मनुष्य जीवन में जितनी सांसारिक चीजें, हमारे क्रियाकलाप, कार्यकुशलता, श्रम आदि महत्व रखते हैं। उतना ही महत्व हमारे धर्म ज्योतिष आदि का भी है। हमारी जन्म कुंडली में निहित ग्रह गोचर की दिशा स्थिति आदि हमारे सांसारिक जीवन पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं। हमें अपने कर्मों में प्रगाढ़ता लाने के साथ-साथ अपनी कुंडली के ग्रह दशा दशा आदि पर भी नियंत्रण स्थापित रखना चाहिए। हमारी कुंडली में मौजूद ग्रह एवं उसकी स्थिति हमारे हाव-भाव, कार्यभार, भूत, भविष्य, वर्तमान सभी को निर्धारित करने में अपना योगदान रखते हैं। ऐसे में ग्रहों का शांत होना अत्यंत आवश्यक है। हमारी कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह हमारी भौतिक सुखों का परिचालक होता है। अतः शुक्र ग्रह का शांत एवं शुभफलदायी होना अत्यंत ही आवश्यक है।
शुक्र को सौंदर्य, ऐश्वर्या, कला आदि का अधिपति माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र को मुख्य रूप से पत्नी का कारक माना जाता है। विवाह संबंधों में कन्या की कुंडली में मौजूद शुक्र की स्थिति अवश्य ही देखी जाती है। शुक्र काम, सुख, आभूषण, भौतिक सुख सुविधाओं इत्यादि का कारक ग्रह है। मुख्य रूप से यह वृषभ और तुला राशि का स्वामी ग्रह है परन्तु इसका सबसे प्रिय मीन राशि है। मीन राशि में जाकर शुक्र सदैव उच्च हो जाता है, तो वहीं कन्या राशि में जाते ही शुक्र का पक्ष कमजोर प्रतीत होता है। कुंडली में मौजूद शुक्र भौतिकवादिता, सांसारिक चमक-दमक, यश-मान, प्रतिष्ठा दांपत्य जीवन आदि का प्रतीक होता है और यह हमारी सांसारिकता का परिचायक है, जो जीवन का एक अभिन्न अंग है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हमारी कुंडली में शुक्र की स्थिति अत्यंत ही बेहतर हो, ताकि हमारा जीवन सुखमय, आनंदमय एवं सभी सुख-सुविधाओं से पूर्ण व्यतीत हो।
तो चलिए आज हम जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनकी मदद से आप अपनी कुंडली में विद्यमान शुक्र ग्रह को संतुलित और व्यवस्थित कर पाएंगे, ताकि यह शांत रहें, साथ ही आपके भाग्योदय का मार्ग भी प्रशस्त करे।
रत्न से जुड़े उपाय
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति बेहतर नहीं है या किसी कारणवश शुक्र अशुभ फल दे रहा है, तो ऐसे जातकों को रत्नों में हीरा धारण करना चाहिए। हीरा शुक्र की स्थिति को बेहतरीन करता है और हमारी चमक-दमक, शान-शौकत आदि में वृद्धि करता है। इसके लिए आपको एक रत्ती हीरे लेकर सात रत्ती सोने में जड़वा कर धारण करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त शुक्र यंत्र धारण करना भी आपके लिए अत्यंत ही शुभकारी है। इससे आपके वैभव एवं यश में वृद्धि होगी। साथ ही दांपत्य जीवन भी बेहतरीन होगा।
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मंत्रोपाय
शुक्र ग्रह की शांति एवं शुभ परिणाम हेतु इन मंत्रों का नियमित जप करें। इसे आप अनुष्ठान के रूप में भी संपन्न कर सकते हैं। इसके लिए आप निर्धारित समय में 16000 बार मंत्र जाप करें। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि बरकरार रहेगी, साथ ही आप के मान सम्मान में वृद्धि होगी एवं दांपत्य जीवन सुखमय व्यतीत होगा।
शुक्र बीज मंत्र
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
शीघ्र शुभ फल प्राप्ति हेतु आप इस मंत्र का भी नियमित 108 बार जप कर सकते हैं।
ॐ शुं शुक्राय नमः।
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