कुंडली में राहु दोष की उपस्तिथि से व्यक्ति मानसिक तनाव और रोगों से घिरा रहता है, जीवन में प्रगति रुक जाती है। इन सभी बुरे प्रभावों को वैदिक राहु ग्रह शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
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एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित पुजारियों द्वारा राहु ग्रह दोष की शांति हेतु वैदिक विधि द्वारा पूजा करवाएं। इस पूजन में वैदिक विधि द्वारा राहु के वैदिक मंत्र "ॐ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा कयाशश्चिष्ठया वृता" का 18000 जाप होता है।
विशेषताएं:-
राहु एक छाया ग्रह है, जो व्यक्ति की भावनाओं, मानसिकता, उत्तेजना, बौद्धिकता, मनोविज्ञान आदि को परिदर्शित करता है।
अगर राहु किसी जातक पर बुरे प्रभाव दिखता है तो वह जातक मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है, कई प्रकार की बिमारियों से घिरा रहता है साथ ही उसका स्वास्थ्य कमजोर रहता है। इसके अतिरिकत उस जातक के हर कार्य में कोई न कोई बाधा उत्पन्न होती रहती है जिससे उससे सभी कार्यों में विलम्ब होता है और फलस्वरूप उस जातक की उन्नति रुक जाती है। राहु ग्रह शांति पूजा करवाने से इस ग्रह के सभी गलत प्रभावों से मुक्ति पाने में सहायता प्राप्त होती है।
क्या हैं राहु ग्रह जाप के फायदे?
कैसे पूर्ण होती है वैदिक राहु शांति पूजा?
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके द्वारा चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?