जातक की कुंडली में शनि दोष की उपस्तिथि कई प्रकार के अनिष्ट प्रभाव दर्शाता है जो जातक के जीवन में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न करता है। शनि ग्रह दोष के सभी बुरे प्रभावों को इस ग्रह के शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
14001
15551
एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित पुजारियों द्वारा शनि ग्रह दोष की शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा शनिदेव के मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:' का 23000 जाप होता है।
वैदिक विधि द्वारा शनि ग्रह दोष शांति पूजा के लिए यहाँ क्लिक करें
विशेषताएं:-
शनिदेव न्याय के देवता हैं जो जातकों को उनके कर्मानुसार फल प्रदान करते हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में शनि दुष्प्रभाव उत्पन्न कर रहे हैं तो यह जातक को कंगाली की कगार तक ले जाते हैं, आए दिन उनके घर में कलह-कलेश की स्तिथि बनी रहती है और कोई न कोई सदस्य बिमारियों से ग्रसित रहता है। शनि ग्रह दोष द्वारा उत्पन्न दुष्प्रभावों को शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
भगवान् शनि देव सूर्यदेव के पुत्र हैं। शनि का वाहन कौआ है। हमारी कुंडली में शनि को एक कठोर शिक्षक माना जाता है। ये अनुशासन, तप, प्रयास, निर्णय, सच्चाई, योग और धर्म का प्रतीक हैं। अगर शनि किसी जातक की कुंडली में गलत स्थान पर स्तिथ होते हैं तो उस को बेहद कष्ट और अस्वस्थ जीवन से गुजरना पड़ता है। यह जातक के जीवन में कई प्रकार की बाधाओं का कारण भी बनता है। इन बुरे प्रभावों से मुक्ति पाने और जीवन में खुशियाँ प्राप्त करने हेतु शनि देव का यह ग्रह शांति जप करवाना चाहिए।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनका पूर्ण विधि-विधान द्वारा मंत्रों का जाप करते हुए पूजन किया जाता है।
कैसे संपन्न होता है ये अनुष्ठान?
इस जाप की शुरुआत शनिवार के दिन करना सबसे बेहतर परिणाम दर्शाता है।
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?