कहते हैं दुनिया में सबसे अनमोल रिश्ता पति पत्नी का होता है। पति-पत्नी को एक-दूसरे का आधा-आधा अंश माने जाते हैं। वे जीवनसाथी होते हैं जो दुनिया के हर सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ निभाते हैं।
माना जाता है कि पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया के हर रिश्तों से सबसे ज्यादा मजबूत होता है। ये दोनों दो समानांतर पहिए के समान होते हैं जो साथ चलकर हर बाधाओं को पार करते हुए लंबा सफर तय करते हैं, अपनी जीवन की मंजिल तक पहुंचते हैं और इस रिश्ते के साथ अपनी पूरी जिंदगी गुजारते हैं। लेकिन वहीं जब इस रिश्ते में खटास आ जाए तो आपका चैन से जीना दूभर हो जाता है, जिंदगी तबाह हो जाती है। आपके बिगड़ते रिश्तों का प्रभाव केवल आपकी जीवन पर ही नहीं बल्कि आपके घर-परिवार रिश्तेदार कारोबार भी पड़ता है। दांपत्य जीवन का कलह आपकी अन्य सारी खुशियों को छीन लेता है। ना आप चैन से काम कर पाते हैं और ना ही आपका मन खुश रहता है, और तो और इससे आपके अन्य रिश्ते भी प्रभावित होते हैं।
अगर घर में बच्चे हैं तो उनकी पढ़ाई-लिखाई चौपट हो जाती है। उनके संस्कारों पर आपके बिगड़ते रिश्ते का प्रभाव दिखाई देने लगता है। कुछ पति-पत्नी के रिश्ते तो ऐसे होते हैं जिसमें अपार प्यार होता है, फिर भी बिना मतलब आये दिन क्लेश की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कई बार ना चाहते हुए भी आपके रिश्ते अचानक ही दिन-प्रतिदिन बिगड़ने लगते हैं। ऐसे में संभव है कि आपके ग्रह-गोचर की स्थिति ठीक नहीं चल रही है। ऐसी परिस्थितियों में आपको समझदारी बरतने के साथ-साथ ज्योतिषी उपाय व वास्तु आदि को भी अपनाना चाहिए। अगर आपके जीवन में भी इस तरह की उथल-पुथल मची है तो आइये जानते हैं इसके कुछ सरल उपाय इस लेख के माध्यम से।
बैडरूम की सही दशा-दिशा: विवाहितों के जीवन में उनका कमरा सिर्फ प्रेम का ही नहीं, अपितु कलह-क्लेश के आगाज का भी प्रवर्तक होता है। अतः आपको अपने बेडरूम की दशा-दिशा व स्थिति को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। वास्तु की माने तो आपको अपने घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में अपने शयनकक्ष का चयन करना चाहिए। हालांकि पश्चिम अथवा उत्तर पश्चिम या फिर दक्षिण की दिशा भी उपयुक्त होती है।
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शयनकक्ष की दीवारों का सही रंग: विवाहितों को अपने रिश्तो की मजबूती हेतु दीवारों का रंग प्यारा और फीके रंग का रखना चाहिए, जैसे कि हल्का गुलाबी, हल्का पीला आदि। गलती से भी गहरा रंग जैसे नीला, लाल, काला बैंगनी आदि इन सभी को अपने बेडरूम में स्थान न दें।
सोते समय पैरों की दिशा: आप अपने बेडरूम को इस तरह व्यवस्थित करें कि सोते समय गलती से भी आपका पैर कमरे के दरवाजे की और ना हों। विशेष तौर पर दक्षिण दिशा में आपका पाव बिल्कुल ना हों। यह आपके जीवन में संकट एवं पीड़ा लाता है।
सिन्दूर का महत्त्व: एक सुहागन स्त्री के लिए सबसे बड़ा सौभाग्य अपने पति के हाथों से मांग भरवाना होता है। अतः पत्नी अपने सिंदूर के डिब्बे में गोमती चक्र रखें एवं प्रतिदिन पति के हाथों से अपनी मांग में सिंदूर भरवाए। इससे आपके बीच की दूरियां समाप्त होगी एवं रिश्तो में मधुरता आएगी।
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पीपल का वृक्ष: प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर सूर्य देव को जल व पुष्प से अर्घ्य प्रदान करें। साथ ही हर गुरुवार को पीपल के वृक्ष के समीप संध्याकाल में एक दीपक जलाएं। यह उपाय आपके जीवन के कलह-क्लेश के निवारण हेतु अचूक माना जाता है।
कमरे में रखे आईने की स्तिथि: घर की दीवार की पश्चिम या दक्षिण दिशा में लगा आईना भी आपके जीवन में कलह की स्थिति उत्पन्न करता है। अतः उन्हें हटाकर उत्तर अथवा पूर्व की दिशा में लगा दें।
इस दिशा में जलाएं रोज एक दीया: माना जाता है कि घर के पूर्व-दक्षिण कोने में दीपक जलाने से घर में सुख-शांति आती है। अतः हर शाम घर के पूर्व दक्षिण कोने में दीपक जलाएं ताकि आपकी रिश्तो में सुख-शांति व प्रेम बरकरार रहें एवं आपसी तनाव समाप्त हो।