एकादशी व्रत कैलेंडर 2021

Ekadashi dates calendar Vrat List 2021

हिंदू धर्म में अनेक-अनेक प्रकार के व्रत, उपवास, पर्व, त्यौहार आदि निहित होते हैं। हिंदू धर्म का सनातनी कैलेंडर हिंदू पंचांग के मुताबिक निर्धारित होता है।

हिंदू पंचांग में प्रत्येक दिन का स्वयं में विशेष अर्थ एवं महत्व होता है। प्रत्येक तिथि की गणना ज्योतिषीय व खगोलीय परिदृश्य के आधार पर ही की जाती है।

हिंदू धर्म के अनेक-अनेक प्रकार के व्रत-त्योहारों में आज हम वर्ष 2021 में पड़ने वाले सभी एकादशी व्रतों के संबंध में आपको कुछ अहम जानकारियां देंगे जिसमें हम एकादशी पर्व के महत्व के साथ-साथ पूरे वर्ष भर में आने वाले सभी एकादशी व्रत की तिथि व एकादशी व्रत से जुड़े कुछ विशेष तथ्यों के संबंध में भी बताएँगे।

दरअसल एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है। एकादशी व्रत के संबंध में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मुख से उल्लेख किया है। एकादशी व्रत का व्यापक उल्लेख श्रीमद भगवत गीता में देखने को मिलता है। श्रीमद्भगवद्गीता के संबंध में यह किवदंती विद्यमान है कि श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्री कृष्ण की वाणी है। यह स्वयं भगवान श्री कृष्ण का कलयुग में अवतार है। इसी श्रीमद्भगवद्गीता अर्थात भगवान की वाणी  द्वारा यह प्रख्यात है कि एकादशी व्रत मोक्ष प्रदायक व्रत माना जाता है।

पूरे वर्ष भर में 24 एकादशी का व्रत सामान्य तौर पर निहित होते हैं, किन्तु जिस वर्ष मलमास पड़ जाता है, उस वर्ष एकादशी के व्रत की संख्या 24 से बढ़कर 24 26 हो जाती है।

आइए जानते हैं इस वर्ष कितने एकादशी व्रत विद्यमान हैं, साथ ही इन एकादशी व्रत का क्या महत्व है। इसके अतिरिक्त एकादशी व्रत के संपूर्ण सूची व तिथि के विषय में। एकादशी के व्रत को व्रतों में शिरोमणि सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक एकादशी व्रत धारण करता है, उसे कभी भी नरक लोक में जाना नहीं पड़ता है, और ना ही 8400000 योनियों का कष्ट झेलना पड़ता है। ऐसे जातकों को मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

एकादशी व्रत के संबंध में भगवान श्रीकृष्ण श्रीमद्भगवद्गीता में विस्तृत उल्लेख करते हुए पांडवों से संवाद में दर्शाते हैं। भगवान श्री कृष्ण पांडव में से युधिष्ठिर से संवाद के दौरान सभी एकादशी व्रत का बखान करते हैं एवं सभी एकादशी व्रत के अलग-अलग महत्व तिथियों आदि के संबंध में भी दर्शाते हैं।

एकादशी व्रत के दिन जातक भगवान श्री हरि विष्णु के प्रति विशेष श्रद्धा भाव प्रकट करते हैं। यह श्री हरि विष्णु तथा उनके अन्य अवतारों से ही संबंधित माना जाता है।

पिछले वर्ष मलमास पड़ने की वजह से एकादशी वर्ष भर में सामान्य से अधिक संख्या में थे जबकि इस वर्ष मलमास जैसी कोई स्थिति नहीं है जिस कारण इस वर्ष यानी 2021 में पूरे वर्ष भर में 24 एकादशी ही रहेंगे। तो आइए जानते हैं वर्ष भर के सभी एकादशी व्रत के तिथि व एकादशी व्रत के नाम के संबंध में।

वर्ष 2021 के एकादशी व्रत

इस वर्ष 2021 में कुल 24 एकादशी व्रत है जिसमें से आइए सर्वप्रथम जानते हैं जनवरी माह में पड़ने वाले एकादशी व्रत के संबंध में-

जनवरी 2021 के एकादशी व्रत

09 जनवरी, सफला एकादशी - वर्ष 2021 में पड़ने वाले सभी एकादशी में से प्रथम एकादशी का व्रत सफला एकादशी है। सफला एकादशी से ही वर्ष के एकादशी व्रत का आरंभ हो चूका है। इस एकादशी व्रत में जातक भगवान श्री हरि विष्णु की विशेष पूजा आराधना करते हैं।

24 जनवरी, पौष पुत्रदा एकादशी - वर्ष 2021 का दूसरा एकादशी का व्रत 24 जनवरी को था। यह प्रत्येक वर्ष पौष माह में पड़ने वाला एकादशी व्रत है, इसलिए इसे पौष पुत्रदा एकादशी व्रत भी कहते हैं। ऐसी धारणा विद्यमान है कि जो जातक इस एकादशी व्रत का धारण करते हैं, उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती हैं।

फरवरी 2021 के एकादशी व्रत

07 फरवरी, षटतिला एकादशी - फरवरी माह का पहला एकादशी व्रत षटतिला एकादशी व्रत है जो कि 7 फरवरी को पड़ने जा रहा है। इस दिन जातकों को भगवान श्री हरि विष्णु को पूजा आराधना के दरम्यान काले रंग के तिल भी अर्पित करने चाहिए।

23 फरवरी, जया एकादशी -  जया एकादशी के व्रत पर भगवान श्री हरि विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी के स्वरूप की भी विशेष पूजा आराधना करें। वर्ष 2021 में जया एकादशी व्रत की तिथि 23 फरवरी की है।

मार्च 2021 के एकादशी व्रत

09 मार्च, विजया एकादशी  - मार्च माह में पड़ने वाले एकादशी व्रत में प्रथम एकादशी व्रत विजया एकादशी व्रत है। जो भी जातक इस एकादशी व्रत का धारण पवित्र भाव से सफलतापूर्वक करते हैं, उन्हें जीवन में कभी भी असफलताओं का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसे जातक अपने जीवन में विजय होते हैं।

25 मार्च, आमलकी एकादशी - 25 मार्च की तिथि को आमलकी एकादशी व्रत पड़ने जा रहा है। इस दिन भगवान श्री विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करें।

अप्रैल 2021 के एकादशी व्रत

07 अप्रैल, पापमोचिनी एकादशी - वैसे तो सभी एकादशी व्रत जातकों के जीवन से पाप वृतियों का नाश करते हैं, किंतु इस एकादशी व्रत को पापमोचनी कहा जाता है, अर्थात जो पाप से मुक्ति दिलाती हो। अतः इस एकादशी व्रत को जातकों को विशेष रूप से धारण करना चाहिए।

23 अप्रैल, कामदा एकादशी - कामदा एकादशी व्रत धारण करने से व्यक्ति के मन की भावनाओं के पवित्र व सकारात्मक होने के विधान है। कामदा कामदा एकादशी व्रत को आप 23 अप्रैल 2021 को अवश्य ही धारण करें।

मई 2021 के एकादशी व्रत

07 मई, वरुथिनी एकादशी - वर्ष 2021 में 7 मई को वरुथिनी एकादशी व्रत पड़ने जा रहा है, इसे आप श्रद्धा भाव से अवश्य धारण करें।

22 मई,  मोहिनी एकादशी - 22 मई 2021 को पड़ने वाले मोहिनी एकादशी व्रत के संबंध में यह मान्यता प्रचलित है कि जो जातक मोहिनी एकादशी व्रत धारण करते हैं, उन जातकों के जीवन में व व्यक्तित्व में गजब का आकर्षण देखने को मिलता है। वे सामाजिक तौर पर प्रसिद्धि की प्राप्ति करते हैं।

जून 2021 के एकादशी व्रत

06 जून, अपरा एकादशी - अपरा एकादशी का व्रत 6 जून को पड़ने जा रहा है। इसे आप विधि विधान से अवश्य ही धारण करें।

21 जून, निर्जला एकादशी - निर्जला एकादशी व्रत को सभी व्रतों में से सबसे खास व महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो जातक पूरे वर्ष भर गए किसी भी एकादशी व्रत को धारण नहीं करते हो, वह जातक भी अगर एक व्रत केवल निर्जला एकादशी व्रत को धारण कर लें, तो भी उन्हें पूरे वर्ष भर के एकादशी व्रत के बराबर का पुण्य प्राप्त हो जाएगा, साथ ही वे मोक्ष की प्राप्ति करेंगे।

जुलाई 2021 के एकादशी व्रत

05 जुलाई, योगिनी एकादशी - योगिनी एकादशी व्रत के दिन योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा आराधना करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना के साथ-साथ इनके स्वरूप श्री कृष्ण की पूजा आराधना का महत्व है।

20 जुलाई, देवशयनी एकादशी - देवशयनी एकादशी के दिन जातक निर्मल स्वभाव से व्रत का धारण करते हैं। इस एकादशी व्रत को जातक बड़ी श्रद्धा भाव से विशेष महत्व के साथ धारण करते हैं जो जातकों के लिए काफी फलित मानी जाती है।

अगस्त 2021 के एकादशी व्रत

04 अगस्त, कामिका एकादशी - 4 अगस्त को कामिका एकादशी व्रत पड़ने जा रहा है। इसे जातकों को बड़े ही श्रद्धा भाव से धारण करना चाहिए और भगवान श्री कृष्ण की पूजा आराधना करने के साथ-साथ पीले रंग के वस्त्र भी उन्हें अर्पित करने चाहिए। इसके साथ ही स्वयं की पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए ।

18 अगस्त, पुत्रदा एकादशी - पुत्रदा एकादशी पूरे वर्ष भर में 2 बार मनाई जाती है जो माह पर आधारित होता है। 18 अगस्त को पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी श्रावण माह की पुत्रदा एकादशी है जिसका खास महत्व है। अतः आप इसे अवश्य ही धारण करें।

सितंबर 2021 के सभी एकादशी व्रत

03 सितंबर, अजा एकादशी - जातकों को वर्ष भर के सभी एकादशी व्रतों को धारण करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति अवश्य ही होती हैं। अजा एकादशी व्रत भी इन्हीं व्रतों में से एक है। इन्हें आप अवश्य ही धारण करें।

17 सितंबर, परिवर्तिनी एकादशी - परिवर्तनी एकादशी व्रत जातकों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु बाध्य मानी जाती है, अतः आप इसे अवश्य धारण करें। इससे आपके जीवन में सकारात्मकता व अनुकूलता आएगी।

अक्टूबर 2021 के एकादशी व्रत

02 अक्टूबर, इन्दिरा एकादशी - जातकों को इंदिरा एकादशी का व्रत अवश्य ही धारण करना चाहिए। वर्ष 2021 में इंदिरा एकादशी व्रत की तिथि 2 अक्टूबर की निर्धारित है।

16 अक्टूबर, पापांकुशा एकादशी - पाप वृतियों व नकारात्मक प्रवृत्तियों का समापन पापांकुशा एकादशी व्रत द्वारा संभव हो सकता है, अतः आप पापांकुशा एकादशी व्रत को अवश्य ही धारण करें।

नवंबर 2021 के एकादशी व्रत

01 नवंबर, रमा एकादशी - रमा एकादशी व्रत के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के साथ-साथ माँ आदिशक्ति जगदंबा और श्रीहरि की अर्धांगिनी लक्ष्मी जी की भी आराधना करें। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ साथ उनके अन्य रूपों की भी पूजा आराधना करें।

14 नवंबर, देवोत्थान एकादशी - देवउत्थान एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी व्रत को सभी जातक बड़े ही श्रद्धा भाव से और अपने मन में विशेष उद्देश्य आदि को लेकर धारण करते हैं। यह एकादशी का व्रत 14 नवंबर की तिथि को पड़ने जा रही है, इसे अवश्य धारण करें।

30 नवंबर, उत्पन्ना एकादशी - उत्पन्ना एकादशी का व्रत नवंबर माह के 30 वे दिन अर्थात 30 नवंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु सहित माता लक्ष्मी की पूजा आराधना अवश्य करें एवं व्रत का भी धारण करें।

दिसंबर 2021 के एकादशी व्रत

14 दिसंबर, मोक्षदा एकादशी - वैसे तो सभी एकादशी व्रत मूल रूप से मोक्ष की प्राप्ति हेतु ही धारण किए जाते हैं, किंतु मोक्षदा एकादशी व्रत का धारण विशेष तौर पर मोक्ष की प्राप्ति हेतु ही किया जाता है। यह वर्ष  के आखरी माह की एकादशी व्रत के रूप में है, अतः इस व्रत को आप अवश्य ही धारण करें। इससे आपको मोक्ष की प्राप्ति होगी।

30 दिसंबर, सफला एकादशी - वर्ष की आखिरी एकादशी वर्ष के आखिरी से ठीक 1 दिन पहले वाली तिथि को अर्थात 30 दिसंबर की तिथि को पड़ने जा रही है। इस एकादशी व्रत को सफला एकादशी व्रत कहते हैं। इसे आप अवश्य ही धारण करें और अपने शुभ संकल्प को पूर्ण करें।