Ketu Grah Dosh Nivaran Puja with Pauranik Vidhi Jaap

केतु ग्रह शांति पूजा (पौराणिक विधि, 17000 मंत्र जाप व हवन सहित)

केतु अगर कुंडली में दुष्प्रभाव दे रहा हो तो जातक चोरी, पुत्र दोष, अव्यवस्थित मानसिकता और संपत्ति की हानि आदि से पीड़ित रहता है। इस दोष को केतु ग्रह दोष शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।

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एस्ट्रोकाका से जुड़े अनुभवी पंडितों द्वारा केतु ग्रह दोष शांति के लिए पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा केतु के मंत्र "ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:' का 17000 जाप होता है।

विशेषताएं:-

  • केतु ग्रह से मिलने वाली नकारात्मकता में कमी के लिए
  • जीवन में आ रही बाधाएं हटाने हेतु
  • कारोबारी उन्नति हेतु
  • सेहत से सम्बंधित परेशानियों को दूर करने हेतु
  • संतान के साथ बेहतर सम्बन्ध बनाने हेतु
  • आपके जन्म नक्षत्र के अनुसार शुभ तिथि पर संपन्न किया जाने वाला अनुष्ठान
  • मुख्य देवता: केतु

केतु असुर राहु का शेष अंग है। केतु ग्रह अच्छे और बुरे कर्म अनुसार कार्यों के कार्यान्वयन का प्रतिनिधित्व करता है। यह आध्यात्मिकता, आत्मज्ञान, भ्रष्टाचार, विभाजन आदि को दर्शाता है।

कुंडली में अगर यह गलत स्थिति में उपस्थित हो तो केतु बहुत ही कठोर और क्रूर हो सकता है। अतः केतु ग्रह शांति के लिए इस ग्रह का जाप करवाना आवश्यक होता है जिससे जातक को सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।

एस्ट्रोकाका द्वारा आपकी कुंडली में दुष्प्रभाव दे रहे केतु को सकारात्मक करने हेतु केतु के मंत्रों का पूर्ण विधि-विधान द्वारा जाप करते हुए पूजन किया जाता है।

कैसे संपन्न होता है केतु ग्रह शांति हेतु ये पौराणिक अनुष्ठान?

  • सबसे पहले श्री गणेश-गौरी जी की पूजा की जाती है, जिसके बाद श्री ओमकार देवता, स्वस्तिक, श्री लक्ष्मी माता, श्री ब्रह्मा, विष्णु, महेश, षोडशमातृका, सप्त घृत मातृका, सर्प देवता, क्षेत्रपाल, दस दिक्पाल, वास्तु पुरुष, चतुःषष्टि योगिनी आदि एक के बाद एक की पूजा संपन्न होती है। तत्पश्चात कलश पूजन किया जाता है जिसके बाद नवग्रह पूजा संपन्न होती है।
  • नवग्रह पूजन के पश्चात् चंद्रदेव का पूजन होगा।
  • उपरोक्त सभी पूजाओं के बाद केतु ग्रह दोष की शांति हेतु "ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:' मंत्र का 17000 जाप पंडितों द्वारा सम्पूर्ण श्रद्धा और निष्ठापूर्वक संपन्न होता है।
  • मन्त्रों के जाप बाद केतु ग्रह हेतु दशांश हवन संपन्न किया जाता है, फिर पूर्ण विधि-विधान द्वारा जातक द्वारा संकल्प धारण करवाया जाता है।

कब करवाएं पौराणिक विधि द्वारा केतु ग्रह का जाप?

यह जाप जातक के जन्म नक्षत्र के अनुसार किसी भी शुभ तिथि को पूर्ण किया जा सकता है।

केतु ग्रह दोष शांति हेतु पूजा के लाभ:

  • केतु ग्रह के सभी दुष्प्रभावों से छुटकारा दिलाकर सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक विकास लाता है।
  • कार्यों के परिणामों में सकारात्मकता बढ़ाता है।
  • दुर्घटनाओं, दुर्भाग्य, बीमारियों और बुरी चीजों से बचने में मदद करता है।

पूजन कालावधि:-

  • 1 दिन (3 पंडितों द्वारा)

ध्यान दें:- केतु ग्रह शांति की पौराणिक विधि के इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।

एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?

  • अनुभवी एवं वैदिक पाठशाला प्रमाणित पुरोहित।
  • सभी अनुष्ठान वैदिक मानकों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किये जाते हैं।
  • सुखद पूजा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग।
  • समय की पाबंदी और प्रामाणिकता की गारंटी।
  • पेशेवर मार्गदर्शन और समर्थन।