वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण ,महाभारत आदि महाग्रंथों को हिंदू धर्म का आधारभूत माना गया है। इनके अनुसार हनुमान जी भगवान शिव का अवतार हैं। वे मंगलवार के दिन प्रकट हुए थे, इस कारण मंगलवार को हनुमान जी का दिवस कहा जाता है।
कहते हैं कि एक बार पुरातन काल में एक साधक ने अपने दांपत्य जीवन में संतान प्राप्ति हेतु, हर मंगलवार को हनुमान जी का व्रत किया व श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की। साधक की श्रद्धा से प्रसन्न होकर प्रभु हनुमान ने उन्हें संतान सुख प्रदान किया। उन्हें सभी कष्टों से मुक्त कर दिया। इसी प्रकार उनकी अराधना मंगल के दिन की जाने लगी जिससे साधक को सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। वे साधक के सभी कष्टों को हर लेते हैं, इसलिए इनको संकटमोचन भी कहते हैं।
हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो कलयुग में जीवंत हैं, क्योंकि उन्हें यह वरदान प्राप्त है कि वे कलयुग तक इस सृष्टि की रक्षा हेतु, इस धरा पर विराजमान रहेंगे। इसलिए भी हनुमान जी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
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1) तुलसी करें अर्पित:- ऐसी मान्यता है कि हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय थी। तत्पश्चात रामायण में प्रभु श्री राम रूप विष्णुजी को भी तुलसी अत्यंत प्रियतम थी। इसलिए प्रभु श्री राम के सेवक होने के नाते हनुमान जी को भी तुलसी का भोज अत्यंत प्रिय है। यह माना जाता है कि हनुमान जी को तुलसी का भोजन कराने से याजक के घर में कभी भी अपेक्षाओं का भाव नहीं होता है, वरन् उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
2) सिंदूर करें अर्पित:- ऐसा कहा जाता है कि एक बार देवी सीता सिंदूर को अपने मस्तक पर सुशोभित कर रही थी। सिंदूर को देवी सीता के हाथों में देख कर हनुमान जी उनसे यह प्रश्न करते हैं कि - हे माते! आप यह सिंदूर अपने मस्तक पर सुशोभित क्यों कर रही हैं? इसकी क्या मान्यता है जीवन में? उनके प्रश्न का उत्तर देते हुए देवी सीता कहती हैं कि सिंदूर को अपने मस्तक पर सुशोभित करने से स्वामी की आयु दीर्घ हो जाती है। सीता जी की बात से प्रभावित होकर हनुमान जी ने सिंदूर को अपने संपूर्ण शरीर पर लगा लिया और कहने लगे इससे मेरे स्वामी की आयु और अधिक लंबी हो जाएगी। इसी प्रकार पवनसुत हनुमान जी के पूजन में सिंदूर चढ़ाया जाता है। कहते हैं हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से साधक के दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है और सदा हर्षोल्लास का वातावरण शोभायमान रहता है।
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3) ध्वज करें अर्पित:- महाभारत के युद्ध में हनुमान जी ने बलशाली भीम को यह वचन दिया था कि वह महाभारत के युद्ध में पांडवों की रक्षा करेंगे, इसलिए हनुमान जी उस विशाल युद्ध में गांडीव धारी अर्जुन के रथ के शीर्ष पर ध्वज रूप विराजमान थे और अपनी मौजूदगी से ही उनकी रक्षा कर उन्हें विजय दिलाई। इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि अगर साधक के कार्यों में विभिन्न प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो रही है, तो साधक को तीन कोनों से युक्त ध्वज, जिस पर श्री राम लिखित हो, उसे हनुमान जी को मंगलवार के दिन श्रद्धा पूर्वक उनकी आराधना कर अर्पित करना चाहिए। इससे याजक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सारे अटके कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
4) हनुमान चालीसा व 'ॐ हनुमंतये नमः' का जाप:- साधक को प्रत्येक दिन में एक बार हनुमान चालीसा व ॐ हनुमते नमः का जाप अवश्य करना चाहिए। इससे साधक में एक नई उमंग, ऊर्जा, आत्मविश्वास, साहस व शक्ति का निर्माण होता है। किसी विपदा, मुसीबत या भूत प्रेत से भय के समय साधक को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
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ॐ हनुमंते नमः का करें नित करें जाप
यह एक चमत्कारिक मंत्र है। इस मंत्र के जाप से आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे, आपका सारा जीवन खुशहाल होगा तथा आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हो, आप इस मंत्र का जाप करके अपने सभी दुखों से छुटकारा पाकर अपने मन की इच्छा पूर्ति का वरदान प्राप्त कर सकते हैं ।
यदि आप नास्तिक हैं और ईश्वर या किसी भी देवी देवता को नहीं मानते हैं, तो भी कोई बात नहीं, यह कोई बाधा नहीं। आपको भी इस मंत्र के जाप करने से लाभ अवश्य होगा। यह एक कल्याणकारी व चमत्कारिक मंत्र है। इसको जो भी साधक ईश्वर में लीन होकर हनुमान जी के मंत्र को जपेगा, उसका कल्याण होगा। यही ईश्वर की अनुकम्पा है। यदि आप अपने जीवन को सुखमय और सफलता पूर्ण बनाना चाहते हैं, तो इस मंत्र का जाप अवश्य करें। आपको इतनी खुशी, इतनी सफलता प्राप्त होगी कि आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे और मंत्र का जाप अधिक से अधिक तथा श्रद्धा पूर्वक करने लगेंगे।
आप किसी के लिए भी यह मंत्र जाप कर सकते हैं उनको इससे लाभ जरूर मिलेगा मन में प्रार्थना कीजिए की - हे हनुमान जी ! हम यह मंत्र जिसके लिए जप रहे हैं, उसका कल्याण हो। हनुमान जी उनका कल्याण जरूर करेंगे। किन्तु कभी भी इस मंत्र का जाप किसी भी अन्य व्यक्ति की क्षति पहुंचने के मंशा से नहीं करना चाहिए उसका साधक पर दुष्प्रभाव होता है।
किसी भी उम्र का व्यक्ति ' ॐ हनुमंते नमः' का जाप करके अपनी किस्मत बदल सकता है और अपना जीवन खुशहाल बनाकर एक नयी जीवन शुरुआत कर सकता है।