नवग्रह शांति के उपाय (Nav Grah Dosh Nivaran)
जब जीवन में सब कुछ सामान्य चल रहा होता है तभी अचानक जब आपके घर में अनेकानेक प्रकार के संकट आने शुरू हो जाएं, या आये दिन घर में हर कोई किसी ना किसी प्रकार की समस्या से ग्रसित होने लगे अथवा आर्थिक स्थिति से लेकर स्वास्थ्य तक की समस्याओं को लेकर मन चिंतित रहने लगे, या दिन भर आप क्रोध एवं तमस की ज्वाला में जलने लगे तो समझ जाइए कि आपके बुरे दिन शुरू हो गए हैं।
जी हां, ज्योतिष शास्त्र ना सिर्फ आध्यात्मिक व तांत्रिक शास्त्र है अपितु यह वैज्ञानिक भी है। अतः इसके अनुसार जब आपके जीवन में उपरोक्त प्रकार की समस्याएं रोजमर्रा का हिस्सा बन जाती हैं, तो आपको यह मान लेना चाहिए कि आपके दिनमान ठीक नहीं चल रहे।
आपके ऊपर एक दो नहीं, अपितु नौ-नौ ग्रहों का दोष सवार होकर तांडव मचा रहा है। ऐसी स्थिति में मन व्याकुल वह स्वयं को चिंताजनक स्थिति में डुबोने की जगह, आप समस्याओं के समाधान तक पहुंचने की चेष्ठा करें। इन अनेकानेक प्रकार की समस्याओं के भी कुछ अचूक उपाय हैं। ज्योतिष शास्त्र एक विशालकाय असिमित शास्त्र है जिसमें जीवन से मरण तक की समस्याओं का समाधान निहित है।
तो आइए हम सर्वप्रथम समझते हैं नवग्रहों में से प्रत्येक ग्रहों के अस्थिर होने के लक्षण एवं उसकी स्थिरता बनाने हेतु उपाय-
1. सूर्य ग्रह दोष
लक्षण
- मन अंहकार से भरा होना
- अपने द्वारा क्रोधवश बुने जालों में स्वयं ही फसते जाना
- न्यायालय सम्बंधित मामलों में फंस जाना
- असाध्य रोगों से ग्रसित हो जाना
- सिरदर्द, बुखार, संक्रमण, महामारी, आँखों से जुड़ी परेशानियों से पीड़ित होना
- सरकारी एवं नौकरी के मामलों में उलझ जाना।
उपाय
- नित्य प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में सूर्य देव को निम्न मंत्रोचारण के साथ अर्घ्य प्रदान करें
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।।
ॐ सूर्य देवाय नमः ।।।
ॐ भाष्कराय नमः।।
ॐ भास्कराय नमः ।।
- प्रभु श्री विष्णु की नित्य आराधना करें।
- प्रभु श्री विष्णु के मंत्र 'ॐ नमो भगवते नारायणाय' का लाल चंदन की माला से प्रतिदिन जाप करें।
- रविवार का व्रत रखें।
- सुबह कार्य का आरम्भ गुड़ एवं पानी के सेवन करने के पश्चात करें।
- सूर्य ग्रह शान्ति हेतु नवरत्नों में से सूर्य के रत्न यानी माणिक के सवा पांच रत्ती को तांबे की अंगूठी में बनवायें और इतवार के दिन प्रातः सूर्योंदय के वक्त अपने दायें हाथ की मध्यमा अंगूली में इसे विधिवत धारण करें।
- अपने घर के दक्षिण दिशा के कमरे में अन्धकार रखें।
- सूर्य के दोष को दूर करने के हेतु जरुरतमंदो को ताम्बे की बनी हुए वस्तुएं, गेहूं, मसूर की दाल, गुड़ इत्यादि रविवार वाले दिन अथवा सूर्य संक्रांति के दिन पूरी श्रध्दा भाव से दान करें।
- पशु एवं पंछियों के पीने के लिए पानी का इंतजाम करें, इसके साथ ही गाय की सेवा करें।
- औरतों का सम्मान करें।
- घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीष जरूर प्राप्त करें।
2. चंद्रमा ग्रह दोष
लक्षण
- घर-परिवार में सुख-शांति की कमी रहेगी, कलह उत्पन्न होगा।
- सर्दी, जुखाम, बुखार एवं पेट से सम्बंधित रोगों से पीड़ित रहेंगें।
- घर के पालतू जानवरों की असमय मौत अथवा अनेकानेक रोगों का उभरना।
- अकारण नये विरोधियों का उभरना।
- धन की अस्थिरता, धन हानि आदि समस्याओं का उत्पन्न होना।
उपाय
- प्रत्येक सोमवार को श्रद्धाभाव से व्रत उपवास करें। साथ ही नियमितता बरतते हुए "ॐ सोम सोमाय नमः" मंत्र का शक्ति अनुसार जप करें।
- भगवान शिव का अभिषेक एवं पूजा-आराधना करें।
- "ॐ नम शिवाय" मंत्र का रूद्राक्ष की माला से नियमित जप करें।
- घर के बड़े-बुजुर्गों, गुरूओं आदि का आशीर्वाद लें।
- प्रत्येक सोमवार के दिन किसी सफेद रंग के कपड़े में थोड़ी मिश्री बांधकर बहती नदी के पानी में प्रवाह दें।
- चन्द्रमा के दोष से पीड़ित जातक चाँदी की अँगूठी में चार रत्ती का मोती जड़वाकर, सोमवार के दिन अपने हाथ की अनामिका उंगली में पहन लें।
- कभी भी कांच के गिलास में दूध अथवा पानी ना पीएं।
- 28 वर्ष की उम्र सीमा को छूने के बाद ही शादी करें, इससे दिनमान ठीक चलेंगे।
- एक लाल रंग का रूमाल सदा अपनी जेब में रखें।
- अपने माता-पिता की पूरी श्रद्धा भाव से सेवा करें, इसका बहुत अच्छा परिणाम प्राप्त होता है।
3. मंगल ग्रह दोष
लक्षण
- अचानक घर मे बड़ी आर्थिक हानि हो सकती है। घर से कुछ चोरी होने अथवा व्यापार में धोखा होने की संभावना रहती है।
- गृहस्थ जीवन में कलह-क्लेश का वातावरण उत्पन्न हो सकता है।
- भाई के साथ संबंधों में खटास आएगी।
- वैवाहिक जीवन में मनमुटाव बना रहेगा, घर पर अकाल मृत्यु के भय का साया मंडरा रहा है।
उपाय
- संकट से बचने हेतु संकटमोचन की उपासना करें।
- "ॐ हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम:" मंत्र का नियमित उच्चारण करें।
- हनुमान चालीसा अथवा बजरंगबाण का पाठ आपकी समस्यओं के लिए रामबाण साबित होगा।
- लगभग 400 ग्राम चावल लेकर, उन्हें गाय के दूध से धोकर 14 दिन तक लगातार किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें।
- दोष से बचाव हेतु त्रिधातु (तीन प्रकार के धातुओं से बनी) की अंगुठी को अपने बाएँ हाथ की अनामिका अंगूली में धारण करें।
- घर की बेटियों, स्त्रियों के लिए उपहार आदि लाये, दोष से मुक्ति के लिए देवियों का प्रसन्न रहना जरूरी है।
- अपने मकान में नीम का एक पौधा लगाना बेहतर होता है।
4. बुध ग्रह दोष
लक्षण
- मन चिड़चिड़ा रहेगा।
- व्यवसाय आदि में निवेश आदि करने पर नुक्सान ही नुक्सान होंगे।
- सट्टेबाजी, जुएँ आदि की लत लग सकती है।
- दांत में अत्यधिक दर्द व अन्य प्रकार की परेशानी से जूझ सकते है।
- सिर दर्द, मगजमारी आदि समस्या की वजह से तनाव की स्थिति बनी रह सकती है।
उपाय
- शक्ति की उपासना करें।
- मां दुर्गा की आरती एवं नियमित "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का उच्चारण करें।
- घर की शांति व सम्रद्धि हेतु अखंड दीपक जलायें।
- घर की पूर्व दिशा में ऊँचे स्थान पर एक लाल झंडा लगायें।
- स्वर्ण से निर्मित आभूषणों को धारण करें।
- हरे रंग की वस्तुओं के प्रयोग से बचें।
- घर मे तुलसी तथा अन्य आयुवेर्दिक पौधों को लगायें।
- गौं माता को हरे रंग का चारा डालें।
- घर मुख्य द्वार पंचपल्लव का तोरण लगायें।
- 100 ग्रíम चावल और चने की दाल रोज किसी जरूरतमंद को दान करें।
- बुध ग्रह के अचूक उपाय
5. बृहस्पति ग्रह दोष
लक्षण
- रत्न व धातुओं के खोने का भय रहेगा।
- उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बाधाएं आएंगी।
- आप के ऊपर मुकदमा लंबित हो सकता है।
- मान-सम्मान की हानि होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में दिन प्रतिदिन गिरावट आएगी।
उपाय
- सृष्टि के निर्माता श्री ब्रह्म देव की पूजा करें।
- नदी के बहते हुए जल में तेल, बादाम नारियल आदि प्रवाहित करें।
- गुरूवार के दिन माथे पर केसर का तिलक लगाने से दोष का प्रभाव कम होता है।
- सवा पांच रत्ती के पुखराज रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वाकर बृहस्पतिवार वाले दिन दाएं हाथ की तर्जनी अंगुली में नियमित पूजन विधि कर धारण करें।
- घर पर स्तिथ पूजा स्थल की साफ-सफाई रखें।
- पीपल के वृक्ष पर 7 बार पीले रंग का धागा लपेटकर वृक्ष पर जल अर्पित करें।
- लगभग 600 ग्राम पीले चने नजदीकी किसी मंदिर में दान कर दें।
- जुए-सट्टे की आदत में ना पड़े।
- मास-मदिरा के सेवन से दूर रहें।
- व्यापार में अपने भाई के साथ सम्बन्ध अच्छे रखें।
6. शुक्र ग्रह दोष
लक्षण
- राजनीति से जुड़े लोगों के उल्टे दिन शुरू हो जाएंगे, आपके मान सम्मान की हानि होगी।
- चर्म रोग से ग्रसित हो सकते है।
- आर्थिक मामलों में हानि होगी।
- प्रेम व दापंत्य संबंधों में विवादास्पद स्थिति बन जाएगी।
- जीवनसाथी की सेहत के प्रति मन हर पल चिंतित रहेगा।
उपाय
- माँ लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें।
- निम्नलिखित मंत्र का नियमित जाप करें
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसिद प्रसिद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः
- शुक्रवार का व्रत करें।
- माँ लक्ष्मी को कमल के फूलों की माला अर्पित करें।
- गाय की सेवा करें। गाय का पालन एवं उन्हें नियमित भोजन करवाये।
- गरीबों को भोजन करवाये। भिक्षुओं को दान करें।
- शुक्र ग्रह के अन्य उपाय
7. शनि ग्रह दोष
लक्षण
- अचल संपत्ति का नाश होगा।
- हमेशा घर का कोई ना कोई सदस्य बीमारी से ग्रसित रहेगा।
- कानूनी मामलों के कारण मन खिन्न रहेगा।
- आए दिन आपके बनते हुए काम बिगड़ जायेंगे।
उपाय
- शनि की शांति हेतु भगवान भैरव की आराधना करना आवश्यक है।
- निम्नलिखित शनि मंत्र का नियमित जाप करें
ॐ प्रां प्रीं प्रौं शं शनिश्चराय नमः
- हर शनिवार को व्रत धारण करें और प्रातः शनि के पेड़ में तिल, गुड़, जल आदि अर्पित करें।
- शनि देव का हर शनिवार सरसों के तेल से अभिषेक करें।
- सिर पर कभी भी काला तेल ना लगाएं।
- शनिवार को काले रंग के कपड़े पहनें एवं काली वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
- कौवे या सांप को दूध, चावल खिलायें और शनिदेव को तृप्त करें।
- किसी शनिवार के दिन एक बर्तन में तेल भरकर अपना मुख देखे और फिर उस बर्तन को कहीं जमीन में गाढ़ दें।
- घर की छत व कोने की दीवारों के बीच की निरंतर सफाई करते रहें। घर की साफ-सफाई व स्वच्छता का ध्यान रखें।
- नेत्रहीन लोगों का खर्च उठायें।
- शनि के उपाय
8. राहु ग्रह दोष
लक्षण
- सेहत से जुड़ी अनेकों समस्या आयेंगी।
- आप अपने मोटापे से परेशान रह सकते है।
- अचानक दुर्घटना में शारीरिक एवं आर्थिक क्षति होगी।
- वाद-विवाद होने की संभावना है।
- व्यापार में हानि ही हानि होगी।
उपाय
- सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की आराधना करें, साथ ही इस मंत्र "ॐ ऐं सरस्वत्यै नम मंत्र" का रोजाना 1 माला जाप करें।
- इसकी शांति हेतु तांबे के बर्तनों में अन्न भरकर गरीबों में दान करें।
- माता से संबंध सुधारने का प्रयत्न करें।
- घर की चौखट के नीचे चाँदी का एक पत्ता स्थापित करें।
- घर के ढाँचे को वास्तु अनुसार रखें, सीढ़ियों के नीचे रसोईघर का निर्माण न करवायें।
- चांदी की धातु से बनी किसी वस्तु को धारण करें।
- भोजन में लहसुन, प्याज एवं मसूर आदि तामसिक पदार्थो का सेवन ना करें।
- किसी ज्योतिष से सलाह कर शनिवार या बुधवार के दिन चाँदी अथवा अष्टधातु की अंगूठी में गोमेद रत्न को जड़वाकर धारण करें।
- राहु के अन्य उपाय
9. केतु ग्रह दोष
लक्षण
- नशे आदि की लत लग सकती है, व्यसनों में घिरे रहेंगें। बुरी संगत आपका नाश कर देगी।
- आर्थिक मामलों में स्थिति दयनीय हो जाएगी।
- जोड़ों में दर्द आ सकता है।
- संतान से जुड़ी समस्याओं से चिंतित रहेंगें।
- सेहत की स्थिति में दिन प्रतिदिन गिरावट आएगी।
उपाय
- ब्रह्मांड के प्रथम उपासक भगवान श्री गणेश की उपासना करें। साथ ही नियमित रूप से "ॐ गं गणपतये नम:" मंत्र का शक्ति अनुसार जाप करें।
- कुंवारी कन्याओं की सेवा करें, कुँवारी गरीब लड़कियों के शिक्षा का खर्च उठाये।
- गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ जरूर करें।
- घर की गृहलक्ष्मी को प्रसन्न रखें।
- घर के प्रमुख दरवाजे के दोनों ओर तांबे की कील को लगा दे।
- पीले वस्त्र, पीली धातु, अन्न जैसे गेंहू आदि जरूरतमंद को दान करें।
- गरीबों को दूध, चावल, मसूर की दाल आदि का दान करें।
- केतु शांति हेतु अपने बाएँ हाथ की अंगुली में सोने की अंगूठी का धारण करें।
- थोड़े काले अथवा सफेद तिल को किसी पवित्र नदी के बहते जल में प्रवाह दें।
- केतु के अन्य उपाय