वास्तु के अनुसार ऐसा हो आपके घर की दीवारों का रंग

House Wall Color Vastu Tips

धर्म शास्त्रों के अनुसार हमारा शरीर पांच तत्वों से निर्मित है। हमारे शरीर के निर्माण में क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर अर्थात पृथ्वी तत्व, जल तत्व, अग्नि तत्व, आसमान एवं वायु तत्व इन सभी का समावेश है। इन पंच तत्वों से निर्मित शरीर पर सांसारिक सभी घटनाओं के साथ-साथ ब्रह्मांड की घटनाओं का भी प्रभाव पड़ता है।

ब्रह्मांडीय घटनाएं हमारे कुंडली में मौजूद ग्रह गोचरों की स्थिति से जुड़े होते हैं। इन ब्रह्मांड की घटनाओं एवं कुंडली में हो रहे परिवर्तनों का आधार हमारा दैनिक जीवन है। हमारे दैनिक जीवन में घटित घटनाएं, आसपास का वातावरण, परिवेश, हमारे क्रियाकलाप, हमारा व्यवहार-विचार आदि ये सभी छोटी-छोटी बातें हमारे भविष्य के निर्धारण हेतु प्रभाव डालती हैं, साथ ही हमारे जीवन में आ रही खुशियों एवं संकटों के लिए जिम्मेदार होती हैं।

अनेकानेक धार्मिक शास्त्रों में एक वास्तु शास्त्र भी है जिसके अनुसार हमारे घर-परिवार में छोटी-छोटी घटनाएं, हमारे आसपास का माहौल, हमारे घर की वस्तुएं आदि हमारे वास्तु पर प्रभाव डालती हैं व वास्तु दोष उत्पन्न करती हैं जिस कारण से हमारे जीवन की खुशियां, दुख, कष्ट, क्लेश सभी प्रभावित होते हैं एवं परिवेश के अनुरूप परिणाम हमारे जीवन में परिलक्षित करते हैं। अतएव हमें अपने आसपास से जुड़ी छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इन छोटी-छोटी बातों में हमारे घर की दीवारों का रंग भी समाहित है

हमारे घर के संबंध में वास्तु में यह कहा जाता है कि किसी भी घर का निर्माण भी पंच तत्वों से ही होता है। अर्थात किसी घर के निर्माण हेतु भी क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर आदि की आवश्यकता होती है। अतः घर पर सभी अंग प्रत्यंग पर छोटी से छोटी चीजें विशेष प्रभाव डालती हैं जिसमें से हमारे घर में अलग-अलग दिशाओं में मौजूद दीवारों का रंग भी है जो हमारे वास्तु को प्रभावित करता है।

अगर हम वास्तु के अनुरूप अपने घर की अलग-अलग दिशाओं की दीवारों पर रंगों का निर्धारण नहीं करते हैं, तो इसके दुष्प्रभाव हमारे जीवन में परिलक्षित होते हैं, जो वास्तु दोष के नाम से जाना जाता है। अतः इनसे बचाव एवं मुक्ति हेतु आपको अपने घर की दीवारों का रंग वास्तु के अनुरूप दिशा निर्देश पर ही रखना चाहिए।

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रंगों का ज्योतिष शास्त्र में अपना एक अलग ही महत्व होता है। हालांकि रंगों के प्रभाव को हम भी कहीं ना कहीं अनुभव करते ही हैं, जैसे कि सफेद रंग को देखकर हमारे मन में शांति एवं सौम्यता का भाव उत्पन्न होता है, वहीं लाल रंग देखकर मन का उतावलापन एवं चंचलता प्रभावी हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र में लाल रंग के संबंध में यह कहा गया है कि जो भी जातक अपने शयनकक्ष में लाल रंग का अधिक प्रयोग करते हैं, ऐसे जातकों के वैवाहिक जीवन में आये दिन किसी न किसी बात को लेकर अनबन बनी रहती है। इसी प्रकार अन्य सभी रंगों के लिए भी ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग मान्यताएं हैं जिसके किसी ना किसी प्रकार के प्रभाव हमें हमारे जीवन में आभाषित होते हैं।

तो आइए जानते हैं घर की अलग-अलग दिशा के दीवार हेतु उपयुक्त रंग।

वास्तु के अनुसार घर की दीवारों का रंग

घर के उत्तर की दिशा का भाग जल तत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में लक्ष्मी का वास होता है। यह दशा माता लक्ष्मी हेतु निर्धारित होता है। अतः इस स्थान को स्वच्छ शुद्ध एवं पवित्र रखना चाहिए एवं इसकी साज-सज्जा का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इस क्षेत्र की दीवारों के लिए जातक को हरे रंग का उपयोग करना चाहिए तथा अन्य सजावट आदि हेतु भी अधिक से अधिक हरे रंग का प्रयोग ही उपयुक्त माना जाता है।

किसी भी घर का उत्तर-पूर्वी कोना अत्यंत ही पवित्र एवं शुभ माना जाता है। इस दिशा के कक्ष को व्यक्ति को सदैव साफ सफाई से युक्त एवं पवित्रता बनाकर रखनी चाहिए। ऐसे क्षेत्र में जातकों को सफेद अथवा बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। ध्यान रहे बिना ज्योतिषीय परामर्श के इस क्षेत्र में किसी अन्य गाढ़े रंग का प्रयोग भूलकर भी ना करें।

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घर के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के कक्ष अथवा दीवारों हेतु आप सफेद रंग के अतिरिक्त किसी भी अन्य रंग का प्रयोग कर सकते हैं। इस क्षेत्र हेतु सफेद रंग उचित नहीं माना जाता है।

घर के दक्षिणी-पूर्वी भाग में आपको पीले अथवा नारंगी रंग के साज-सजावट एवं दीवार की रंगो हेतु प्रयोग करना चाहिए। वहीं दक्षिण-पश्चिम वाले क्षेत्र की दीवार अथवा कक्ष हेतु आपको भूरे या ऑफ वाइट या फिर पीले और भूरे के मिश्रित रंग का प्रयोग करना चाहिए।

अगर आपका शयनकक्ष घर के दक्षिण- पूर्व की दिशा में है तो आप यहां की दीवारों पर हरे रंग का प्रयोग करें। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी हरे रंग के सामानों का अधिक से अधिक प्रयोग करें।

आर्थिक स्थिति को भला चंगा करने हेतु आप अपने घर में कमरे के उत्तरी दीवार पर हरे रंग का पेंट करवाएं। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
वहीं घर के उत्तरी दीवार पर आसमानी रंग का पेंट करवाना चाहिए। घर के उत्तरी दिशा जल तत्व का सूचक है एवं आसमानी रंग भी जल तत्व को इंगित करता है। अतएव यह रंग इस दिशा हेतु शुभकारी है।

वास्तु के अनुसार घर की खिड़कियों एवं दरवाजों के लिए हमेशा गहरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। आप इसके लिए डाक ब्राउन रंग का इस्तेमाल करवा सकते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके घर की दीवारों के रंग आपके रिश्तो को भी प्रभावित करते हैं। अतएव आपको अपने घर के अंदर की दीवारों पर सदैव हल्के रंगों की पेंट का ही इस्तेमाल करवाना चाहिए। जैसे कि हल्का गुलाबी, हल्का नीला, ब्राउनी, ग्रे, ग्रेईस, येलो..। यह सारे रंग शांत प्रवृत्ति के होते हैं एवं घर में प्रेम भाव को विकसित करते हैं। ऐसे रंगों से मन में उग्रता उत्पन्न नहीं होती है।

जिन घरों के दो गृहस्वामी, अर्थात एक ही घर में दो मालिक होते हैं, उन लोगों को अपने घर के भीतर की दीवारों को दो रंगों से पेंट करवाना चाहिए।

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वास्तु के अनुसार घर के ड्राइंग रूम, ऑफिस आदि की मुख्य दीवारों हेतु पीले रंग को शुभ माना जाता है।

आपको अपने घर की बाहर की दीवारों को वेदर अर्थात मौसम के अनुसार रंग खराब ना होने वाले रंग से पेंट करवाना चाहिए। उखड़े हुए अथवा सीलन पड़े हुए पेंट अशुभ लक्षणों का कारक माने जाते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार आपको अपने घर की अलग-अलग दिशाओं के रंग का निर्धारण करना चाहिए। इससे आपके जीवन में अवश्य ही शुभ फल परिलक्षित होंगे। हालांकि वास्तु अथवा किसी भी ज्योतिषीय उपाय को अपनाने से पूर्व आपको अपनी कुंडली एवं ग्रहों की दशा दिशा के अनुसार ज्योतिषीय परामर्श ले लेनी चाहिए।