वैसे तो सप्ताह के सभी दिन विशेष होते है तथा प्रत्येक दिन के अलग प्रतिनिधित्व देवता होते है, परन्तु गुरुवार यानी बृहस्पतिवार का अलग ही महत्त्व है। बृहस्पतिवार को गुरु की आराधना का दिन माना जाता है। इस दिन हम देव गुरु बृहस्पति एवं सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी की आराधना करते हैं तथा आज के दिन श्रद्धालु श्री हरि विष्णु जी का पूजन भी करते है। बृहस्पति ग्रह नव ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है और इसकी प्रकृति क्षिप्र या त्वरित होती है। बृहस्पतिवार को धर्म का दिन माना जाता है तथा धर्म ग्रंथों में इसे रविवार से भी श्रेष्ठ और पवित्र दिन कहा गया है। देव गुरु बृहस्पति का सीधा प्रभाव धन संपत्ति एवं सौभाग्य पर पड़ता है।
हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव की पूजा का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है की बृहस्पतिवार की पूजा करने से यदि विवाह मार्ग में कोई अड़चन आ रहीं होती है, तो वह स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। बृहस्पति ग्रह को गुरु ग्रह भी कहा जाता है तथा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के हर पहलू पर इसका बुरा या अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा बदलने में सक्षम होता है। किसी व्यक्ति की कुण्डली में बृहस्पति ग्रह की उच्च स्थिति का होना काफी प्रभाव डालता है।
बृहस्पतिवार व्रत
व्रत के अलावा इस दिन प्रातःकाल सर्वप्रथम जो भगवान विष्णु के बारह नामों का स्मरण करता है, उसका दिन बेहद शुभ होता है, साथ ही इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से व्यक्ति को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। श्री हरि विष्णु जी के 12 नाम कुछ इस प्रकार हैं :
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मंत्रोचारण
देवगुरु बृहस्पति के मंत्र का यदि निरंतर जप किया जाए तो यह धन और वैभव की दृष्टि से बहुत ही चमत्कारी है। यह तुरंत असर करने में सक्षम होता हैं। बृहस्पतिवार के दिन जपने हेतु कुछ चमत्कारी मंत्र निम्न हैं:
ॐ बृं बृहस्पतये नमः ||
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
उपरोक्त के अतिरिक्त और क्या करें गुरुवार के दिन?
क्या ना करें गुरुवार के दिन?