यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध दोष मौजूद है तो यह अनिष्ट और बुरे प्रभाव लाता है। बुध ग्रह दोष के सभी बुरे प्रभावों को इस ग्रह के शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
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एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित विद्वानों / ब्राह्मणों द्वारा बुध ग्रह दोष की शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा बुध के मंत्र "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नम:" का 9000 जाप होता है।
विशेषताएं:-
वैदिक विधि द्वारा बुध ग्रह दोष निवारण पूजन हेतु यहाँ क्लिक करें
कैसे संपन्न होता है ये हवन?
चूँकि बुध के अधिपति भगवान श्री गणेश हैं, इस वजह से इस ग्रह के दोष निवारण हेतु बुधवार का दिन सबसे उचित होता है।
पूजन कालावधि:- 7 से 8 घंटे (2 विद्वानों / पुजारियों द्वारा)
ध्यान दें:- इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?