोरोना संकट से बचने का उपाय ढूंढ रहा है, हमारे मध्य दो बड़ी खगोलीय घटना एक साथ होने जा रही है जिसका आरम्भ अगले माह के पहले सप्ताह से ही हो रहा है। वर्ष 2020 में कुल 6 ग्रहण लगने का अनुमान है जिनमे से 2 सूर्य ग्रहण एवं 4 चंद्र ग्रहण हैं। इस वर्ष 5 जून 2020 को पड़ रही पूर्णिमा को इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण 5 और 6 जून की मध्यरात्रि में पड़ेगा। इसका आरम्भ 5 जून की मध्यरात्रि में 11 बजकर 16 मिनट पर होगा तथा इसकी समाप्ति 2 बजकर 34 मिनट पर होगी। यह चंद्रग्रहण भारत से देखा जा सकता है। इसमें चाँद के आकर में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। इस ग्रहण में चन्द्रमा का रंग मलीन होगा एवं इसके उपछाया चंद्रग्रहण होने के कारण ऐसा प्रतीत होगा कि चाँद से बादल जा रहे हों। उपछाया चंद्रग्रह से तात्पर्य चंद्रग्रहण से है जिसकी काली छाया पृथ्वी पर नहीं पड़ती है तथा इसका प्रभाव भी अन्य ग्रहणों के अनुसार कम पड़ता है। भारत के अलावा इसे यूरोप, अफ्रीका एशिया एवं आस्ट्रेलिया महाद्वीपों से भी देखा जा सकता है।
वैज्ञानिकीय दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्रग्रहण प्रकृति में आये दिन होने वाले परिवर्तनों में से एक है। यह एक प्राकृतिक घटना है जो अंतरिक्ष मंडल में घटित होती है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य निहित है। चंद्रमा पर नासा से लेकर अन्य कई शोध संस्थान शोध कर उस में होने वाले परिवर्तन-घटनाओं आदि को परिलक्षित करते हैं जिसमें तथ्यों के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है जिस कारण सूर्य का प्रकाश वहाँ तक नहीं पहुंच पाता है। ग्रह गोचरों की स्थिति को चंद्रग्रहण नाम दिया गया है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
ज्योतिष शास्त्रों में चंद्रमा को मन का नियंत्रक एवं कारक माना गया है। चंद्रमा की बदलती स्थिति एवं परिवेश सीधे व्यक्ति के मन प्रभाव डालता है। यह शीतलता का प्रतीक है किंतु इसमें आने वाले परिवर्तन से आपके जीवन पर अनेकानेक प्रभाव पड़ सकते हैं। इस कारण ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण के दौरान दान पुण्य धार्मिक क्रियाकलाप आदि का विधान बनाया गया है। चंद्र ग्रहण के दान में श्वेत वस्तुएं जैसे चावल, सफेद वस्त्र आदि का दान अधिक लाभदायक माना जाता है चूँकि इनका संबंध चंद्रमा से होता है। कुछ ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान राहु एवं केतु अधिक क्रियाशील हो जाते हैं जिस कारण भी जातक के जीवन में कुछ ऐसे परिवर्तन होने लगते हैं जो कभी उनके लिए सकारात्मक से सिद्ध हैं तो कभी नकारात्मक प्रभाव लेकर आते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यह सदा सर्वदा आवश्यक नहीं कि हर चंद्र ग्रहण के पश्चात सूतक एवं असूतक काल बने। किन्तु दान-धर्म को सदैव ही महत्व दिया गया है। अर्थात चंद्र ग्रहण के पश्चात निवारण हेतु दान अवश्य करें।
वर्ष 2020 में कुल चार चंद्र ग्रहण लग रहे हैं। जिसमें से 5 जून को यानी जेष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को एक चंद्र ग्रहण लग रहा है। इस ग्रहण की कालावधि का आरम्भिक समय रात्रि 11 बजकर 16 मिनट का है। अर्थात यह रात्रि के 11 बजकर 16 मिनट में आरंभ होकर मध्य रात्रि 2 बजकर 34 तक विद्यमान रहेगा। यह उपछाया चंद्रग्रहण एक साथ एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया आदि स्थानों पर दिखेगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर कहीं से भी कोई परिवर्तन दृश्य मान नहीं होगा। अर्थात इस उपछाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा के आकार में कोई भी परिवर्तन दृश्य मान नहीं होगा। चूँकि पूर्णिमा तिथि है, इसलिए यह अपने पूर्ण आकार में दिखाई देगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में संचार करता हुआ नजर आएगा।
सनातन मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगने से पूर्व सूतक लगते है। सूतक का अर्थ होता है खराब समय या बुरा समय, जब प्रकृति अधिक संवेदनशील होती है। ऐसे में कोई दुर्घटना घटित होना संभव होता है। सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। इस समय सभी देवालयों एवं मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। परन्तु इस बार उपछाया चंद्रग्रहण होने के कारण सूतक का प्रभाव काम होगा। सूतक लगने पर निम्न बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है। जैसे:
ग्रहों की स्थिति बदलने से प्रत्येक राशि पर उनकी दशानुसार सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस चंद्र ग्रहण के चलते चंद्रमा वृश्चिक राशि में विराजमान रहेगा जिसकी वजह से विशेषकर वृश्चिक राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। वृश्चिक राशि में चंद्रमा के साथ ज्येष्ठ नक्षत्र की उपस्थिति के कारण बने योग से ना केवल वृश्चिक राशि बल्कि अन्य सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।
राष्ट्र पर प्रभाव
उपछाया ग्रहण का हम सभी पर भांति-भांति प्रकार से प्रभाव पड़ेगा। राष्ट्र एवं राष्ट्राध्यक्षों को मानसिक तनाव हो सकता है एवं इनकी आपस की झड़प का आसार हमारी अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा। सोने-चांदी के भाव में उतार-चढ़ाव आएगा एवं कारोबार में अस्थिरता आएगी।
शेयर बाज़ार पर प्रभाव
मंत्रियों की मानसिक क्षमता एवं दूरदर्शिता में कमी देखने को मिलेगी। प्राकृतिक आपदा के कारण देश अव्यवस्थित होगा तथा शेयर बाज़ार और मुद्रा बाज़ार सॉंप-सीढ़ी खेलेगा।
आइये अब जानते हैं चंद्रग्रहण का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा
चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है, जो अंतरिक्ष मंडल में घटित होती है जिससे अंतरिक्ष में मौजूद सभी ग्रह नक्षत्र आदि प्रभावित होते हैं जो व्यक्ति के जीवन पर भी अपना असर दिखाते हैं। इसे समझने हेतु हम आज भिन्न-भिन्न राशियों पर चंद्रग्रहण के पड़ने वाले प्रभावों को समझेंगे जिससे हम अपने जीवन में चंद्र ग्रहण के कारण होने वाले परिवर्तनों को परिलक्षित कर सकारात्मक एवं उचित मार्ग का चयन करने में समर्थ बन पाएंगे। तो आइए जानते हैं 12 राशियों पर 5 जून 2020 को लगने वाले चंद्र ग्रहण का प्रभाव।
मेष राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि वालों की कुंडली में मौजूद अष्टम भाव में को प्रभावित करेगा जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं आ सकती है। संभवत कोई पुराने रोग भी उभर सकते हैं, खानपान में स्वास्थ्य वर्धक चीजों को शामिल करें। बिना मतलब अपने आपको मानसिक तनाव से ग्रसित ना करें, मानसिक तनाव आपके लिए अधिक घातक हो सकता है। अपनी माता जी के साथ संबंध बेहतरीन बनाने की चेष्टा करें, उन्हें थोड़ा समय दें। कार्य सम्बंधित स्थिति प्रतिकूल रह सकती हैं।
वृषभ राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
वृषभ राशि के जातकों पर की कुंडली पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव सप्तम भाव में पड़ेगा जिस कारण कार्यस्थल में गलतफहमियां बनेगी। सहकर्मियों से स्पष्ट संवाद करें अन्यथा कार्यक्षेत्र में बेवजह ही समस्या खड़ी हो जाएगी। अगर आप अपने कार्यक्षेत्र में संचालन संबंधित जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो आपको और भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। किसी को दी जा रही सलाह एवं परामर्श के संबंध में पूर्णता मानसिक दृष्टिकोण की स्पष्टता रखें। इस ग्रहण के पश्चात आपके दांपत्य जीवन की स्थिति में उतार-चढ़ाव आ सकता है, संबंध बेहतर बनाने के लिए आपको अधिक परिश्रम करना होगा।
मिथुन राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों के अष्टम भाव में ग्रहण अपना प्रभाव दिखाएगा। ऐसे में आपको अपने खर्च पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है अन्यथा किसी बड़े संकट आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आपके लिए कर्ज लेना, उधार देना आदि महंगा पड़ सकता है। फिजूल के वाद-विवादों से बचे। अपने मन को अपने कार्यों के प्रति एकाग्र बनाए रखें।
कर्क राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
कर्क राशि के जातकों के मन पर नकारात्मक मानसिकता का प्रभाव हावी होने लगेगा, आप चिड़चिड़ा से रहने लगेंगे। तनाव एवं थकान का अनुभव कर सकते हैं। चंद्र ग्रहण आपके पंचम भाव में लगा है। आपको योग और ध्यान अधिक से अधिक करना चाहिए। नकारात्मक संगत एवं विचारों से दूर रहें। रचनात्मक कार्य के विस्तार हेतु कार्य करें। घर-परिवार के साथ समय बताएं, इससे मानसिक शांति बनी रहेगी। यह समय अनुकूल है।
सिंह राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
सिंह राशि के चतुर्थ भाव में चंद्रमा ग्रहण अपना प्रभाव दर्शायेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा और चतुर्थ भाव बचपने को प्रदर्शित करता है। ऐसे में यह संभव है कि आप अपनी पूर्व की बातों को लेकर मानसिक उथल-पुथल की स्थिति में रहेंगे। इन मुद्दों को सुलझाने की आवश्यकता है। इन समस्याओं के निदान हेतु यह समय अत्यंत उत्तम है। पारिवारिक मसलों को लेकर अगर कोई विवाद लंबे समय से चल रहा हो तो आज आप उसे हल करने का प्रयत्न कर सकते हैं, यह समय इसके लिए उत्तम है। माताजी की स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
कन्या राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
कन्या राशि के जातकों के लिए यह अवधि मध्यम है। भाई-बहनों के साथ समय व्यतीत करना बेहतरीन रहेगा। कार्यस्थल में आपके समक्ष अनेक समस्याएं आ सकती हैं। वाद-विवाद होने की संभावना है। आप कोई भी फैसला सोच समझ कर ले। कार्यों को लेकर किसी से वादा ना करें चूँकि आशंका है कि आपको उसे पूर्ण करने में अनेकानेक बाधाएँ आएंगी। ग्रहण की वजह से आपकी आर्थिक स्थिति भी बहुत प्रभावित होंगी।
तुला राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
पिता के स्वास्थ्य को लेकर मन थोड़ा चिंतित रहेगा, उनकी सेहत का ख्याल रखिए। उचित चिकित्सीय परामर्श की आवश्यकता है। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों से गलतफहमी अथवा समस्याएं होने की आशंका है, ऐसे में आपको समझदारी बरतना होगा। रणनीति बनाकर समझदारी एवं चतुराई के साथ कार्य को संपन्न करें एवं उच्च अधिकारी से बेहतर संबंध बनाए रखें।
वृश्चिक राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
इस बार का चंद्र ग्रहण आपकी ही राशि में यानी कि वृश्चिक राशि के प्रथम भाव में लगा है जिस कारण आपके मानहानि होने की संभावना अधिक हो जाती है। आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वाहन चलाते समय दुर्घटना घटित होने की आशंका है, अतः सचेत रहना होगा। इसके प्रभाव से बचा जा सकता है।
धनु राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
धनु राशि के जातकों के पद-प्रतिष्ठा, मान सम्मान आदि में वृद्धि होगी। आपका दांपत्य जीवन खुशनुमा बना रहेगा। हालांकि इस दौरान आपके बीच समस्याएं आएंगी लेकिन आप उसे दूर करने में सक्षम रहेंगे। आप हर चुनौतियों का डटकर आत्मविश्वास के साथ सामना करेंगे किंतु इन सब के चक्कर में अपनी सेहत पर ध्यान देना न भूलें। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उतपन्न होने की संभावना है, अपना ख्याल रखें।
मकर राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
मकर राशि के जातकों के जीवन में यह चंद्रग्रहण आर्थिक लाभ के योग बना रहा है। कार्यक्षेत्र में आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ेगी जिससे आप का समय व्यस्ततापूर्ण व्यतीत होगा। इस कारण आप अपने घर परिवार जीवनसाथी अथवा प्रेमी को समय दे पाने में असमर्थ रहेंगे, इस बात की आपको कमी भी खलेगी।
कुम्भ राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
यह ग्रहण कुंभ राशि के जातकों के लिए अनेकानेक समस्याएं उत्पन्न करेगा। आपके शत्रु सक्रिय होंगे, आपके विरुद्ध नए-नए षड्यंत्र रच देंगे। उच्च अधिकारी से भी मनमुटाव की स्थिति बनी रहेगी, वे आप से असंतुष्ट प्रतीत होते हैं। इस दौरान आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होगी जिस कारण संक्रमण तथा अन्य पुराने रोग आदि आप पर अपना असर दिखा सकते हैं। अपने खान-पान में सुधार करने की आवश्यकता है। संयम रखें, समझदारी बरतें।
मीन राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
आपके लिए चंद्र ग्रहण लगभग सकारात्मक प्रभावी ही है। इस दौरान आप स्वयं को अधिक सक्रिय महसूस करेंगे। आप की कार्यक्षमता विकसित होगी। आप अपने पुराने लंबे समय से अटके हुए सभी कार्यों को संपन्न करेंगे। इस दौरान आपकी किसी व्यक्ति विशेष से मुलाकात होगी जो आपके गुरु, वरिष्ठ अधिकारी अथवा घर के बड़े-बुजुर्ग का किरदार आपके जीवन में निभाएंगे। इन दिनों आपका मन आध्यात्मिक क्रियाकलापों की ओर अग्रसारित होगा। संतान पक्ष के मामले में यह चंद्र ग्रहण आपके लिए शुभ फलदाई है, संतान से संबंधों में दूरियां बढ़ेगी।