यदि किसी जातक की कुंडली में राहु दोष मौजूद होता है तो वह जातक मानसिक तनाव और बिमारियों से ग्रसित रहता है। इसके सभी बुरे प्रभावों को राहु ग्रह शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
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एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित पुजारियों द्वारा राहु ग्रह दोष की शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा राहु के मंत्र "ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:" का 18000 जाप होता है।
विशेषताएं:-
राहु एक छाया ग्रह है, जो भावनाओं, भौतिकवाद, उत्तेजना, सतर्कता, बुद्धिमत्ता, गंतव्य, मनोविज्ञान आदि को दर्शाता है। जब राहु ग्रह किसी जातक पर अपनी कुदृष्टि रखता है तो उस जातक को बहुत सारी गलतफहमी और मानसिक तनाव उत्पन्न होते हैं, साथ ही वह कई स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित रहता हैं। राहु ग्रह शांति जाप करने से इस ग्रह के सभी बुरे प्रभावों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
कब करें राहु ग्रह जप?
यह जप रविवार, मंगलवार या शनिवार को किया जा सकता है और तिथि को जन्म नक्षत्र के अनुसार चुना जा सकता है।
राहु ग्रह जाप के लाभ:
कैसे संपन्न होती है ये पूजा?
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके द्वारा चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?