हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की चाहत रखता है। इस चाहत में इंसान क्या कुछ नहीं करता। अपने जीवन को खुशहाल बनाने के लिए दिन रात मेहनत करके धन अर्जित करता है, घर परिवार के साथ समय व्यतीत करता है, उन्हें खुश रखने की कोशिश करता है, उनसे जुड़ी हर जिम्मेदारियों को बखूबी बेहतरीन तरीके से निभाने की पूरी कोशिश करता है, इत्यादि।
किंतु इन सब के बावजूद भी कई बार हमारे जीवन में अनेकानेक प्रकार की समस्याएं आती रहती है। कभी इस समस्या की वजह हमारा स्वयं का परिवार बन जाता है, तो कभी हमारी शारीरिक क्षमता, और कई बार हमारा मस्तिष्क कार्य क्षेत्र में अधिक ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है जो कार्य क्षेत्र के साथ घर परिवार के आर्थिक परिवेश को भी प्रभावित कर देता है।
ऐसे में हम समझ नहीं पाते हैं कि बिगड़ती हुए परिस्थितियों को किस प्रकार काबू में किया जाए? अपनी ओर से अथक प्रयास करने के बावजूद भी परिस्थितियां क्यों वश में नहीं आ रही है? हालांकि कई बार हम समस्याओं को भाँप कर, उनकी जड़ तक पहुंचकर, उनका निदान भी निकाल लेते हैं, पर कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिन्हें समझ पाना अथवा सवार पाना हमारे वश में नहीं होता।
इसी तरह की कुछ अचंभित व कष्टदायक परेशानियों के लिए वास्तु दोष को भी जिम्मेदार माना जाता है। वास्तु दोष ज्योतिषशास्त्र का एक विशालकाय भाग है। ज्योतिष शास्त्र सनातन धर्म के आध्यात्म का एक अहम हिस्सा माना जाता है, जिसे वैज्ञानिक प्रमाणिकता भी प्राप्त है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र अन्य समस्याओं के निदान के साथ-साथ वास्तु दोष के निवारण हेतु भी कुछ उपाय बताता है। आज हम जानते हैं जीवन में आ रही परेशानियां, स्वास्थ्य व अन्य गृह संबंधित समस्या को दूर कर खुशहाल जीवन बिताने के लिए क्या कुछ खास वास्तु उपाय को अपनाया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ खास वास्तु उपाय -
स्वस्तिक है शुभकारी
स्वस्तिक के शुभ प्रभाव के बारे में कौन नहीं जानता है। स्वस्तिक अत्यंत ही शुभकारी एवं सकारात्मक प्रभावी माना जाता है। इसे ज्योतिष व अध्यात्म के साथ-साथ विज्ञान में भी मान्यता दी गई है। स्वस्तिक का प्रतीक आदि-अनादि काल से चलता आ रहा है। अतएव, अपने घर परिवार में खुशहाली लाने हेतु आप अपने घर के मुख्य द्वार पर हनुमान जी के चरणों में चढ़ाये गये सिंदूर से 9 उंगली लंबा और चौड़ा स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। आपके घर के जिस भाग में वास्तु दोष है, उस भाग में भी स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। इससे आपके घर पर शुभ प्रभाव पड़ते हैं एवं सुख समृद्धि सदैव बरकरार रहती है।
रामायण संकीर्तन का करें आयोजन
सनातन धर्म का मूल ग्रंथ रामायण है। रामायण संपूर्ण सृष्टि की कथाओं का सार है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में लगातार 9 बार अखंड रूप से रामायण का पाठ करवाने से वास्तु दोष संबंधित समस्याओं का निदान होता है। रामायण के अतिरिक्त आप अपने घर में 9 दिनों तक लगातार कीर्तन भी करवा सकते हैं, इससे घर परिवार में खुशहाली बनी रहती है एवं सभी का स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
तुलसी है अद्भुत
तुलसी में अद्भुत शक्ति होती है। हिंदू धर्म शास्त्र में तुलसी को भगवान विष्णु की अर्धांगिनी भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त इसे औषधि विज्ञान में अद्भुत अचूक औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी तुलसी को अत्यंत ही फायदेमंद बताया गया है। वास्तु दोष का उपाय तुलसी के पौधे से भी किया जाता है। इसके लिए अपने घर के मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा लगाएं, साथ ही घर के ब्रह्म स्थान पर भी तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। इससे वास्तु दोष समाप्त हो जाएंगे।
रशोई की दिशा
रसोई घर को बहुत ही महत्व कार्य माना जाता है। इसी रसोईघर को चलाने हेतु व्यक्ति अनेकानेक जतन करता है और इसी पर आप के कारोबार से लेकर स्वास्थ्य तक का की जिम्मेदारी होती है। रसोई घर की दिशा वास्तु के अनुरूप बनवाए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर के अंदर रसोई घर की दिशा ईशान कोण में होनी चाहिए एवं आग्नेय कोण में गैस चूल्हे को रखा जाना चाहिए। अपनी रसोई घर के ईशान कोण में बर्तन में पानी भरकर अवश्य रखें।
पुष्य नक्षत्र में अनार का पौधा
यदि आपने काफी समय पूर्व कोई भूखंड जमीन का टुकड़ा खरीदा हो किंतु उस पर मकान बनाने के लिए किसी ना किसी प्रकार से नहीं बन पा रहे हैं, तो आप इस प्रकार के दोषों से निवारण हेतु उस भूखंड में पुष्य नक्षत्र में अनार का पौधा लगाएं। इससे आपके शीघ्र घर बनने के योग बनेंगे।
घोड़े की नाल है सकारात्मक
घोड़े की नाल के प्रयोग के बारे में हम सभी वाकिफ हैं। घोड़े की नाल का प्रयोग काफी लंबे समय से वास्तु में किया जाता है। इसे ज्योतिष शास्त्र के अन्य अध्याय में भी इस्तेमाल में लाया जाता है। काले जादू, तंत्र-मंत्र आदि में भी इसका उपयोग किया जाता है। घोड़े की नाल को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं। यदि आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर अथवा पश्चिम की दिशा में है तो घर के मुख्य द्वार पर आप घोड़े की लोहे वाली नाल लगाएं। इस दिशा में घर का मुख होने वाले जातकों को घोड़े की नाल को उल्टी यू आकार की दिशा में लगाना चाहिए।
दुकान के लिए अपनाये ये उपाय
यदि आपकी दुकान में चोरी हो जाती हो, अथवा अग्नि से संबंधित समस्या उत्पन्न हुई हो, तो आप ऐसे अचानक आने वाली विपत्तियों से निवारण हेतु भौम यंत्र को अपने दुकान में स्थापित करें। इस यंत्र को दुकान के पूर्वोत्तर को अथवा पूर्व दिशा में फर्श के नीचे 2 फीट गहरा गड्ढा खुद कर स्थापित करना चाहिए। इससे इस प्रकार की समस्याओं का निदान होगा।
वास्तु के अनुसार सोने की दिशा
अगर आपको नींद से संबंधित समस्या है। जिस कारण से आप स्वयं को चिड़चिड़ा सा महसूस करते हैं। आपके बर्ताव में नकारात्मकता भरी रहती है तो आप अपने शयन की दिशा को परिवर्तित करें। सोते समय अपना सिर दक्षिण की दिशा की तरफ रखें। ऐसे आपके स्वभाव में सकारात्मक परिवर्तन होंगे एवं अनिद्रा संबंधित समस्या का निवारण भी होगा।
हल्दी लाएंगी शुभ लाभ
अगर आपके घर में नकारात्मकता फैली हो या फिर आर्थिक समस्या आ रही हो, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर शुभ वातावरण बनाने हेतु अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ हल्दी से शुभ लाभ लिखें। अन्यथा आप अपने घर में हल्दी को गंगाजल में घोलकर हल्दी और गंगाजल के घोल को घर में छिड़के। छिड़कने के लिए आप पान के पत्ते का प्रयोग करें। इससे घर में सुख शांति बनी रहती है एवं लक्ष्मी का वास होता है।
द्वार दोष को करें दूर
वास्तु शास्त्र में द्वार दोष एवं वैध दोष को भी मान्यता दी गई है। इससे निपटने हेतु वास्तुशास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं। ऐसा माना गया है द्वार दोष और वैध दोष दूर करने हेतु शंख, सीप, समुंद्री झाग, कौड़ी आदि को लाल कपड़े में बांधकर घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाना चाहिए। मुख्य दरवाजे को हमेशा साफ सुथरा एवं स्वच्छ रखें। घर की चौखट से संबंधित दोषों के बारे में कहा जाता है कि इससे बचाव हेतु अपने घर की बीम को सीलिंग टाइल्स से कवर करवा दें एवं बीम के दोनों तरफ बांस की बांसुरी भी लगाएं।
पूजा पाठ से बनाएं सकारात्मक परिवेश
शंख ध्वनि अथवा घंटे की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जाओं के निवारण हेतु शुभकारी है। अतः पूजा पाठ के समय शंखनाद अथवा आरती के समय घंटी अवश्य बजाएं। प्रतिदिन सुबह-शाम घर में पूजन स्थल पर एक दीपक अवश्य जलाएं। इससे नकारात्मक दूर होंगी एवं शुद्ध व सकारात्मक परिवेश उत्पन्न होगा।
लाल बल्ब रोशन करेगा आपकी किश्मत
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वास्तु शास्त्र हमारे जीवन की छोटे-छोटे तत्वों से संबंधित है। हमारे जीवन में होने वाले परिवर्तन, आसपास का परिवेश, वातावरण, रंग, वेशभूषा, दशा, दिशा यह सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वास्तु दोष को प्रभावित करते हैं। इन छोटी-छोटी चीजों में से घर की लाइटिंग को भी लेकर यह कहा गया है कि व्यक्ति को अपने घर के अग्नि कोण में एक लाल बल्ब अवश्य ही लगाना चाहिए। इस लाल बल्ब को निरंतर जलाकर रखें। इससे बहुत फायदा होता है। लाल बल्ब के माध्यम से आर्थिक समृद्धि बरकरार रहती है, साथ ही अटके हुए धन वापस प्राप्त हो जाते हैं।