सभी ग्रहों का अपना एक अलग रंग होता है जो जातक के जीवन पर विशेष प्रभाव डालता है। ज्योतिष और वास्तु के अनुसार रंगों के साथ हमारा अटूट नाता है। रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं और हर रंग का हमारी चेतना और शरीर से बहुत गहरा संबंध होता है। कुछ रंग ऐसे होते हैं जो जातक को उत्तेजित करते हैं, तो कुछ रंग जातक को प्रेरित करते हैं, वहीं कुछ रंग जातक को शांति व खुशी प्रदान करने में मदद करते हैं। शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए रंगों का सही संतुलन बनाए रखना बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण होता है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सभी ग्रहों का अपना एक अलग रंग होता है जो जातक के जीवन पर प्रभाव डालते हैं।
ज्योतिषों के अनुरूप रंगों के सही इस्तेमाल से ग्रहों की दिशा को भी ठीक किया जा सकता है। क्या आप जानते हैं कि सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी ना किसी खास रंगों से जुड़ा हुआ होता है। यही वजह है कि प्रत्येक वार या दिन के अनुसार से उचित रंग के वस्त्रों का धारण करना अत्यंत फायदेमंद सिद्ध होता है।
तो आइये जानते हैं कि शास्त्रों के अनुसार किस दिन कौन से रंगो का वस्त्र धारण करना चाहिए।
सोमवार
सोमवार का दिन शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को समर्पित होता है एवं सोमवार के दिन का संबंध चंद्र ग्रह से भी है। सोमवार के दिन जातक को सफेद या हल्के रंग के वस्त्रों का धारण करना बेहद शुभ माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक सफेद रंग शांति, पावनता और सादगी को निरूपित करता है। श्वेत एवं हल्के रंग के कपड़े पहनने से जातक के ऊपर चंद्रमा की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है एवं कुंडली में चंद्रमा से जुड़ी बाधाएं दूर होती है। ज्योतिषों मान्यता के अनुसार मन की एकाग्रता व शांति के लिए हल्का या श्वेत रंग को सर्वोपरि माना गया है।
मंगलवार
ज्योतिष एवं शास्त्रों के मुताबिक मंगलवार का दिन मारुति नंदन, पवन पुत्र हनुमान जी का दिन होता है। मंगलवार के दिन का स्वामी ग्रह मंगल है। शास्त्रों के अनुरूप मंगल लाल, केसरिया, सिंदूरी रंगों का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार इन रंगों को देखे तो इन रंगों से जमीन, मकान, हिम्मत एवं वीरता के मालिक मंगल ग्रह भी खुश रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार मंगलवार के दिन लाल, केसरिया या सिंदूरी रंगों के वस्त्र पहनने से जोश और कार्य कुशलता में भी वृद्धि होती है। शास्त्रों के अनुरूप लाल रंग सुख समृद्धि और कल्याण का भी प्रतीक चिह्न माना जाता है, इसीलिए सुहागन महिलाएं शुभ अवसर पर लाल वस्त्र ज्यादा पहनती है।
बुधवार
ज्योतिष एवं शास्त्रों के अनुसार बुधवार का दिन रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश का दिन माना जाता है। शास्त्रों के अनुरूप भगवान गणेश को दूर्वा सर्वाधिक प्रिय होता है। इस दिन के स्वामी के बुध ग्रह होते हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि बुधवार के दिन हरे रंग क वस्त्रों का प्रयोग करने से बुध की कृपा दृष्टि बनी रहती है। हरा रंग खुशहाली, समृद्धि, उत्कर्ष, प्रेम, दया, पावनता और पारदर्शिता का प्रतीक माना जाता है। अतः ज्योतिष शास्त्रों के अनुरूप बुधवार के दिन जातक को हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए जिससे कि बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन भी शुभ बना रहता है।
बृहस्पतिवार
ज्योतिषों के अनुरूप बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है एवं इस दिन के स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह। बृहस्पति को धन, संपन्नता, ज्ञान, ऐश्वर्य और संतान का कारक माना जाता है। गुरु ग्रह को पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग अत्यधिक प्रिय है। पीला रंग प्रेम, अहिंसा, सुख और ज्ञान का सूचक चिन्ह है। शास्त्रों के अनुसार भगवान् श्री हरी और उनके अवतारों को पितांबर धारण करवाने की यह मुख्य वजह है। पीला और सफेद मिश्रित पीला रंग सुंदरता और आत्मिक तेज को तो निखारता ही है, इसके अलावा गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनने से देवगुरु बृहस्पति भी प्रसन्न होते हैं एवं अपनी दया दृष्टि उस जातक पर बरसातें हैं।
शुक्रवार
ज्योतिषों के अनुरूप शुक्रवार का दिन जगत जननी माँ दुर्गा, धन की देवी माँ लक्ष्मी और अन्य देवियों का माना जाता है एवं इस दिन का ग्रह स्वामी शुक्र ग्रह हैं। लाल रंग को ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना गया है, यहीं कारण है कि देवियों को लाल वस्त्र अधिक प्रिय हैं। इसीलिए शक्ति पूजा में अनार, गुड़हल के पुष्प, लाल वस्त्र आदि एवं लाल रंग की वस्तुओं का प्रयोग अधिक किया जाता है। शुक्रवार के दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करने से तनाव तो दूर होता ही है, साथ ही साथ इस रंग के वस्त्रों का धारण करने से भौतिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि होती है। सुहागन महिलाओं के लिए शुक्रवार के दिन लाल सिंदूर देवी माँ को अवश्य चढ़ाना चाहिए, तत्पश्चात वो सिंदूर स्वयं भी लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
शनिवार
शनिवार का दिन न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव का माना जाता है एवं इस दिन के ग्रह स्वामी शनि ग्रह है। शनिवार के दिन काला, नीला, गहरा भूरा, गहरा जामुनी आदि रंग के वस्त्र धारण करने से जातकों पर शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहती है एवं इन सभी रंगों के वस्त्र पहनने से आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है। शास्त्रों के अनुसार नीला रंग स्वच्छ, निष्पाप, पारदर्शी, करुणामय एवं श्रेष्ठ मत होने का प्रतीक माना जाता है, साथ ही यह भगवान विष्णु, मर्यादा पुरषोत्तम श्री रामचंद्र, भगवन श्री कृष्ण और देवों के देव भगवान् शिव की देह का अंग भी है। इसी रंग के जहर को पीकर अपने कंठ में रोक लेने की अद्भुत शक्ति रखने वाले परमेश्वर भोले शंकर के सामर्थ्य और तात्पर्य को दर्शाता है।
रविवार
रविवार का दिन भगवान भैरव और सूर्य देव का माना जाता है एवं रविवार के दिन के ग्रह स्वामी सूर्य है जो कि ग्रहों के राजा है। रविवार के दिन गुलाबी, सुनहरा नारंगी एवं लाल रंग के वस्त्र धारण करने से जातक के चेहरे पर तेज बना रहता है, और साथ ही साथ जीवन में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुरूप ऐसा माना जाता है कि ऐसे रंगों के वस्त्र धारण करने से जातकों के ऊपर सूर्य देव की असीम कृपा बरसती है। ये रंग ज्ञान, ऊर्जा, प्रेम, शक्ति और आनंद के प्रतीक हैं।