सूर्य देव लोगों में ज्ञान, शक्ति एवं इच्छा-शक्ति को प्रबल करते हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्तिथि गलत होती है तो ये जातक पर कष्टकारी प्रभाव देते हैं। इन सभी बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए सूर्य ग्रह शांति जाप करवाना चाहिए।
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एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित पुजारियों द्वारा सूर्य ग्रह दोष की शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा सूर्यदेव के मंत्र "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः' का 7000 जाप होता है।
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विशेषताएं:-
सूर्य देव ज्ञान और शक्ति के देवता हैं जिन्हे सभी 9 ग्रहों में राजा की उपाधि दी गयी है। इन्हे सूर्यनारायण के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है जो सभी ग्रहों में सबसे दयालु हैं। ये कुंडली में जातक के मान-सम्मान, कामयाबी, सरकारी रोजगार आदि को दर्शाते हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य अशुभकारी अथवा कमजोर स्तिथि में हों, तो ऐसे जातक के मान-सम्मान में कमी आती है, उनके पिता को कोई न कोई कष्ट घेरे रहता है, साथ ही जातक को दिल अथवा आँखों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वहीं दूसरी ओर अगर यह कुंडली में शुभकारी प्रभाव दर्शा रहे हों तो ऐसा जातक कामयाबी की सीढ़ी चढ़ता रहता है, साथ ही चारो ओर उसका बखान गूंजता रहता है।
एस्ट्रोकाका द्वारा दी जाने सेवा में भगवान् सूर्य को प्रसन्न करने हेतु उनका सम्पूर्ण विधि-विधान द्वारा मंत्रों का जाप करते हुए पूजन किया जाता है।
कैसे संपन्न होता है ये अनुष्ठान?
यह जप रविवार को किए जाने पर सबसे अच्छा परिणाम देता है। इसके अतिरिक्त यह जातक की जन्म तिथि अथवा जन्म नक्षत्र के अनुसार दिन का चुनाव करके भी किया जा सकता है।
सूर्य ग्रह दोष शांति पूजा के लाभ:
पूजन कालावधि:-
ध्यान दें:- इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?