रविवार को हम सूर्य देव की आराधना करते है। सूर्य हमारे ज्योतिष शास्त्र में सबसे शक्तिमान ग्रह है तथा इसको ग्रहों का राजा भी कहा जाता है। रविवार की प्रकृति ध्रुव होती है, इस दिन हम भगवान श्री हरि विष्णु जी की भी आराधना करते हैं। हिन्दू धर्म में समस्त सप्ताह के वारों में से इसे सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है। यदि जातक अच्छा स्वास्थ्य तथा अपने जीवन में तेजस्विता पाना चाहता है, तो उसे रविवार के दिन सूर्य देव की उपासना करनी चाहिए एवं उपवास रखना चाहिए। सूर्य देव के प्रसन्न होने पर जातक को बल, बुद्धि, विद्या, वैभव, तेज, पराक्रम व दिव्यता का आशीर्वाद मिलता है।
सूर्य देव की उपासना हेतु शक्तिशाली मन्त्र:
ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ॐ सूर्याय नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ नमो भास्कराय नम:।
अर्घ्य समर्पयामि।।
एवं
ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
सूर्य को अर्घ्य देते समय गायत्री मन्त्र का जाप करना अत्यंत फलदायक होता है। इस मन्त्र का स्मरण कर सूर्य देव को रविवार के दिन अर्घ्य देने से अत्यंत लाभ होता है एवं सूर्य देव आप पर प्रसन्न होते है।
सूर्य नमस्कार और सूर्य को अर्घ्य देने का धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। धार्मिक महत्व के अनुसार प्रतिदिन खासकर रविवार को सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है, यह सूर्य के उपाय में बेहतरीन उपाय है। वहीं वैज्ञानिक महत्वानुसार सूर्य नमस्कार करने से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं तारो ताज़ा रहते है।
सूर्य को अर्घ्य देने की विधि
पौराणिक मान्यताओं एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सूर्य देव को अर्घ्यदान का विशेष महत्व है। प्रतिदिन प्रात:काल स्नान-ध्यान कर तांबे के लोटे में जल और लाल फूल व चावल डालकर प्रसन्नता पूर्वक सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्यदान से प्रसन्न हो भगवान सूर्य दीर्घायु, आरोग्यता, सम्पन्नता, विद्या, पुत्र, मित्र, तेज, यश-वैभव और सौभाग्य प्रदान करते हैं।
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सूर्य देव को अर्घ्य देते समय निम्न मन्त्र का जाप करना चाहिए:
ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः।
सूर्य की पूजा में इन नियमों का पालन करना चाहिए
रविवार के दिन करें ये कार्य
क्या ना करें रविवार के दिन?