केतु अगर कुंडली में दुष्प्रभाव दे रहा हो तो जातक चोरी, पुत्र दोष, अव्यवस्थित मानसिकता और संपत्ति की हानि आदि से पीड़ित रहता है। इस दोष को केतु ग्रह दोष शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
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एस्ट्रोकाका से जुड़े अनुभवी पंडितों द्वारा केतु ग्रह दोष शांति के लिए पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा केतु के मंत्र "ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:' का 17000 जाप होता है।
विशेषताएं:-
केतु असुर राहु का शेष अंग है। केतु ग्रह अच्छे और बुरे कर्म अनुसार कार्यों के कार्यान्वयन का प्रतिनिधित्व करता है। यह आध्यात्मिकता, आत्मज्ञान, भ्रष्टाचार, विभाजन आदि को दर्शाता है।
कुंडली में अगर यह गलत स्थिति में उपस्थित हो तो केतु बहुत ही कठोर और क्रूर हो सकता है। अतः केतु ग्रह शांति के लिए इस ग्रह का जाप करवाना आवश्यक होता है जिससे जातक को सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
एस्ट्रोकाका द्वारा आपकी कुंडली में दुष्प्रभाव दे रहे केतु को सकारात्मक करने हेतु केतु के मंत्रों का पूर्ण विधि-विधान द्वारा जाप करते हुए पूजन किया जाता है।
कैसे संपन्न होता है केतु ग्रह शांति हेतु ये पौराणिक अनुष्ठान?
कब करवाएं पौराणिक विधि द्वारा केतु ग्रह का जाप?
यह जाप जातक के जन्म नक्षत्र के अनुसार किसी भी शुभ तिथि को पूर्ण किया जा सकता है।
केतु ग्रह दोष शांति हेतु पूजा के लाभ:
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- केतु ग्रह शांति की पौराणिक विधि के इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?