रविवार के मंत्र व उपाय

Ravivar Ke Mantra Aur Upay

भगवान सूर्य पूरे ब्रह्मांड की प्रक्रिया को निरंतर रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। भगवान सूर्य की घूर्णन गति के कारण दिन-रात संभव हो पाता है जो पृथ्वी के नियम को चलाने हेतु अनिवार्य माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान सूर्य को सभी ग्रहों के अधिष्ठाता राजा की संज्ञा दी गई है। सूर्य का प्रबल होना जातक के जीवन को प्रकाशमय करता है एवं ऐसे जातक तीव्र बुद्धि के, तेजस्वी, ओजस्वी एवं ऊर्जावान प्रवृत्ति के होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य की कृपा प्राप्ति हेतु रविवार का दिन विशेष माना गया है। रविवार के दिन ग्रह गोचरों की स्थिति के अनुसार भगवान सूर्य हेतु निर्धारित है। अतः आपको रविवार के दिन भगवान सूर्य की विशेष पूजा आराधना करनी चाहिए।

आइए जानते हैं रविवार हेतु विशेष पूजन एवं अर्घ्य विधि-

पूजन व अर्घ्य विधि

  • भगवान सूर्य को प्रसन्न करने हेतु आपको प्रतिदिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में जगना चाहिए।
  • रविवार के दिन इस कार्य में सख्ती बरते, प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर आप भगवान सूर्य को तांबे के कलश में लाल पुष्प, रोली आदि डालकर भगवान सूर्य को जल से अर्घ्य प्रदान करें।
  • तत्पश्चात षोडशोपचार पूजन विधि द्वारा आप सूर्य देव का 16 प्रकार से पूजन करें।
  • कई माताएं-बहने भगवान सूर्य से अपने पुत्र अथवा पति की सुख समृद्धि हेतु, अर्थ व आयु वृद्धि हेतु रविवार का व्रत भी रखती हैं।
  • इस दिन व्रत धारी महिलाओं को एक आहार भोजन लेना चाहिए।
  • आज के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें नमक युक्त भोजन ग्रहण करना व्रत हेतु उपयुक्त नहीं माना जाता है।
  • प्रायः महिलाएं व्रत में सूर्यास्त से पूर्व फलाहार का सेवन करती हैं।
  • रविवार के दिन आप तुलसी का स्पर्श ना करें किंतु संध्या कालीन बेला में आप तुलसी के समक्ष घी का दीपक अवश्य जलाएं एवं भगवान सूर्य देव की आरती करें।
  • व्रत धारी महिलाएं दूसरे दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर भगवान सूर्य को जल से अर्घ्य प्रदान कर, पारण की काल अवधि के अनुसार भोजन ग्रहण करें।
  • अपनी सामर्थ्य एवं भावना के अनुरूप आप दान पुण्य भी कर सकते हैं। यह विशेष फलदायी होता है।

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रविवार के विशेष मंत्र

नीचे दिए गए मंत्रों में से आप किसी भी मंत्र का अपने जीवन में शिरोधार्य कर प्रतिदिन कम से कम 108 बार अवश्य जप करे ।

ऊं मित्राय नम:।।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

ऊं रवये नम:।।

ऊं सूर्याय नम:।।

ऊं भानवे नम:।।

ऊं पुष्णे नम:।।

ऊं मारिचाये नम:।।

ऊं आदित्याय नम:।।

ऊं भाष्कराय नम:।।

ऊं आर्काय नम:।।

ऊं खगये नम:।।

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।

इसके अतिरिक्त आप गायत्री मंत्र का भी जप कर सकते हैं, गायत्री मंत्र सूर्य का का मंत्र माना जाता है। सविता गायत्री दोनों एक ही है, अतएव आप गायत्री मंत्र का जप भी कर सकते हैं। वेदों में गायत्री मंत्र को सर्वोपरि एवं कल्याणकारी मंत्र माना जाता है एवं कहा गया है कि जो जातक प्रतिदिन कम से कम 108 बार गायत्री मंत्र का मन एवं आत्मा से जप करता है, उसे कभी भी किसी भी प्रकार के संकट, दोष, आकस्मिक समस्या, अकाल मृत्यु आदि का सामना नहीं करना पड़ता है।

ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।

भगवान सूर्य से मनोवांछित इच्छा की पूर्ति हेतु आप उक्त मंत्र का उच्चारण करें एवं यज्ञ आदि में इस मंत्र से आहुति भी अवश्य ही करें।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

भगवान सूर्य की अनुकंपा प्राप्त करने हेतु जातकों को रविवार के दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ अवश्य ही करना चाहिए।

इतवार के उपाय

सूर्य के उपाय जो करेंगे सभी दोष दूर:

  • सनातनी हिंदू धर्म में गाय को अत्यंत ही पवित्र पूजनीय एवं माता स्वरूप माना गया है। गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है। रविवार के दिन भगवान सूर्य की कृपा पात्र बनने हेतु आपको प्रातः काल स्नान पूजन के पश्चात गाय को रोटी खिलाना चाहिए। इससे आपको अत्यंत ही लाभ मिलेगा। कोशिश करें आप गौ माता को प्रतिदिन एक वक्त का भोजन कराएं।
  • आज के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में सूर्योदय के काल में तांबे के बर्तन में जल भरकर इसमें लाल चंदन, कुमकुम और लाल रंग के पुष्प डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करें।
  • सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते समय यदि आप जल को किसी पौधे की जड़ में डालते हैं, तो यह बेहतर माना जाता है।
  • ऋग्वेद के अनुसार सूर्योदय काल में उठने वाले जातकों के जीवन में सदैव शुभ लाभ बना रहता है। ब्रह्मांड की चलायमान गति सूर्य के कारण है। सभी जीव सूर्य पर ही आश्रित है। अतः सूर्योदय काल में जगने एवं  सूर्य की आराधना करने से व्यक्ति की शारीरिक व मानसिक तौर पर आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • रविवार के दिन जातकों को सूर्य देव की कृपा पात्र बनने हेतु मछलियों को आटे की गोलियां खिलानी चाहिए।
  • आज के दिन चींटियों को शक्कर खिलाएं।
  • अगर आपके ऊपर आर्थिक संकट की स्थिति बनी रहती है, तो रविवार के दिन भगवान सूर्य को का ध्यान करते हुए अपनी तिजोरी में शुद्ध कस्तूरी को चमकीले पीले कपड़े में लपेट कर रख दें। आपकी आर्थिक समस्या का निदान होगा।
  • रविवार के दिन भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त करने हेतु व्रत का भी विधान है। अतः आज के दिन व्रत धारण कर सूर्यास्त काल के पूर्व एक बार अथवा सुर्यास्त काल के पश्चात ही एक बार का आहार ले सकते हैं। कुछ लोग इसे फलाहार के साथ ही करते हैं।  ध्यान रहे आप जो भी आहार ले रहे हो उसमें नमक का अंश ना हो एवं भोजन सात्विक हो।
  • रविवार के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के साथ-साथ कुमकुम डालकर बरगद के वृक्ष में भी जल प्रदान करना चाहिए।
  • आज के दिन घर से बाहर निकलने से पूर्व घर के सभी सदस्यों को लाल रंग के तिलक माथे पर लगाने चाहिए।

आरती

रविवार के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के पश्चात उनका विधिवत तौर से पूजन करने के साथ-साथ भगवान सूर्य देव की आरती भी करनी चाहिए। इससे भगवान सूर्य देव की कृपा दृष्टि आप पर सदैव बनी रहती है।

सूर्यदेव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...