यदि किसी जातक की कुंडली में बुध दोष उपस्थित होगा है, तो यह उस जातक पर बुरे प्रभाव दर्शाता है। बुध ग्रह दोष के सभी बुरे प्रभावों को इस ग्रह के वैदिक शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है। किसी अन्य ग्रह की शांति की पूजा हेतु यहाँ क्लिक करें
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वैदिक विधि द्वारा बुध ग्रह दोष की शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में निन्मलिखित बुध ग्रह के वैदिक मंत्र का 9000 जाप होता है:
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृह त्वमिष्टापर्ते संसृजेथामयं च।
असिमन् सधस्थे अद्युतरस्मिन् विश्वे देवा यजमानश्च सीदत।।
पौराणिक मंत्र विधि द्वारा बुध ग्रह दोष निवारण पूजा के लिए यहाँ क्लिक करें
अनुष्ठान की विशेषताएं:-
कैसे संपन्न होता है बुध ग्रह शांति हेतु ये हवन?
क्योंकि बुध के अधिपति भगवान श्री गणेश हैं, इस वजह से इस ग्रह के दोष निवारण हेतु मन्त्रोजाप का आरम्भ बुधवार के दिन से करना सबसे उचित होता है।
पूजन कालावधि:- 1 दिन (5 विद्वानों / पुजारियों द्वारा)
ध्यान दें:- इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं बुध ग्रह शांति हेतु वैदिक अनुष्ठान?