यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष उपस्थित है, तो यह उस जातक के जीवन में कई बुरे प्रभावों को दर्शाता है। इससे जीवन दरिद्रता एवं नाकामयाबी की ओर बढ़ता जाता है। इन तरह के सभी दुष्प्रभावों को वैदिक शनि ग्रह दोष शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
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एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित पुजारियों द्वारा वैदिक शनि ग्रह दोष शांति पूजा करवाएं। इस पूजन में वैदिक विधि द्वारा शनिदेव के निन्मलिखित वैदिक मंत्र का 23000 जाप होता है:
ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयो रविस्र वन्तुनः।
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इस पूजा की विशेषताएं:-
शनि न्याय के देवता हैं। ये जातकों को उनके कर्म के मुताबित शुभ फल अथवा दंड देते हैं। यदि जातक की कुंडली में शनि शुभ स्थान पर बैठे हैं तो ये शुभ फल प्रदान करते हैं, तो वहीं अगर ये अशुभ अस्थान पर उपस्थित हैं तो जातक को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। शनि राजा को रंक तो रंक को राजा बना सकते हैं। अतः शनि ग्रह दोष द्वारा उत्पन्न बुरे प्रभावों को इस ग्रह के शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए एस्ट्रोकाका के पुजारियों शनिदेव का पूर्ण विधि-विधान द्वारा मंत्रों का जाप करते हुए पूजन किया जाता है।
कैसे पूर्ण होता है ये जाप?
इस जाप का आरम्भ शनिवार के दिन करना सबसे बेहतर परिणाम दर्शाता है।
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- वैदिक शनि ग्रह दोष निवारण पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?