हर वर्ष नाग पंचमी का त्यौहार बड़े ही हर्ष व विधि विधान से मनाया जाता है। जातक इस दिन व्रत उपवास रख कर पूजनकर्म करते है। नाग पंचमी के त्यौहार को सावन के माह में मनाया जाता है। सावन के माह में आने वाले इस नागपंचमी पर्व का सभी जातकों के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक वर्ष सभी जातक श्रद्धा भाव से सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाते हैं।
इस वर्ष यानी कि 2020 में नाग पंचमी की तिथि यानी कि सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 जुलाई को पड़ रही है, इसलिए इस वर्ष 25 जुलाई को सभी जातक श्रद्धा भाव से नाग पंचमी का पर्व मनाएंगे।
अनेक अनेक धर्म ग्रंथों में नाग पंचमी पर्व के बारे में कहा गया है। यह पर्व नाग देवता के व्रत के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी पर्व को श्रद्धा पूर्वक, शुभ मुहूर्त अनुसार विधि-विधान से करने वाले जातकों के जीवन में कभी भी सर्प दंश का प्रभाव नहीं पड़ता है। अर्थात ऐसे जातकों की ऊपर नागदेव की सदैव कृपा दृष्टि बनी रहती है। इन जातकों को कालसर्प दोष से तत्काल मुक्ति मिलती है। नाग सर्प के संबंध में श्रीमद् भागवत गीता में भी उल्लेख किया गया है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में शुभकारी परिणाम की प्राप्ति कर सकता है।
प्रायः जातक नाग पंचमी पर्व के दिन अनेकानेक प्रकार के विशेष उपायों को अपनाते हैं एवं इन उपायों के माध्यम से वे नागदेव को प्रसन्न कर सुखी, संपन्न जीवन व्यतीत करते हैं। ऐसे जातकों के जीवन पर कभी भी किसी प्रकार का कालसर्प दोष अथवा संकट नहीं रह जाता है।
आज हम कुछ ऐसे ही अद्भुत चमत्कारी उपायों के संबंध में जानेंगे जिसे नाग पंचमी के शुभ अवसर पर अपनाकर आप भी अपने भाग्य को चमका सकते हैं। हालांकि उपायों को अपने जीवन में उतारने से पूर्व आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि कालसर्प दोष आखिर होता क्या है? क्यों लोग कालसर्प दोष के नाम से भयभीत हो जाते हैं? यह कितने प्रकार का होता है? आदि। तो आइए सर्वप्रथम जानते हैं कालसर्प दोष के संबंध में-
ज्योतिष शास्त्र पूर्णरूपेण ग्रह गोचर की स्थिति उनके गतिविधियों आदि पर निर्भर करता है। ज्योतिष शास्त्र के उपाय व प्रक्रियाओं को विज्ञान भी काफी हद तक मान्यता प्रदान करता है। अतः जातक ज्योतिष शास्त्र के तथ्यों को मान कर अपने जीवन में सकारात्मकता को बनाए रखने का प्रयत्न करते हैं।
कालसर्प दोष के संबंध में ज्योतिष शास्त्र में यह वर्णन है कि जब भी किसी जातक की कुंडली में राहु ग्रह एवं केतु ग्रह के मध्य अन्य सभी 7 ग्रह आ जाते हैं तो यह भयावह स्थिति उत्पन्न करता है जो प्रायः जातकों की जीवन पर बुरा प्रभाव दर्शाता है। इसी स्थिति को कालसर्प दोष के नाम से जाना जाता है।
ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि काल सर्प दोष कुल 12 तरह का होता है:-
इन उपरोक्त 12 प्रकार के कालसर्प दोष द्वारा व्यक्ति के जीवन पर भिन्न प्रकार के प्रभाव परिलक्षित होते हैं जो आपके लिए दुर्भाग्य की स्थिति उत्पन्न करते हैं। तो आइए आज हम जानते हैं काल सर्प दोष से मुक्ति हेतु नाग पंचमी पर्व पर अपनाए जाने वाले कुछ आसान एवं चमत्कारिक उपाय, साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इस वर्ष 2020 में नाग पंचमी पर्व के पूजन हेतु विशेष तिथि व शुभ मुहूर्त की अवधि काल क्या होगी। आइए जानते हैं-
इस वर्ष नाग पंचमी पर्व का आरंभ 24 जुलाई की मध्य रात्रि से आरंभ होकर अंत 25 जुलाई की दोपहर को होगा। इस वर्ष 24 जुलाई 2020 की दोपहर 2:33 पर पंचमी तिथि का आरंभ हो जाएगा, जो अगले दिन अर्थात 25 जुलाई 2020 की दोपहर 12:01 पर समाप्त होगा। तत्पश्चात षष्ठी तिथि का आरंभ हो जाएगा।
इस वर्ष नाग पंचमी पर्व पर पूजन हेतु शुभ मुहूर्त प्रातः काल 5 बजकर 38 मिनट से लेकर प्रातः 8 आजकर 22 मिनट तक का है। अर्थात कुल मिलाकर आपके पास नाग देवता की पूजा आराधना व विशेष उपाय को पूर्ण करने हेतु 2 घंटे 43 मिनट की अवधि रहेगी।