साल 2021 में केतु के गोचर का क्या रहेगा सभी 12 राशियों के जातकों पर असर?

Ketu Transit 2021 Impacts on All Rashi

वर्ष 2020 जातकों के लिए अत्यंत ही दुखद एवं कष्टदायक रहा। कोरोना महामारी ने संपूर्ण विश्व को अस्त-व्यस्त व अव्यवस्थित कर दिया, साथ ही सभी जातकों को व सभी राष्ट्रों को इसका भारी नुकसान भी झेलना पड़ा। ऐसे में सभी अपने नव वर्ष से नई उमंग नई ताजगी व शुभकारी परिणाम की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसे में यह समझना आवश्यक है कि क्या वास्तव में नव वर्ष हमारे लिए शुभकारी परिणाम ला रहा है या फिर यह भी हमारे लिए कष्टदायक ही साबित होने वाला है।

ज्योतिष शास्त्र की माने तो नव वर्ष के परिणाम को समझने हेतु सर्वप्रथम हमें ज्योतिष शास्त्र के ग्रह-गोचरों की परिस्थितियों को समझने की आवश्यकता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु, केतु, शनि आदि के प्रभाव को काफी अधिक प्रभावशाली व प्रायः कष्टकारी माना जाता है। इस दौरान नववर्ष में कई जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहेगा, तो वहीं दूसरी तरफ केतु का इस वर्ष वृश्चिक राशि में गोचर करना भी जातकों के लिए भिन्न-भिन्न प्रभाव परिलक्षित कर सकता है। केतु वृश्चिक राशि में गोचर करने के दौरान अन्य राशियों से भी संपर्क में आता है जिसका प्रभाव अन्य सभी जातकों पर भी परिलक्षित होने लगता है। केतु 23 सितंबर 2020 से ही वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है, जहाँ यह 12 अप्रैल 2021 तक अपनी गोचर की काल अवधि को जारी रखेगा। तत्पश्चात केतू अपनी चाल में परिवर्तन करते हुए वक्री अवस्था में तुला राशि में प्रवेश कर जाएगा।

वृश्चिक राशि में जिस समय केतु का गोचर हो रहा है, उसी समय वर्ष के आरंभ में केतु के साथ-साथ वृश्चिक राशि में शुक्र का भी गोचर हो रहा है, जबकि वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं। हालांकि ऐसा माना जाता है कि केतु भी मंगल के समान ही परिणाम परिलक्षित करता है। ऐसे में ग्रह गोचरों की इस उथल-पुथल व प्रक्रियाओं के मध्य केतु के सभी राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव को जानना और भी अधिक रोचक व आवश्यक हो जाता है ।

तो आइए, आज हम जानते हैं केतु के इस गोचर का सभी 12 राशि के जातकों के ऊपर क्या कुछ प्रभाव परिलक्षित होता है।

मेष राशि

वर्ष के आरंभ के समय में केतु आपकी राशि के आठवें भाव में गोचर कर रहा है। चूँकि केतु के प्रभाव को मंगल के प्रभाव के समान माना जाता है, इस कारण से इस दौरान आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से सामना करना पड़ सकता है। अचल संपत्ति से जुड़े मसले अटक सकते हैं। कोशिश करें कि विवादित मसलों से स्वयं को दूर रखें और कोर्ट-कचहरी आदि से जुड़े मसलों मैं अधिक ना उलझे। इस दौरान आपको आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। हालांकि आप स्वयं को आत्मिक तौर पर व मानसिक तौर पर शांत व प्रसन्न रखने हेतु आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर होंगे। आप स्वयं का आध्यात्मिक तौर पर विकास करेंगे। धार्मिक क्रियाकलापों में आपकी रुचि भी बढ़ेगी।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के सातवें भाव में केतु का गोचर होना आपके लिए अत्यंत ही शुभकारी परिणाम परिलक्षित करेगा। वर्ष के आरंभ के दिनों में शुक्र भी केतु के साथ विद्यमान रहने वाला है जिस कारण से वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे जातकों के जीवन में कष्टदायक स्थिति आ सकती है। आपके मध्य मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। वहीं अविवाहित विवाह योग्य जातकों के विवाह से संबंधित वार्तालाप के सफल होने के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि इन ग्रह गोचर की वजह से आपके कारोबार उन्नति की ओर अग्रसर हो सकते हैं। दैनिक कारोबारियों को इसका खूब लाभ मिलेगा। सरकारी अटके हुए कार्य पूर्ण हो सकते हैं। यदि आप किसी नई टेंडर आदि हेतु प्रयासरत हैं, तो यह समय आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। आपके लिए वर्ष भर केतु का गोचर शुभकारी ही रहेगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के छठे भाव में अर्थात शत्रु भाव में केतु गोचर कर रहा है जिस वजह से आपकी सेहत के लिए समय ठीक नहीं रहेगा। आपको पेट से संबंधित समस्या, पथरी रोग व आंत से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। वहीं कार्यक्षेत्र आदि को लेकर समय बढ़िया रहने वाला है, आपको बेहतरीन परिणाम की प्राप्ति होगी। आप सफलताओं को प्राप्त करेंगे। अचल संपत्ति से जुड़े मसलों के भी संपन्न होने के आसार नजर आ रहे हैं। कारोबार में आप खूब उन्नति करेंगे, हालांकि उन्नति के साथ-साथ आपके खर्च में भी बढ़ोतरी होगी और समय भी काफी व्यस्ततापूर्ण व भागदौड़ से भरा साबित हो सकता है। वहीं विदेश से जुड़े कार्य में आपको सफलता की प्राप्ति होगी, आपको सुखद समाचार प्राप्त हो सकते हैं। अदालती आदि से जुड़े मसलों में निर्णय आपके अनुकूल रहेगा।

कर्क राशि

कर्क राशि के पांचवे भाव में केतु गोचर कर रहा है जिस वजह से छात्रों अथवा किसी प्रतियोगिता परीक्षा में भाग ले रहे जातकों को शानदार कामयाबी की प्राप्ति हो सकती है। इस दौरान आमदनी हेतु नए विकल्प आपको प्राप्त हो सकते हैं जिससे आपका मन काफी हर्षित रहेगा। संतान पक्ष अपनी जिम्मेदारियां पूर्ण करेंगे जो आपके मन को सुकून देगा। नवविहाहित जातकों को संतान प्राप्ति अथवा प्रादुर्भाव के भी योग बन सकते हैं। आपके पुराने अटके हुए धन आपको इस दौरान वापिस प्राप्त हो सकते हैं जो आपके मानसिक तनाव को कम करेगा।

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