किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर स्तिथि में हैं तो ऐसे जातक बिना किसी गलती के भी अपमानित होते हैं, रोजगार से वंचित हो जाते हैं, साथ ही ये मुँह और दांतों की तकलीफों से परेशान रहते हैं। सूर्य के इन सभी दुष्प्रभावों को वैदिक सूर्य ग्रह शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।
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प्रशिक्षित पुजारियों द्वारा वैदिक सूर्य ग्रह दोष शांति पूजा करवाएं। इस पूजन में सूर्यदेव के निम्न वैदिक मंत्र का 7000 जाप होता है।
वैदिक मंत्र:-
ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।
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विशेषताएं:-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य अगर किसी जातक कुंडली में प्रबल हों तो ऐसे लोग आत्मविश्वास से पूर्ण, लक्ष्य की और केंद्रित,साहसी, और प्रतिभा के धनी होते हैं। इनमे जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और कामयाबी की प्राप्ति होती है।
वहीं दूसरी तरफ अगर ये कुंडली में विषम परिस्थिति उत्पन्न कर रहे हैं तो जातक का जीवन कष्टों से भर जाता है, उसे हर तरफ निराशा और असफलता का सामना करना पड़ता है। साथ ही पिता एवं गुरुजनों के साथ कभी सम्बन्ध बेहतर नहीं रह पाते। इसके अतिरिक्त उसे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से भी रूबरू होना पड़ता है।
एस्ट्रोकाका द्वारा दी जाने सेवा में भगवान् सूर्य को प्रसन्न करने हेतु उनका वैदिक विधि-विधान द्वारा उचित मंत्रों का जाप करते हुए पूजन किया जाता है।
कैसे होती है वैदिक विधि द्वारा भगवन सूर्य की पूजा?
यह जप रविवार को किए जाने पर सबसे अच्छा परिणाम देता है। इसके अतिरिक्त यह जातक के जन्म नक्षत्र के अनुसार किसी शुभ तिथि को चुनकर भी किया जा सकता है।
वैदिक सूर्य ग्रह दोष निवारण पूजा के लाभ:-
पूजन कालावधि:- 1 दिन (4 पुरोहितों द्वारा)
ध्यान दें:- सूर्यदेव के इस वैदिक पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।
एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं वैदिक सूर्य ग्रह दोष निवारण अनुष्ठान?