जब कुंडली में मंगल अशुभ स्थान पर स्तिथ होता है, तो यह जातक पर बुरे प्रभाव दर्शाता है। मंगल ग्रह शांति जाप द्वारा मंगल ग्रह दोष के सभी दुष्प्रभावों को दूर किया जा सकता है।
12001
15001
एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित पुरोहितों द्वारा मंगल ग्रह दोष शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा मंगल ग्रह के मंत्र "ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:' का 10000 जाप होता है।
वैदिक मंगल ग्रह दोष शांति पूजा हेतु यहाँ क्लिक करें
विशेषताएं:-
क्या होते हैं पौराणिक विधि द्वारा कराई गई मंगल ग्रह शांति पूजा के शुभकारी नतीजे?
मंगल ग्रह दोष शांति हेतु मंगल ग्रह शांति का जाप किया जाता है। कुजा दोष और अंगारक दोष, ये मंगल दोष के अलग-अलग नाम हैं। यदि मंगल ग्रह किसी जातक की कुंडली के 1, 4थे, 7वें, 8वें और 12वें घर में स्तिथ है तो यह मांगलिक दोष का कारण बनता है। यह ग्रह मांसपेशियों, अस्थि, मज्जा और रक्त आदि पर शासन करता है। यदि कुंडली में मंगल दोष उपस्थित होता है, तो यह व्यक्ति के शरीर में रक्त के थक्के जमने और रक्त से संबंधित कई समस्याओं का कारण बनता है।
कब करवाएं मंगल ग्रह शांति जाप?
यह जाप मंगलवार के दिन अथवा जातक के जन्म नक्षत्र के अनुसार किसी भी शुभ तिथि को किया जा सकता है।
कैसे संपन्न होती है पौराणिक मंगल ग्रह दोष निवारण पूजा?
मन्त्रोजाप के बाद मंगल ग्रह हेतु दशांश हवन संपन्न होगा, जिसके बाद विधि-विधान द्वारा जातक द्वारा संकल्प धारण करवाया जायेगा।
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- मंगल ग्रह की इस पौराणिक पूजन विधि में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके द्वारा चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं पौराणिक विधि द्वारा मंगल शांति हेतु अनुष्ठान?