चंद्र देव बचपन, सुख, प्रजनन क्षमता आदि पर नियंत्रित रखते हैं। यदि यह कुंडली में किसी गलत स्थान पर उपस्थित हैं तो जीवन में नाखुशी और बुराईयां लाता है। चन्द्र ग्रह दोष के सभी दुष्प्रभावों को चंद्र दोष शांति जाप को पूरी श्रद्धा के साथ निभाते हुए समाप्त किया जा सकता है।
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एस्ट्रोकाका द्वारा चयनित अनुभवी पुरोहितों द्वारा चंद्र ग्रह दोष शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा चंद्र के मंत्र "ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:' का 11000 जाप होता है।
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विशेषताएं:-
चंद्र देव व्यक्ति के मन और मस्तिष्क को दर्शाते हैं। ये कुंडली में इनकी उपस्थिति के अनुसार जातक की संवेदनशीलता, कोमलता, मनोदशा, भावनाओं, स्नेह, तथा माँ के साथ रिश्ते को प्रभावित करते हैं।
जब चन्द्रमा कुंडली में चौथे, छठवें, आठवें अथवा बारहवें भाव में स्थित होता है, तो यह याददाश्त में कमी, आत्मविश्वास में कमी, मासिक धर्म की परेशानी, सांस लेने में तकलीफ और प्रजनन से सम्बंधित कई समस्याओं का कारण बनता है।
एस्ट्रोकाका द्वारा दी जाने सेवा में कुंडली में कमजोर चंद्र को प्रबल करने हेतु चंद्रदेव के मंत्रों का पूर्ण विधि-विधान द्वारा जाप करते हुए पूजन किया जाता है।
कैसे संपन्न होता है चंद्र ग्रह शांति हेतु ये अनुष्ठान?
कब करवाएं पौराणिक विधि द्वारा चंद्र ग्रह का जाप?
यह जाप सोमवार के दिन अथवा जातक के जन्म नक्षत्र के अनुसार किसी शुभ तिथि को पूर्ण किया जा सकता है।
चंद्र ग्रह पूजा के लाभ:
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- चंद्र ग्रह शांति के पौराणिक विधि के इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?