पन्ना रत्न (Emerald Stone)

Panna Ratna Emerald Stone

पन्ना रत्न के रूप में एक प्रकार का खनिज पत्थर है। यह बैरुज जाति का स्टोन है जो बेरोलियम व कोल् एवं अलमोनियम तथा ऑक्सीजन का संयुक्त मिश्रण है। इसके मणिभ प्राकृतिक रूप से अष्टभुज आकार के होते हैं। शुद्ध एवं निर्दोष पन्ना रत्न गहरे हरे रंग का एवं पारदर्शी होता है। रासायनिक गुणानुसार इस रत्न में कई क्षार जैसे सोडियम, पोटेशियम एवं लीथियम संत्रप्त रूप में स्थित होते हैं।

पन्ना हरे रंग की किरणें अथवा आभा प्रसारित करता रहता है। यह रत्न लोचदार एवं वजनी तथा स्वच्छ एवं चिकना होता है। ताप सहन करने में यह हीरे और माणिक्य की तरह कठोर होता है। यह भंगुर होता है, इस कारण आघात पाकर टूटने की आशंका रहती है।

पन्ना रत्न को संस्कृत भाषा में हरितमणि अथवा मरकत अथवा अश्वगर्भ या गोरुण अथवा गरलारि आदि नामों से सम्बोधित किया जाता है। अंग्रेजी में इसे एमराल्ड (Emerald) कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इसका प्रयोग बुध एवं चंद्र ग्रह की शांति एवं संतुलन हेतु किया जाता है।

किन जातकों के लिए पन्ना है शुभ फलदायी?

ज्योतिषशास्त्र की माने तो पन्ना, बुध एवं चंद्र को संतुलित एवं शुभ फलदाई बनाता है जिसमें बुध एक ऐसा ग्रह है जो किसी भी जातक के सांसारिक जीवन एवं मान-सम्मान, पद प्रतिष्ठा आदि हेतु कारक होता है। अतः किसी भी जातक की कुंडली में बुध का बेहतर स्थिति में रहना अनिवार्य है।

बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है। यह हमारी बौद्धिक क्षमता को विकसित कर हमें उत्कृष्टता की ओर ले जाता है। वहीं चन्द्रमा हमारे मन का कारक ग्रह है जो हमें शीतलता प्रदान करता है, साथ ही हमारी मानसिक क्रियाकलापों पर अपना नियंत्रण भी स्थापित रखता है। अतः इन दोनों ग्रहों में अनुकूलन स्थापित कर अध्ययन की ओर आकर्षण एवं अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। वहीं चंद्रमा वृष, मिथुन, कन्या, मकर और मीन वालों के लिए फायदेमंद होता है।

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इस रत्न को व्यापारी वर्ग के जातकों को धारण करने से लाभ मिलेगा। विद्यार्थी अथवा शिक्षा जगत से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न अत्यंत ही शुभकारी हैं। वहीं राशिफल के आधार पर अगर बात की जाए तो वृष, मिथुन, कन्या, मकर और मीन वालों के लिए इस रत्न का धारण अत्यंत ही फायदेमंद होता है।

पन्ना रत्न धारण करने की विधि

पन्ना रत्न को स्वर्ण, चांदी या फिर प्लैटिनम धातु की अंगूठी बनवाकर बुधवार के दिन प्रातः काल में दूध से नहलाकर अपने हाथ की छोटी उंगली में पहनना चाहिए। यदि इस दिन पूर्वाफाल्गुनी, अश्लेषा, रेवती या फिर पुष्य नक्षत्र हो तो यह और सोने पर सुहागा होता है। ध्यान रहे, इस रत्न को धारण करने से पहले बुध के मंत्र 'ओम ब्रां, ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः' का 9,000 बार जप करना चाहिए। इसका धारण अनुष्ठान के रूप में साधना स्वरूप करना चाहिए। तत्पश्चात अंगूठी को श्रद्धा भाव से धारण करें।

पन्ना रत्न से होने वाले लाभ

  • पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है और बुध का स्मरण शक्ति का कारक ग्रह है। इसलिए जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो, उन्हें पन्ना धारण करने से लाभ होता है।
  • जो  जातक अपनी सेहत से जुड़ी समस्याओं से परेशान है। उनके लिए पन्ना बलवर्धक, अरोग्यदायक और सुख देने वाला होता है। इसे धारण करने से घर में अन्न-धन की वृद्धि, सुयोग्य संतान और भूत-प्रेत की बाधा शांत होती है।
  • जिन बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता हो अथवा जो पढ़ते हों वह शीघ्र ही भूल जाते हैं, उन्हें चांदी के लाकेट में पन्ने को जड़वाकर गले में धारण करवाएं, शीघ्र ही अच्छे परिणाम दृश्यमान होने लगेंगे।
  • व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए भी पन्ना लाभकारी है।
  • गर्भवती स्त्रियों के लिए पन्ना बेहद फायदेमंद होता है। इसके धारण के पश्चात उन्हें प्रसव के दौरान ज्यादा कष्ट नहीं झेलना पड़ता।
  • अगर आपको कहीं से यह रत्न भेंट स्वरुप मिला है तो यह बहुत ही अच्छी किस्मत का कारक होता है, खासकर मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए।

पन्ना बनेगा घातक

  • अगर जातक की कुंडली में बुध की महादशा चल रही हो या फिर बुध कुंडली के आठवें अथवा 12वें भाव में बैठा हो, तो इस रत्न के धारण से जातक को और अधिक परेशानियों से रूबरू होना पड़ सकता है।
  • इस बात का विशेष ख्याल रखें कि इस रत्न को ओपल व हीरे के साथ पहनने से नुकसान होता है।
  • बिना सलाह के पन्ना रत्न धारण करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। इनमें रक्त संबंधी विकार होने की संभावना बनी रहती है।
  • आपके स्वभाव में क्रोध बढ़ जाएगा जिससे आये दिन वैवाहिक जीवन में क्लेश होते रहेंगे।
  • पन्ना रत्न धारण करने वाले हर व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी इसे मोती के साथ धारण न करें।

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