वास्तु शास्त्र व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ी एहमियत रखता है। इसके नियमों का अनुसरण करने से हर प्रकार की परेशानी दूर होती है। यह हर जगह उपयोगी होता है। अगर आपके घर की स्तिथि वास्तु के अनुसार नहीं है तो यह कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालना शुरू कर देता है। कड़े परिश्रम के बाद भी यदि आपको सफलता नहीं मिल रही हो अथवा आपकी आर्थिक स्थिति सामान्य न होने के कारण आप परेशान हैं, तो यह भी वास्तु दोष का एक कारण हो सकता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार कई प्रकार के वास्तुदोष हमारी सफलता में अवरोध उत्पन्न करने का काम करते हैं। यदि घर में वास्तुदोष हो तो आपको कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आये हैं निम्न कुछ आसान उपाय जिनके द्वारा आप घर के वास्तु दोषों को दूर कर अपनी आर्थिक स्थिति को पुनः स्थिर कर सकते हैं।
मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह: स्वस्तिक चिन्ह का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्त्व है। कोई भी शुभ कार्य हो तो उसका श्री गणेश हम स्वास्तिक बना कर ही करते हैं। अतः वास्तु के अनुसार अपने घर के मुख्यद्वार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाना बेहद शुभकारी होता है। मुख्य द्वार पर बने स्वास्तिक चिन्ह से घर के वास्तु दोषों से सदैव के लिए छुटकारा मिलता है और इसके फलस्वरूप आर्थिक स्तिथि में सुधार होता है।
घर के उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व में कुबेर यंत्र का महत्वः धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुबेर देव को धन एवं समृद्धि का देवता कहा गया है। वह महिमा और सोने का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा उत्तर-पूर्व दिशा पर शासन करते है। इसलिए वास्तु के अनुसार शौचालय, जूता रैक और अन्य कोई भी भारी फर्नीचर आदि वस्तु को उत्तर-पूर्व दिशा पर स्तिथ ना हो। इसकी बजाय घर के उत्तर-पूर्वी हिस्से अथवा उत्तरी दिशा में कुबेर यंत्र लगाएं, इससे नए वित्तीय अवसर बनने शुरू हो जाते हैं।
अलमारी एवं तिजोरियां / लॉकर का स्थान: वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक घर के दक्षिण-पश्चिम में अपने धन को रखना है। अलमारी और महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने चाहिए जबकि तिजोरी अथवा आपके सभी आभूषण एवं धन उत्तर दिशा में रखना शुभकारी होता है क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा होती है। वास्तुशास्त्र में अधिक वित्तीय सफलता को आकर्षित करने के लिए तिजोरी के भीतर एक लाल रंग के कपड़े पर क्रिस्टल रखने का भी सुझाव दिया गया है।
घर में सामान की व्यवस्था: वास्तु के अनुसार आपका घर साफ और स्वच्छ रहना चाहिए। साथ ही कोशिश करें कि घर का मध्य भाग किसी भी अवरोध से मुक्त हो। घर के मध्य भाग से बहने वाली ऊर्जा आपके रिश्तों, स्वास्थ्य और वित्तीय स्तिथि पर इसके फलस्वरूप प्रभाव डालती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके रहने वाले कमरे में केंद्रीय स्थान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से मुक्त हो। इसके अतिरिक्त घर को अनावश्यक घरेलू सामानों और सजावट से मुक्त रखें, साथ ही घर की खिड़कियों और दरवाजों को भी हमेशा साफ रखें।
मुख्य द्वार: आपके घर का प्रवेश द्वार आपकी मुख्य विशेषताओं में से एक है। यह वह स्थान है जो सकारात्मक ऊर्जा, धन और समृद्धि को आकर्षित और लोगों का स्वागत करता है। इसलिए आपके दरवाजे को आकर्षक रूप से बनाया जाना चाहिए। सुनिश्चित करें कि मुख्य द्वार में दरारें या दोष नहीं हैं और ताले आसानी से कार्य करते हैं। इसके अलावा अपने घर के प्रवेश द्वार पर पौधे और विंड चाइम्स लगाना भी सकारात्मक ऊर्जा को अपनी और आकर्षित करता है।
उत्तर-पूर्व में पानी के फव्वारे और छोटे एक्वेरियमः घर के भीतर उत्तर-पूर्व खंड में पानी की छोटी वस्तुओं को रखने से धन और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह के गति में वृद्धि हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि मछलियाँ पैसे को आकर्षित करती हैं, इसलिए इस दिशा में एक फिश एक्वेरियम या एक छोटे से पानी के फव्वारा का स्तिथ होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी स्थिर न हो और गंदा न हो। इसे अक्सर साफ करना चाहिए, क्योंकि घर में स्थिर पानी वित्तीय विकास में बाधाएं ला सकता है।
उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व कोने में लगा ओवरहेड पानी का टैंकरः घर के उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व कोने में कोई भी जल तत्व, विशेष रूप से एक पानी के टैंकर नहीं लगाना चाहिए। यह आपके जीवन में बहुत सारे दबाव और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इसकी बजाय पानी की टंकी को दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगवाएं।
घर में पानी का रिसावः रसोई, बाथरूम और यहां तक कि बगीचे में भी पानी का रिसाव पैसे के रिसाव का प्रतीक है और वित्तीय नुकसान का संकेत है। इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, खासकर मानसून के दौरान। दीवारों से पानी के किसी भी रिसाव या घर के भीतर टूटी हुई पाइपलाइन को तुरंत ठीक करवाना चाहिए क्योंकि वे अत्यधिक मौद्रिक नुकसान ला सकते हैं।
शौचालय की स्थिति: यदि शौचालय और स्नानघर वास्तुशास्त्र के मानदंडों के अनुसार नहीं बनाए गए हैं, तो यह न केवल वित्तीय नुकसान और मौद्रिक अस्थिरता पैदा कर सकता है, बल्कि स्वास्थ्य और आपकी नींद में भी गिरावट ला सकता है। इसलिए जहाँ तक संभव हो, शौचालय और स्नानघर अलग से बनवाए जाने चाहिए और घर के उत्तर-पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर नहीं होने चाहिए। शौचालय हमेशा पश्चिम या दक्षिण दिशा में बने होने चाहिए।
घर में रखा टुटा हुआ सामानः घर में यदि कोई टुटा सामान हो तो उसे तुरंत फेक देना चाहिए क्योंकि टूटी वस्तु नकारात्मकता का प्रतिक होती है। यदि घर में टूटे बर्तनों का प्रयोग हो रहा हो तो भी उसे अशुभ माना जाता है। इससे धन हानि की भी सम्भावना होती है।
भगवान् को अर्पित फूलः घर में स्तिथ पूजन स्थल में भगवान् को अर्पित किये गए फूलों को दूसरे दिन हटा देना चाहिए क्योंकि पूजन के समय प्रभु पर बासी फूलों को चढ़ाना या भगवान् के पास बासी फूलों का होना वर्जित होता है तथा इससे नकारात्मकता का परवाह होता है।
शंख नादः प्रभु की आराधना करते समय हमे शंख नाद अवश्य करना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होगी तथा आपके स्वास्थ्य में भी लाभ होगा।