Festival Calendar March 2021: मार्च में आने वाले प्रमुख हिन्दू त्यौहार एवं व्रत सूची तिथि सहित

Festival and Vrat List Calendar March 2021

हिंदू धर्म 'त्योहारों का धर्म ' से संपूर्ण विश्व में विख्यात है। प्रत्येक माह अनेक त्योहारों का आगमन होता है। इसी तरह मार्च में रंगों व उमंग से पूर्ण होली का त्योहार, देवों के देव महादेव के भक्तों में प्रचलित महाशिवरात्रि, विघ्नहर्ता गणेश जी हेतु समर्पित आंगरक चतुर्थी आदि महत्वपूर्ण त्योहारों का मार्च के माह में आगमन होता है।

मार्च 2021 के माह में दो एकादशी का आगमन हो रहा है जिस कारण विष्णु जी के भक्तों के लिए यह माह बहुत ही लाभकारी और मंगलकारी रहेगा। तो चलिए विस्तापूर्वक जानते हैं मार्च माह में आने वाले सभी त्योहारों के बारे में।

संकष्टी चतुर्थी

प्रत्येक वर्ष हिंदू माह के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी का आगमन होता है। इस वर्ष विघ्नहर्ता, लम्बोदर श्री गणेश जी को समर्पित यह पर्व 2 मार्च को सहृदय मनाया जाएगा। इस दिन सभी भक्तगण श्री गणेश जी की आराधना करते है और अपने मंगल भविष्य की कामना कर, सदैव कृपादृष्टि बनाए रखने हेतु याचना भी करते है। इस पर्व को अंगारक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

जानकी जयंती

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सीता जी के अवतरण दिवस को समूचे जगत में जानकी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माता सीता ने भूधरा पर अपने दिव्य चरण को स्थापित किया था। हिंदी माह के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को इस पावन पर्व का आगमन होता है। इस वर्ष यह पर्व शनिवार के दिन 6 मार्च को मनाया जाएगा।

महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती

'वेदों की ओर लौटों' का समाज को विचार देने वाले व आर्य समाज के संस्थापक व कुशल मार्गदर्शक स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जयंती भी फाल्गुन माह में बहुत ही हर्षोल्लास से मनाई जाती है। इस दिन सभी लोग वेदों का स्मरण करते हैं और स्वामी जी द्वारा बताए गए कुछ मूलमंत्रों का सहृदय निर्वहन करते हैं। इस वर्ष सोमवार के दिन 8 मार्च को स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती का आगमन होगा।

विजया एकादशी

हिंदू माह के अनुसार फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन अर्थात एकादशी को विजया दशमी के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत का अनुसरण करने से याचक के सारे कार्य सफल होते है और वह बड़े से बड़े से कार्यों में अपना स्वर्णिम परचम लहराता है। इस वर्ष मंगलवार के दिन 9 मार्च को विजया एकादशी का पर्व मनाया जाएगा।

प्रदोष व्रत

प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को देवाधिदेव शिव जी को समर्पित किया जाता है। इस दिन जो साधक सहृदय व्रत का विधि अनुसार अनुसरण करता है, उसे जीवन में निहित कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त होती है। इस माह 10 मार्च के दिन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को इस व्रत का आगमन होगा।

महाशिवरात्रि

हर वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के पावन दिवस पर देवाधिदेव महादेव को समर्पित यह पर्व मनाया जाता है। यह मान्यता है कि इस पावन पर्व पर महादेव संग पार्वती जी का विवाह हुआ था जिस कारण इस दिन को पूर्ण हिंदू संस्कृति में बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता हैं। इस वर्ष महा शिवरात्रि का यह पावन पर्व गुरुवार के दिन 11 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन सभी भक्तगण व्रत का अनुसरण कर शिव पार्वती जी की सहृदय याचना करते हैं।

फाल्गुन अमावस्या

हिंदी माह के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या से जानते है। फाल्गुन माह की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या के नाम से जानते हैं। पौराणिक मान्यताओं के आधारभूत इस दिन अपने पितरों की शांति हेतु ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देना बहुत ही शुभ माना जाता है । इस वर्ष यह शुभ दिन शनिवार 13 मार्च को आएगा।

मीन संक्रांति

पुरातन धारणाओं के अनुसार जिस दिन विशाल सूर्य देवता मीन राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन मीन संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देवता के प्रभाव के कारण इस राशि में एक माह तक कोई भी मांगलिक व शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है जिस कारण इसे मलमास के नाम से भी जानते हैं। इस वर्ष मीन संक्रांति का आगमन रविवार के दिन 14 मार्च को होगा ।

फुलेरा दूज

यह दिन हिंदी माह फाल्गुन में सर्वश्रेष्ठ व बहुत ही मंगलकारी व लाभकारी माना जाता है। इस दिन विशेष कर लोग बिना किसी मुहूर्त को देखे शादी-विवाह, गृह प्रवेश आदि मंगल कार्यक्रम कर लेते है। इस वर्ष सोमवार के दिन 15 मार्च को फुलेरा दूज के रूप में मनाया जाएगा ।

विनायक चतुर्थी

यह शुभ दिन श्री गणपति महाराज गणेश जी को समर्पित किया जाता है। इस दिन सभी भक्तगण व्रत का अनुसरण कर ईश्वर से अपने सभी कष्टों से मुक्ति व जीवन में कृपादृष्टि बनाए रखने की याचना करते हैं। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस माह सभी साधक बुधवार के दिन 17 मार्च को विनायक चतुर्थी को सहर्ष मनाएंगे।

होलाष्टक प्रारम्भ

होली के त्योहार से पूर्व हिन्दू धर्म में होलाष्टाक प्रारम्भ होता है। इसके द्वारा निर्धारित अवधि में कोई भी शुभ व मंगल कार्य करना वर्जित होता है। यह अवधि फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी से आरंभ होती है। इस वर्ष 21 मार्च से 28 मार्च तक हालाष्टक की अवधि रहेगी।

आमलकी एकादशी

प्रत्येक माह हिंदू धर्म में दो एकादशी का प्रावधान है। इसी प्रकार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जानते हैं। इसको संपूर्ण जगत में विभिन्न रंगों से पूर्ण एकादशी से भी जानते है । यह मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की सहृदय आराधना करने से साधक के सभी दुखों व परेशानियों का निवारण होता है, साथ ही वह साधक उत्कृष्टता को प्राप्त करता है। इस वर्ष 25 मार्च के दिन सभी साधक आमलकी एकादशी के व्रत का अनुसरण करेंगे।

प्रदोष व्रत

प्रत्येक माह दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं। इस दिन सभी साधक भगवान शिव की आराधना कर सहृदय व्रत का अनुसरण करते हैं और देवाधिदेव महादेव से अपने उज्जवल भविष्य की कामना कर सदैव कृपा बनाए रखने हेतु प्रार्थना करते हैं। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में प्रदोष व्रत का आगमन इस वर्ष 26 मार्च को होगा।

होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा

फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। इस दिन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक होली के त्योहार को भी मनाया जाता हैं, अर्थात रात्रि में होलिकदहन का प्रावधान होता है। इसलिए इस दिन को होलिकादहन के नाम से भी जानते हैं। इस दिन ब्राह्मणों को भोज व वस्त्र - वस्तुओं का दान आदि करना बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है। इस वर्ष होलीकदहन का पर्व 28 मार्च को मनाया जाएगा ।

होली

हिन्दू धर्म में सर्वप्रचलित व लोकप्रिय त्योहारों में निहित होली का पर्व इस वर्ष 29 मार्च को संपूर्ण जगत में बहुत ही हर्ष, उमंग व विभिन्न रत्नों के प्रतीक रंगों के साथ मनाया जाएगा ।