वर्ष 2020 विश्व भर के अधिकांश जातकों के लिए अत्यंत ही दुखदाई और कष्टदायक रहा। वर्ष 2020 में सभी जातकों ने अनेकानेक प्रकार की चुनौतियों व समस्याओं से सामना किया है। हालांकि अब वर्ष 2020 का समापन हो नए वर्ष 2021 का आगाज हो चुका है जिसको लेकर आप सभी के मन में आरम्भ से ही काफी उत्सुकता व उत्साह बना हुआ है। तो चलिए आज हम आपको नए वर्ष 2021 में लगने वाले सभी ग्रहण के संबंध में जानकारी देंगे, साथ ही ग्रहण के समय व उससे जुड़े कुछ आवश्यक तथ्य भी बताएंगे।
नव वर्ष 2021 में कुल 4 ग्रहण लगने जा रहे है जिसमें दो सूर्य ग्रहण तो दो चंद्रग्रहण है जिसमें 10 जून को पहला सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है, तो वहीं 4 दिसंबर को दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है। जबकि वर्ष का पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लगेगा, तत्पश्चात वर्ष के नवंबर माह में 19 नवंबर को वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। इनमे से दो चंद्रग्रहण तथा एक सूर्य ग्रहण भारत में परिलक्षित होंगे, किंतु वर्ष का आखरी सूर्य ग्रहण जो कि 14 दिसंबर को लगेगा, वह भारत में परिलक्षित नहीं होगा जिस कारण से वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण को लेकर सूतक काल आदि भी मान्य नहीं होंगे।
इसके अतिरिक्त यदि हम कुछ राशियों के बारे में तथा उसके जीवन में नववर्ष से आने वाले कुछ उतार-चढ़ाव के संबंध में बात करेंगे। तो आने वाले नव वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ राशि वाले जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना हुआ रहेगा। इसके अतिरिक्त मिथुन और तुला राशि के जातकों के ऊपर शनि की कुदृष्टि रहेगी जो उन्हें अनेक अनेक प्रकार की बाधाओं व चुनौतियों के समक्ष विवश कर सकती हैं।
आइए सर्वप्रथम हम जानते हैं वर्ष 2021 में लगने वाले सभी ग्रहण के संबंध में, जिसमें सबसे पहले जानते हैं वर्ष 2021 के पहले ग्रहण अर्थात चंद्र ग्रहण के संबंध में।
पहला ग्रहण
वर्ष 2021 में लगने वाले कुल 4 ग्रहों में से पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण, जो वर्ष 2021 में 26 मई बुधवार के दिन को लगने जा रहा है, इस दिन दोपहर लगभग 2 बजकर 17 मिनट पर आरंभ होगा जो संध्या कालीन बेला में 7 बजकर 19 मिनट तक बना रहेगा। यह चंद्रग्रहण वर्ष का पहला ग्रहण है और यह अमेरिका में पूर्णरूपेण परिलक्षित होगा, अर्थात वहाँ इसे पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जाएगा। जबकि भारत मे यह महज एक उपच्छाया ग्रहण के रूप में दृश्यमान होगा। यह ग्रहण पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अमेरिका आदि में पूर्णरूपेण स्पष्ट रूप से दृश्यमान होगा। हालांकि भारत में इसकी केवल एक छाया प्रति लक्षित होगी। यह चंद्रग्रहण वर्ष 2021 के ग्रहण आदि से जुड़े भौगोलिक घटनाओं में प्रथम स्थान रखेगा।
दूसरा ग्रहण
वर्ष 2021 में लगने वाला दूसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण है। वर्ष 2021 में कुल 2 सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं जिसमें यह वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण है जो कि जून माह के दसवें दिन अर्थात 10 जून को लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से आरंभ होकर संध्या 06 बजकर 43 मिनट तक लगा रहेगा।
10 जून को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग यूरोप और एशियाई क्षेत्रों में आंशिक रूप से परिलक्षित होगा। जबकि 10 जून को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण उत्तरी कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड आदि जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से पूर्ण रूप में दिखाई देगा। वहीं अगर भारत में ग्रहण के दृश्यमान की बात करें तो भारत में ग्रहण आंशिक रूप से परिलक्षित होगा।
तीसरा ग्रहण
वर्ष 2021 के दूसरे सूर्य ग्रहण के पश्चात वर्ष का तीसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण है जो वर्ष का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण है। यह चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को लगेगा। यह ग्रहण 19 नवंबर 2021 की तिथि को दोपहर लगभग 11 बजकर 30 मिनट आरंभ होगा जो कि दिन भर रहकर संध्या कालीन बेला में 5 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। इसे आंशिक चंद्रग्रहण माना जा रहा है। यह भारत में दृश्यमान होगा। इसके अतिरिक्त यह चंद्रग्रहण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर जैसे कई क्षेत्रों में भी दृश्यमान होने जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी लग सकता है।
चतुर्थ ग्रहण
वर्ष 2021 में लगने वाला आखरी ग्रहण 14 दिसंबर की तिथि को लगेगा। यह वर्ष का आखिरी ग्रहण और वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण है। इस सूर्य ग्रहण को खंडग्रास सूर्यग्रहण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। भारतीय समय के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2021 की तिथि को संध्याकालीन बेला में 7 बजकर 03 मिनट से आरंभ होगा जो 15 दिसंबर की मध्य रात्रि अर्थात 14 दिसंबर की रात्रि लगभग 12 बजकर 23 मिनट तक बना रहेगा। इस सूर्य ग्रहण की काल अवधि लगभग 5 घंटे की होगी।
हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होने वाला है। भारत में सूर्य ग्रहण की दृश्यता शून्य मानी जा रही है, इस कारण से इस सूर्य ग्रहण का कोई सूतक काल या सूतक प्रभावी नहीं रहेगा। दूसरे सूर्य ग्रहण का प्रभाव विशेष तौर पर अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में परिलक्षित होगा। इन क्षेत्रों में ही यह सूर्यग्रहण दृश्यमान भी होंगे।
वर्ष 2021 में कुल 4 ग्रहण लगने के साथ-साथ इस वर्ष कुंभ पर्व का भी आरंभ होना है। दरअसल गुरु 5 अप्रैल से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे, तत्पश्चात कुंभ पर्व का आरंभ हो जाएगा। हालांकि फिर 14 सितंबर से गुरु अपनी नीच राशि मकर में आकर पुनः 20 नवंबर को कुंभ में आ जाएंगे। कुंभ पर्व, मेष राशि, वृषभ राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, तुला राशि आदि के जातकों के जीवन में आर्थिक तौर पर सुदृढ़ता लाने का कार्य करेगा। आपकी आर्थिक स्थिति के मजबूत होने के आसार हैं।
यह वर्ष पुष्य नक्षत्र में आरंभ हो रहा है जो संभवतः सभी जातकों के लिए शुभकारी परिणाम पर लक्षित करने वाला है। विशेष लाभ हेतु जातकों को हनुमान चालीसा का नित्य प्रतिदिन पाठ करना चाहिए और संभव हो तो श्री हनुमान जी के दर्शन भी करने चाहिए। इससे जीवन में आ रहे संकट व बाधाओं के साथ-साथ चुनौतियों का भी नाश होगा और जीवन में सकारात्मकता बनी रहेगी जिससे आपका वर्ष 2021, वर्ष 2020 के नकारात्मक प्रभावों से तो कम से कम मुक्त रह सकेगा।