ब्रह्मांड में कुल नौ ग्रह एवं 12 राशियां विद्यमान है। यह 12 राशियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी ना किसी और तरीके से नौ ग्रहों से पूर्णरूपेण सम्मिलित है। राशियों का मूल आधार उसका ग्रह ही माना जाता है। ग्रह के आधार पर ही नक्षत्र जातक की जन्म कुंडली आदि का निर्माण किया जाता है। किसी भी जातक के ऊपर ग्रहों के राशि परिवर्तन का बहुत ही अहम प्रभाव पड़ता है। किसी एक ग्रह का परिवर्तन केवल उस ग्रह राशि पर ही प्रभाव नहीं डालता है, अपितु किसी भी ग्रह का परिवर्तन संपूर्ण 12 राशियों पर अपना प्रभाव छोड़ता है।
इन दिनों सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, सुंदरता व संपूर्ण भौतिक सुख सुविधाओं के स्वामी ग्रह शुक्र का अपनी राशि से राशि परिवर्तन हो रहा है। इन दिनों 31 जुलाई की मध्यरात्रि के पश्चात अर्थात 1 अगस्त के प्रातः काल में 5 बजकर 27 मिनट पर शुक्र द्वारा अपनी स्वयं की राशि अर्थात वृषभ की यात्रा को समाप्त कर अपने मित्र बुध की राशि मिथुन में प्रवेश हो रहा है। दरअसल शुक्र ग्रह की मूल राशि वृषभ राशि एवं तुला राशि है, अर्थात वृषभ राशि और तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र होते हैं जो अपनी राशि यानी वृषभ राशि को छोड़कर इन दिनों मिथुन राशि में प्रवेश करने वाले हैं।
वहीं मिथुन राशि में ही पहले से विराजमान मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध रहेंगे जहां शुक्र जाकर मिथुन के स्व-ग्रह बुध के साथ मेल करेंगे। मिथुन राशि में बुध के अलावा राहु भी पहले से गोचर कर रहा है, अतः शुक्र के मिथुन राशि में प्रवेश करने से बुध, शुक्र और राहु के द्वारा त्रिग्रही योग का निर्माण होने वाला है जो ना केवल मिथुन राशि पर, अपितु सामान्य मानवीय पर सीधा प्रभाव दर्शाता है। शुक्र, कन्या राशि में नीच राशि एवं मीन राशि में उच्च राशि का माना जाता है। इसका अन्य राशियों पर भी सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। शुक्र के राशि परिवर्तन एवं अन्य ग्रहों के साथ होने वाली युतियों का प्रभाव प्रायः सभी जातकों पर पड़ता है।
तो चलिए आज हम जानते हैं 1 अगस्त 2002 को प्रातः काल में होने वाले शुक्र द्वारा इस राशि परिवर्तन का अन्य 12 राशियों के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ता है। आज हम जानते हैं कि शुक्र के राशि परिवर्तन से 12 राशियां किस प्रकार से प्रभावित होने वाली है एवं क्या नए परिवर्तन होते हैं? फिर देर किस बात की है, आइए जानते हैं ज्योतिषीय विश्लेषण द्वारा शुक्र ग्रह के राशि परिवर्तन के अन्य राशियों पर प्रभाव।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के तृतीय भाव में यह योग बनने जा रहा है जो आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का कार्य करेगा। इससे आपके साहस, पराक्रम व जोश उत्साह में वृद्धि होगी, साथ ही आपके द्वारा किए गए कार्यों की इज्जत और सराहना भी होगी। समाज में मान-सम्मान, प्रतिष्ठा आदि में बढ़ोतरी होगी। पुराने कोर्ट कचहरी से जुड़े मामले समाप्त होंगे एवं निर्णय आपके पक्ष में आ सकता है। स्थितियां बेहतर होती हुई नजर आएंगी। किंतु ध्यान रहे इन सब के मध्य आप अपने स्वजनों, भाइयों आदि से मतभेद ना करें, अपने रिश्तो को बेहतरीन तरीके से संभाल कर रखने की कोशिश करें। इन दिनों विदेश यात्रा अथवा विदेशी नागरिकता हेतु शुभकारी रहेगा।
वृषभ राशि
शुक्र ग्रह के राशि परिवर्तन का वृषभ राशि के धनभाव पर प्रभाव दिखेगा। इस योग के सहयोग से वृषभ राशि के जातकों को धन की प्राप्ति भी हो सकती है, आपके अटके हुए धन वापस भी आ सकते हैं। केंद्र अथवा राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों द्वारा अगर कोई कार्य आपका अटक रहा हो, तो वह भी बन जायेगा। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है, आपके स्वास्थ्य पर राशि परिवर्तन का बुरा प्रभाव पड़ेगा। आपको अपनी जिद, आवेश पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करने की आवश्यकता है, तभी आप सफलता की प्राप्ति कर सकते हैं एवं सम्मान के पात्र बन सकते हैं। कुल मिलाकर यह राशि परिवर्तन आपके लिए भी बढ़िया परिणाम ही दर्शाने वाला है।
आगे जानें अन्य राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में...