वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
गजानन, लम्बोदर, गणनायक, एकदन्ता, गणराज, प्रथमपूज्य, विघ्नहर्ता, आदि नामों से जाने वाले प्रथम पूज्य श्री गणेश जी को कौन नहीं जानता है। अपने भक्तों के सभी विघ्न हरने तथा सुख एवं सिद्धि का आशीष देने वाले गणराज को हम विनायक के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर बुधवार को गणेश जी का अर्चन किया जाता है। प्रतिमाह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणनायक की आराधना की जाती है जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत का संकल्प ले गजराज की आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से सभी प्रकार के मनोरथ की पूर्ति होती है।
आज 26 मई को जेष्ठ माह की विनायक चतुर्थी मनाई जायगी। आज के दिन अपने आराध्य देव श्री गणेश जी का आराधन करने का शुभ समय प्रातः 10:57 से लेकर दोपहर 01:40 तक रहेगा। ऐसी मान्यता है कि शीघ्र शुभ फल की प्राप्ति हेतु इसका पूजन दोपहर को करना चाहिए।
आइये जानते है की इस पुण्य दिन पर हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं:
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उम्मीद हैं कि हमारे इस लेख के माध्यम से आप सभी को यह ज्ञात हो गया होगा कि विनायक चतुर्थी पर क्या करना चाहिये और क्या नहीं। आशा है गजानन आप सभी पर अपनी मंगल दृष्टि बनाये रखें।
ॐ गन गणपतयः नमः