सोमवार के मंत्र एवं उपाय, जानें कैसे करें भोले भंडारी की आराधना

Somvar Mantra and Upay Know how to worship Lord Shiv on Monday

सोमवार का दिन सोमनाथ अर्थात देवों के देव महादेव का माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-आराधना की जाती है। साथ ही सोमवार के दिन चंद्र देव की भी पूजा आराधना की जाती है चूँकि चंद्रदेव का आदि दिवस सोमवार का दिन होता है। ज्योतिष शास्त्र में सोमवार का दिन चंद्र ग्रह के शुभ प्रभाव का प्रदर्शक माना गया है। इस दिन चंद्रमा की प्रिय वस्तुओं का प्रयोग, दान, आदि कर्म किया जाता है। आज के दिन भगवान शिव की विशेष व विधिवत तौर तरीके से पूजा होती है। आइए जानते हैं शिव के पूजन हेतु पूजन विधि-

पूजन विधि

  • भगवान शिव की पूजा-आराधना करने हेतु प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर 11 बेलपत्र, धतूरे का फूल एवं अन्य सफेद रंग के फूल एकत्रित कर लें।
  • तत्पश्चात भगवान शिव के मंदिर जाकर भगवान शिव का पंचतत्व दूध, घी, दही, शहद तथा गंगाजल से स्नान कराएं।
  • स्नान के पश्चात भगवान शिव का सुगंधित चन्दनो से श्रृंगार करें एवं उन पर 11 बिल्वपत्र चढ़ाकर सुंदर सफेद पुष्पों को अर्पित करें।
  • भगवान शिव के साथ साथ गणेश, नंदेश्वर एवं देवी पार्वती की भी पूजा आराधना करें।
  • तत्पश्चात इनके ऊपर भी जल पुष्प अक्षत आदि अर्पित करें
  • आज के दिन चंद्र देव की भी पूजा का विशेष महत्व होता है। अतएव चंद्रदेव को खीर, दूध से बने मिष्ठान आदि का भोग लगाएं।

सोमवार हेतु मंत्र

भोलेनाथ शंकर के अनेकानेक रूप हैं। वह अनेकों रूप में पूजनीय है। उनको प्रसन्न करने हेतु सोमवार को विशेष तौर पर पूजा-आराधना अभिषेक किया जाता है। किंतु शास्त्रों के अनुसार मंत्र विहीन पूजा का कोई महत्व नहीं रहता एवं बिना मंत्र-जप करने वाले व्यक्ति का कोई मूल अस्तित्व नहीं रहता।

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आप भगवान शिव के अनेकों मंत्रों में से अपनी श्रद्धा एवं सुविधा अनुसार मंत्रों का जीवन में शिरोधार्य करें साथ ही प्रतिदिन 108 बार मंत्र जाप अवश्य करें। सोमवार के दिन यह प्रयास करें कि आप अधिक से अधिक भगवान शिव के मंत्रों का जप करें। इससे आपके जीवन में सकारात्मकता, शुभ फल एवं मनोवांछित इच्छाओं की पूर्ति होती रहेगी।

ऊँ अघोराय नम: ।।

ऊँ पशुपतये नम: ।।

ऊँ शर्वाय नम:  ।।

ऊँ विरूपाक्षाय नम: ।।

ऊँ विश्वरूपिणे नम: ।।

ऊँ त्र्यंबकाय नम: ।।

ऊँ कपर्दिने नम:  ।।

ऊँ भैरवाय नम: ।।

ऊँ शूलपाणये नम: ।।

ऊँ ईशानाय नम: ।।

ऊँ महेश्वराय नम: ।।

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।

ऊर्ध्व भू फट् ।।

इं क्षं मं औं अं।।

प्रौं ह्रीं ठः। ।

ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।।

सोमवार को धन लाभ हेतु मंत्र

भगवान शिव को भोले भंडारी कहा जाता है जो अपने भक्तों की सभी इच्छाओं का सम्मान करते हैं एवं उसकी पूर्ति हेतु अथक प्रयास करते हैं। अतः उनका सुमिरन किसी भी स्वरूप में मनोकामना पूर्ति दायक होता है। किंतु शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव से धन प्राप्ति हेतु उक्त मंत्रों का उल्लेख किया गया है।

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अतएव अगर आपके जीवन में आर्थिक समस्या विद्यमान हैं, आये दिन आपको किसी ना किसी प्रकार की से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, तो प्रतिदिन उक्त मंत्र का घर से निकलने से पूर्व कम से कम 11 बार उच्चारण अवश्य करें। सोमवार के दिन इसका किसी शिव मंदिर में बैठकर 108 बार उच्चारण करें।

मन्दारमालाङ्कुलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहारिणे।
सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥

सोमवार के उपाय

  • सोमवार के दिन भगवान शिव को घी, शक्कर एवं गेहूं के आटे से बने हुए प्रसाद को भोग स्वरूप चढ़ाएं। प्रसाद भोग लगाने के पश्चात इसे सर्वप्रथम भूखे लाचारों में बांटे, फिर बड़े-बुजुर्ग एवं गुरुजनों में बांटे, एवं अंत में शेष प्रसाद का स्वयं ग्रहण करें। माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु शिव के साथ-साथ माता पार्वती एवं नंदी के ऊपर जलाभिषेक किया जाए तो भगवान शिव से अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • भगवान शिव को सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, धतूरा, आंकड़े आदि का फूल प्रिय है, अतएव उनके श्रृंगार एवं पूजा हेतु इन तत्वों का प्रयोग अवश्य करें।
  • सोमवार को भगवान शिव के साथ साथ चंद्रदेव का भी दिन माना जाता है। अतः इस दिन चंद्र देव की पूजा आराधना करें।
  • चंद्र देव को प्रसन्न करने हेतु उनकी प्रिय वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
  • चंद्र देव का ज्योतिषीय रंग सफेद माना जाता है सफेद रंग चंद्रदेव का प्रिय रंग है, इसलिए इस दिन सफेद चावल, सफेद चंदन, दूध, अखरोट, मिश्री, बर्फी एवं दूध से बनी मिष्ठान व वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करें एवं चंद्र देव के साथ-साथ भगवान शिव को भी इन मेवा-मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • कुछ ग्रंथों के अनुसार सोमवार के दिन गाय को रोटी खिलाना अत्यंत शुभकारी माना जाता है। इससे मनवांछित सभी इच्छाएं तत्काल पूर्ण होती है। गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है, इसलिए आपकी इच्छाओं की पूर्ति में सभी देवी-देवताओं का आशीष प्राप्त होता है।
  • इस दिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। इससे आपके जीवन की आर्थिक समस्याएं समाप्त होंगी एवं आप चंद्र ग्रह को भी संतुलित एवं सुखद रख पाने में सफल होंगे।
  • आज के दिन दूध से बनी मिठाई खीर आदि का गरीबों में दान करें।

सोमवार की आरती

सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना के पश्चात आरती करना विशेष फलदाई होता है। अतः सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक एवं विधिवत तौर तरीके से पूजा आराधना कर, आरती का गायन, घंटी-वादन प्रसन्न मन से करें।

भगवान शिव की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥