इन चीजों को घर में रखने से होता है सुख-समृद्धि का वास, घर में रहती है धन और अन्न की संपूर्ण परिपूर्णता

Things to keep at home for wealth and prosperity

प्रत्येक मनुष्य चाहता है कि उसके घर में सुख-समृद्धि का वास हो, उसके घर में धन का अभाव ना हो जिसे प्राप्त करने के लिए जातक अपने सामर्थ्य अनुसार हर संभव प्रयत्न भी करता है। परन्तु कुछ छोटे-छोटे उपायों और बातों का विशेष ध्यान रखकर भी घर में सुख-शांति, समृद्धि, यश, वैभव लाये जा सकते हैं।

वास्तु और ज्योतिष में कई ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें घर में रखने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है, जीवन में संपन्नता आती है और घर में अन्न और धन से परिपूर्णता बनी रहती है। तो आइए जानते हैं इनके बारे में।

शुद्ध देशी घी

जातक को अपने घर के पूजा-पाठ में शुद्ध देशी घी का दीपक अपने ईष्ट देवी-देवताओं  के सामने अवश्य ही प्रज्वलित करना चाहिए। पूजा-अर्चना में घी का ही प्रयोग करना चाहिए। शास्त्रों में वर्णित हैं कि ऐसा करने से जातक के ऊपर ईश्वर की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहती है, एवं दीपक के जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है जिससे हमारे जीवन में सौभाग्य, सुख-सम्रद्धि आदि का आगमन होता है। साथ ही अपने घर में घी अवश्य रखना चाहिए। घी स्मृति, ऊर्जा, तेज, मेघा, बलवीर्य और वसावर्धक होता है। यह बुखार, वात, पित्त जैसे विषैले पदार्थों का नाशक है, इसलिए उचित मात्रा में घी का सेवन करना सेहत के लिए भी फायदेमंद माना गया है।

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एक चम्मच में शुद्ध देशी घी, एक चम्मच पिसी शक्कर, एक चौथाई पिसी कालीमिर्च  को आपस में मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाटकर, गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

शहद

स्वास्थ के दृष्टि से तो शहद का सेवन करना अत्यधिक लाभदायक माना गया है, साथ ही वास्तु के अनुसार शहद को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। आदिकाल से ही शहद का प्रयोग औषधि और धार्मिक कार्यों में किया जाता है। पंचकर्म में तो शहद का प्रयोग विशेष रूप से होता है।

पूजा-पाठ की सबसे महत्वपूर्ण चीज "पंचामृत" दूध, दही, घी, शक्कर और शहद का मिश्रण होता है जो कि बिना शहद के बन ही नहीं सकता है। शास्त्रों के अनुरूप ऐसा मानते हैं कि- देवी ने महिषासुर का वध करते हुए शहद का पान बार-बार किया था।

शहद की तासीर ठंडी होती है, इसी कारण शिवजी के अभिषेक में शहद मुख्य रूप से चढ़ाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं को शहद  का अर्पण करने से सुखी-जीवन और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अतः शास्त्रों के अनुरूप घर में शहद का रखा जाना शुभ माना गया है।

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शहद को घर में किसी उचित स्थान पर ही रखा जाना चाहिए। शास्त्रों में वर्णित है कि शहद को घर में रखने से धन की बरकत होती है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से भी शहद का प्रयोग लाभकारी माना गया है। रोजाना दो चम्मच शहद को एक गिलास दूध में मिलाकर पीने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।

बांसुरी/ बांसुरी प्रतीकात्मक चित्रें

हम सभी पौराणिक कथाओं के अनुसार इससे भलि-भाँति परिचित है कि भगवान श्री कृष्ण को बांसुरी कितनी अधिक प्रिय हैं। गोपियां तो पागल थी श्री कृष्ण के बांसुरी की ध्वनि पर। परंतु यह बांसुरी सिर्फ एक वाद्य यंत्र ही नहीं है, शास्त्रों के अनुसार इसके पीछे कोई महत्व है। घर में सुख-शांति के लिए व सभी सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए घर में अन्न और धन की कोई कमी ना हो, इन सभी के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार जातक को अपने घर में बांसुरी/बांसुरी प्रतीकात्मक तस्वीरों का रखना बेहद ही शुभ माना गया है। बांसुरी को घर में रखने से विचारों में सकारात्मकता आती हैं जिससे कि जातक को मानसिक शांति की अनुभूति होती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। इससे जातकों के जीवन में सदैव आपस में  प्रेम भावना बनीं रहती है।

घर में कहां रखना चाहिए बांसुरी

घर में बांसुरी या बांसुरी प्रतीकात्मक चित्रें ऐसी जगह रखनी चाहिए जहां पर जातक का ध्यान आसानी से जाता हो। घर की किसी दीवार पर भी बांसुरी या बांसुरी स्वरूप चित्र लगाना शुभ माना गया है। चित्र लगाने से घर की सुंदरता में भी वृद्धि होती है।

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यदि किसी जातक को अपने व्यापार में सफलता नहीं मिल पा रही है, या जिस जातक को नौकरी में असफलता मिल रही हो, या परिश्रम के अनुरूप फल की प्राप्त नहीं हो पा रही हो, तो वास्तु के अनुसार ऐसे जातक को अपने कमरे के दरवाजे पर दो बांसुरी अवश्य लगाना चाहिए। परंतु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बांसुरी कभी सीधी नहीं लगी होनी चाहिए। बल्कि बांसुरी को हमेशा तिरछा लगाना चाहिए जिससे कि जातक को उचित लाभ प्राप्त हो सकें, साथ ही सदैव  बांसुरी का मुख नीचे रहना चाहिए।सामान्यतः जातक को अपने घर में बांस की बनी हुई बांसुरी को रखना ही शुभ माना गया है।

तिलक लगाना

शास्त्रों में माथे पर तिलक लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। अतः प्रत्येक जातको को तिलक अवश्य लगाना चाहिए। शास्त्रों के अनुरूप सूने मस्तक को अशुभ माना जाता है। ज्योतिषों के अनुरूप चंदन, रोली, कुमकुम, हल्दी, केसर, सिंदुर या भस्म का तिलक लगाना शुभ माना जाता है।

हिंदू संस्कृति में तिलक एक पहचान चिन्ह का काम करती हैं। माथे के बीच तिलक लगाने से मानसिक शांति का अनुभव होता है, साथ ही तिलक लगाने से मानसिक उत्तेजना पर भी नियंत्रण पाया जाता है। हल्दी में एंटी बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो कि रोगों से मुक्ति दिलाने में फायदेमंद होते हैं। साथ ही चंदन के तिलक लगाने से उदासी दूर होती है और मन में उत्साह और उमंग जागृत होती है जिससे मानसिक तनाव और सिर दर्द में कमी आती है जिससे जातक का मन अच्छे कार्यों में लगा रहता हैं। साथ ही चंदन का तिलक हमारे मन-मस्तिष्क में शीतलता प्रदान करती है।

चंदन जहाँ भी होता है, वहाँ चंदन की मनमोहक व सुगंधित खुशबू से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। अतः शास्त्रों में तिलक का लगाना बेहद शुभ माना गया है।